कोच्चि : कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दूसरी डोज के लिए चार सप्ताह काफी हैं या 84 दिनों तक इंतजार करना होगा, इस पर केरल हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. यह मुद्दा उच्च न्यायालय के समक्ष काइटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका के माध्यम से आया है. जिसमें 84 दिनों तक इंतजार किए बिना अपने कर्मचारियों को कोविशिल्ड वैक्सीन की दूसरी डोज देने की अनुमति मांगी गई है.
काइटेक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि उसने पहले ही अपने 5000 से अधिक श्रमिकों को पहली खुराक का टीका लगाया है. साथ ही करीब 93 लाख रुपये की लागत से दूसरी डोज की व्यवस्था की है लेकिन मौजूदा प्रतिबंधों के कारण इसे प्रशासित करने में असमर्थ है. न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार ने केंद्र, राज्य सरकार और काइटेक्स की ओर से दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह 2 सितंबर को अपना फैसला सुनाएंगे.
काइटेक्स की ओर से पेश अधिवक्ता ब्लेज के जोस ने कहा कि उन्होंने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि सरकार दो खुराक के बीच 84 दिनों के अंतर को लागू कर सकती है यदि कोई उनके माध्यम से वैक्सीन का लाभ उठा रहा है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी जेब से इसके लिए भुगतान कर रहा है तो उसे चार सप्ताह के बाद डोज लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. जो कि टीके के प्रभावी होने के लिए दो डोज के बीच न्यूनतम निर्धारित अंतर है.
उन्होंने कहा कि अधिकतम प्रभावकारिता के लिए 84 दिनों का अंतराल निर्धारित किया गया है लेकिन दूसरी डोज चार सप्ताह के बाद भी ली जा सकती है. जोस ने कहा कि उन्होंने अदालत को बताया कि ओलंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों सहित विदेश जाने वाले लोगों को पहली डोज से चार सप्ताह बाद दूसरी खुराक लेने की अनुमति दी गई और उन्हें 84 दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ा.
केंद्र ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि कोविशिल्ड की दो डोज के बीच 84 दिनों का अंतर वैक्सीन की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए तय किया गया है. जैसा कि नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (NEGVAC) द्वारा राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा उपलब्ध कराए गए तकनीकी इनपुट पर अनुशंसित और आधारित है.