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तृणमूल के राज चक्रवर्ती क्या बन सकेंगे बैरकपुर के 'सुनील दत्त', बदल पाएंगे पुरानी धारणा ? - mamata banerjee

पश्चिम बंगाल के चुनाव में सेलिब्रिटी पर हर पार्टी अपना भरोसा दिखा रही है. बंगाल में सभी पार्टियों ने फिल्मी सितारों के लिए राजनीति का दरवाजा खोल दिया है. बैरकपुर से टीएमसी ने लोकप्रिय बंगाली फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती को अपना उम्मीदवार बनाया है. क्या राज चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी का बेड़ा पार लगा पाएंगे, पढ़िए...

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Published : Mar 21, 2021, 9:22 PM IST

कोलकाता : लोगों में यह भावना व्याप्त है कि अभिनेता से नेता बने सेलिब्रिटी विधायक या सांसद चुने जाने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्रों से गायब हो जाते हैं. हालांकि, कांग्रेस के सेलिब्रिटी उम्मीदवार, स्वर्गीय सुनील दत्त इस मामले में अपवाद थे.

एक बार सुनील दत्त ने अपने सिल्वर स्क्रीन करियर को छोड़कर राजनीति में कदम रखा, तो उन्होंने अपने नए सफर के कार्य को बहुत गंभीरता से लिया. यही कारण है कि वह मुंबई (नॉर्थ-वेस्ट) लोक सभा क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गए. उनकी मृत्यु के 16 साल बाद भी 'दत्त साहब' के रूप में उन्हें याद किया जाता है. जितना फिल्मी दुनिया में उनके कामों की तारीफ हुई, उतना ही दत्त को हमेशा एक राजनेता के रूप में सार्वजनिक प्रशंसा भी मिली.

तृणमूल का बेटा, सेलिब्रिटी 'राज चक्रवर्ती'

सबसे लोकप्रिय बंगाली फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. सवाल फिर से यही उठता है कि यदि वह चुनाव जीत गए, तो क्या पिछले अभिनेताओं की तरह वह भी अपने विधानसभा क्षेत्र से गायब हो जाएंगे या फिर 'दत्त साहेब' की तरह अपने राजनैतिक कामों को गंभीरता से लेंगे.

पढ़ें : प. बंगाल में पहले चरण के चुनाव के लिए सीएपीएफ की 684 कंपनियां होंगी तैनात

हालांकि, अभी राज चक्रवर्ती की किसी से भी तुलना नहीं किया जा सकता. इस मामले में ETV भारत से टीएमसी उम्मीदवार, राज चक्रवर्ती ने कहा, 'मैं जो हूं वो खुद हूं और किसी अन्य की तरह नहीं बनना चाहता. मैं अपने मुख्यमंत्री, ममता बनर्जी के लिए एक सैनिक की तरह चुनाव लड़ रहा हूं. लेकिन मैं यह वादा कर सकता हूं कि यदि मैं चुनाव जीता, तो सेलिब्रिटी जन प्रतिनिधियों के बारे में सामान्य धारणा को गलत साबित कर दूंगा.'

राज चक्रवर्ती ने कहा, 'बैरकपूर का स्थानीय निवासी होने की वजह से लोगों के बीच मैं सेलिब्रिटी फिल्म डायरेक्टर नहीं, बल्कि 'राजू' या 'तृणमूल का बेटा' के नाम से पहचाना जाता हूं.'

ETV भारत से बातचीत के दौरान चक्रवर्ती ने बताया कि वह रोज सुबह 8 बजे बिना किसी गाड़ी के पैदल टहलते हुए जनता के बीच चुनाव प्रचार करने जाते हैं. उन्होने कहा, 'लोगों से कनेक्ट करने का यह मेरा अपना तरीका है. लगभग रोज 15 किलोमीटर लोगों के दरवाजे तक चुनाव प्रचार करने जाता हूं.

पढ़ें : प. बंगाल : शाह जारी करेंगे बीजेपी का घोषणा पत्र, विजन डॉक्यूमेंट सुझाव आधारित

चक्रवर्ती किसी भी इस तरह की बातों को अपने ध्यान में नहीं रखना चाहते. उन्होंने कहा कि मैं अपने जीत को लेकर आश्वस्त हूं. मेरा बस एकमात्र लक्ष्य है कि ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनें.

कोलकाता : लोगों में यह भावना व्याप्त है कि अभिनेता से नेता बने सेलिब्रिटी विधायक या सांसद चुने जाने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्रों से गायब हो जाते हैं. हालांकि, कांग्रेस के सेलिब्रिटी उम्मीदवार, स्वर्गीय सुनील दत्त इस मामले में अपवाद थे.

एक बार सुनील दत्त ने अपने सिल्वर स्क्रीन करियर को छोड़कर राजनीति में कदम रखा, तो उन्होंने अपने नए सफर के कार्य को बहुत गंभीरता से लिया. यही कारण है कि वह मुंबई (नॉर्थ-वेस्ट) लोक सभा क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गए. उनकी मृत्यु के 16 साल बाद भी 'दत्त साहब' के रूप में उन्हें याद किया जाता है. जितना फिल्मी दुनिया में उनके कामों की तारीफ हुई, उतना ही दत्त को हमेशा एक राजनेता के रूप में सार्वजनिक प्रशंसा भी मिली.

तृणमूल का बेटा, सेलिब्रिटी 'राज चक्रवर्ती'

सबसे लोकप्रिय बंगाली फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. सवाल फिर से यही उठता है कि यदि वह चुनाव जीत गए, तो क्या पिछले अभिनेताओं की तरह वह भी अपने विधानसभा क्षेत्र से गायब हो जाएंगे या फिर 'दत्त साहेब' की तरह अपने राजनैतिक कामों को गंभीरता से लेंगे.

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हालांकि, अभी राज चक्रवर्ती की किसी से भी तुलना नहीं किया जा सकता. इस मामले में ETV भारत से टीएमसी उम्मीदवार, राज चक्रवर्ती ने कहा, 'मैं जो हूं वो खुद हूं और किसी अन्य की तरह नहीं बनना चाहता. मैं अपने मुख्यमंत्री, ममता बनर्जी के लिए एक सैनिक की तरह चुनाव लड़ रहा हूं. लेकिन मैं यह वादा कर सकता हूं कि यदि मैं चुनाव जीता, तो सेलिब्रिटी जन प्रतिनिधियों के बारे में सामान्य धारणा को गलत साबित कर दूंगा.'

राज चक्रवर्ती ने कहा, 'बैरकपूर का स्थानीय निवासी होने की वजह से लोगों के बीच मैं सेलिब्रिटी फिल्म डायरेक्टर नहीं, बल्कि 'राजू' या 'तृणमूल का बेटा' के नाम से पहचाना जाता हूं.'

ETV भारत से बातचीत के दौरान चक्रवर्ती ने बताया कि वह रोज सुबह 8 बजे बिना किसी गाड़ी के पैदल टहलते हुए जनता के बीच चुनाव प्रचार करने जाते हैं. उन्होने कहा, 'लोगों से कनेक्ट करने का यह मेरा अपना तरीका है. लगभग रोज 15 किलोमीटर लोगों के दरवाजे तक चुनाव प्रचार करने जाता हूं.

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चक्रवर्ती किसी भी इस तरह की बातों को अपने ध्यान में नहीं रखना चाहते. उन्होंने कहा कि मैं अपने जीत को लेकर आश्वस्त हूं. मेरा बस एकमात्र लक्ष्य है कि ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनें.

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