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कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को जगह दी: जयशंकर - कनाडा खालिस्तानी ताकत जगह

Canada Khalistani forces: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तानी मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को जगह दी है.

Canadian politics have given space to Khalistani forces EAM Jaishankar
कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को जगह दी है: जयशंकर
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By ANI

Published : Jan 2, 2024, 12:54 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को जगह दी है और उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत दी है जो भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त की कि ये कार्रवाई किसी भी देश के हित में नहीं हैं.

विदेश मंत्री जयशंकर ने न्यूज एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा की राजनीति में इन खालिस्तानी ताकतों को बहुत जगह दी गई है.' उन्होंने कहा, 'उन गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी गई है जो मुझे लगता है कि रिश्ते के लिए हानिकारक हैं. ये स्पष्ट रूप से भारत के हित में नहीं है. ये कनाडा के हित में भी नहीं है लेकिन दुर्भाग्य से यह उनकी राजनीति की स्थिति है.'

खालिस्तानी
खालिस्तानी

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का कनाडा में खालिस्तानी मुद्दे से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'जी20 में सभी को शामिल करने का कनाडा में खालिस्तान मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है. खालिस्तान का मुद्दा नया नहीं है. खालिस्तान का मुद्दा वर्षों से मौजूद है. मैं अपनी सरकार, अपने प्रधानमंत्री और अपनी किताब के बारे में बता सकता हूं.

अन्य प्रधानमंत्रियों पर अटकलें लगाना मेरा काम नहीं है.' कनाडा में एक बहुत ही मुखर खालिस्तान समर्थक लॉबी द्वारा देश में तैनात भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के कारण भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में काफी तनाव आ रहा है, जिससे द्विपक्षीय साझेदारी के भविष्य के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में आश्चर्यजनक आरोप लगाया कि 18 जून को सिख एक्टिविस्ट हरदीप सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या करने के मामले में भारत सरकार का हाथ था.

इस बारे में खुफिया जानकारी थी. इसके बाद भारत ने एक बयान जारी करके तेजी से जवाबी कार्रवाई की. भारत ने इस मुद्दे में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. दिलचस्प बात यह है कि ट्रूडो के प्रारंभिक आरोप के बाद व्यापार समझौते के लिए बातचीत में विराम लगाया गया. भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा ने इसकी पुष्टि की. कनाडा ने वार्ता स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया. भारत ने दावों का जोरदार खंडन किया और उन्हें 'बेतुका और प्रेरित' बताया. विदेश मंत्रालय (एमईए) के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा ने आरोपों के समर्थन में 'कोई विशेष जानकारी' नहीं दी.

ये भी पढ़ें- कनाडा से भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की उम्मीद: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को जगह दी है और उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत दी है जो भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त की कि ये कार्रवाई किसी भी देश के हित में नहीं हैं.

विदेश मंत्री जयशंकर ने न्यूज एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा की राजनीति में इन खालिस्तानी ताकतों को बहुत जगह दी गई है.' उन्होंने कहा, 'उन गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी गई है जो मुझे लगता है कि रिश्ते के लिए हानिकारक हैं. ये स्पष्ट रूप से भारत के हित में नहीं है. ये कनाडा के हित में भी नहीं है लेकिन दुर्भाग्य से यह उनकी राजनीति की स्थिति है.'

खालिस्तानी
खालिस्तानी

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का कनाडा में खालिस्तानी मुद्दे से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'जी20 में सभी को शामिल करने का कनाडा में खालिस्तान मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है. खालिस्तान का मुद्दा नया नहीं है. खालिस्तान का मुद्दा वर्षों से मौजूद है. मैं अपनी सरकार, अपने प्रधानमंत्री और अपनी किताब के बारे में बता सकता हूं.

अन्य प्रधानमंत्रियों पर अटकलें लगाना मेरा काम नहीं है.' कनाडा में एक बहुत ही मुखर खालिस्तान समर्थक लॉबी द्वारा देश में तैनात भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के कारण भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में काफी तनाव आ रहा है, जिससे द्विपक्षीय साझेदारी के भविष्य के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में आश्चर्यजनक आरोप लगाया कि 18 जून को सिख एक्टिविस्ट हरदीप सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या करने के मामले में भारत सरकार का हाथ था.

इस बारे में खुफिया जानकारी थी. इसके बाद भारत ने एक बयान जारी करके तेजी से जवाबी कार्रवाई की. भारत ने इस मुद्दे में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. दिलचस्प बात यह है कि ट्रूडो के प्रारंभिक आरोप के बाद व्यापार समझौते के लिए बातचीत में विराम लगाया गया. भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा ने इसकी पुष्टि की. कनाडा ने वार्ता स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया. भारत ने दावों का जोरदार खंडन किया और उन्हें 'बेतुका और प्रेरित' बताया. विदेश मंत्रालय (एमईए) के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा ने आरोपों के समर्थन में 'कोई विशेष जानकारी' नहीं दी.

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