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मिजोरम में ड्रग्स के खिलाफ अभियान का दूसरा चरण शुरू

मिजोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने 46 असम राइफल्स और मिजोरम राज्य में अन्य बटालियनों द्वारा आयोजित नशीली दवाओं के खिलाफ जारी अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ किया. यह अभियान दूर दराज के सीमावर्ती गांवों सहित राज्य भर में चार चरणों में चलाया जा रहा है.

ड्रग्स के खिलाफ अभियान
ड्रग्स के खिलाफ अभियान
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Published : Jan 16, 2021, 7:29 AM IST

आइजोल : मिजोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने 46 असम राइफल्स और मिजोरम राज्य में अन्य बटालियनों द्वारा आयोजित नशीली दवाओं के खिलाफ जारी अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया. इस दौरान समारोह में बोलते हुए लालचमलिया ने कहा कि वह असम राइफल्स के लिए आभारी हैं कि उन्होंने इस तरह के महत्वपूर्ण अभियान का आयोजन किया, जो समय की जरूरत है.

इस अभियान को दूर दराज के सीमावर्ती गांवों सहित राज्य भर में चार चरणों में चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि असम राइफल्स ने राज्य में नशीली दवाओं के प्रभाव को रोकने में राज्य सरकार की सहायता करने और युवाओं को ड्रग्स के बुरे चंगुल से मुक्त करके समाज के समग्र उत्थान में मदद करने के लिए यह व्यापक पहल की है.

ड्रग्स के खिलाफ अभियान

1984 से मिजोरम में अबतक131 महिलाओं सहित 1630 लोगों को नशीली दवाओं के सेवन के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इसके अलावा 2020 में भी नशे के कारण 50 लोगों की मौत हो गई.

बता दें कि भारत में लगभग 0.7 प्रतिशत लोग नशीली दवाओं से प्रभावित है और मिजोरम देश में उच्चतम स्थान पर है.

समाज कल्याण विभाग द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण में आइजोल (राज्य में कुल ड्रग उपयोगकर्ताओं का 27.8 फीसदी लोग हैं) और लॉंग्तेलाई में ऐसे लोगों की सबसे कम संख्या दर्ज की गई है, जो 5.9 प्रतिशत है, पिछले साल असम राइफल्स ने अकेले ही 2.95 लाख की हेरोइन जब्त की थी. साथ ही उसने 29.29 करोड़ रुपए मूल्य की मेथम्फेटामाइन की गोलियां जब्त कीं.

46 बीएन असम राइफल्स के कमांडेंट कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने कहा कि हम राज्य में ड्रग सप्लाई को रोकने के उद्देश्य से इस अभियान को शुरू करना चाहते हैं. जैसा कि इंटेलिजेंस संगठन हैं, म्यांमार से मादक पदार्थों के प्रवाह को जब्त करने में अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं.

इस विशाल एंटी-ड्रग ड्राइव के दूसरे चरण की शुरूआत एस्तेर हंम और असम राइफल्स के डीआईजी द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई.

रोड शो की योजना अगले 5-6 दिनों की अवधि में सीमावर्ती क्षेत्र के विभिन्न दूरदराज के गांवों में जाने की है, जिसमें ह्नालन, न्यू वैखाल्टलांग, कवलबेम, मिम्बुग और नगोपा शामिल हैं.

फाउंडेशन फॉर ड्रग फ़्री मिजोरम और मिजो रिफॉर्म मूवमेंट सहित विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा समर्थन दिया गया और समाज के सभी वर्गों के 162 से अधिक व्यक्तियों ने इसमें भाग लिया, जिसमें आइजोल के 78 छात्र / युवा शामिल थे.

पढ़ें - महाराष्ट्र: लॉकडाउन में नए तरीकों से शिक्षक ने कराई पढ़ाई, अब होगा सम्मान

इसके अलावा रोड शो में भी आइजोल की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई और समूह में मिजो हिमालयन ट्राइब के बाइकर्स ने भाग लिया.

अभियान का तीसरा चरण एक सतत और व्यापक मीडिया ड्राइव होगा, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के दूरदराज के गांवों सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में नशा विरोधी संदेश फैलाना है.

यह अभियान मिजोरम के सभी छात्रों और युवाओं को फरवरी तक सभी शैक्षणिक संस्थानों के विभिन्न जिलों / महाविद्यालयों में व्याख्यान और संवादात्मक सत्र आयोजित करने के संदेश के साथ समाप्त होगा.

अभियान उन लक्ष्यों की एक श्रृंखला को प्राप्त करने के लिए निर्धारित है, जिनमें नशीली दवाओं से संबंधित अपराध और हिंसा में कमी, ड्रग से संबंधित स्वास्थ्य में कमी, शिक्षित करना और मिजो युवाओं को किसी भी रूप में ड्रग्स को अस्वीकार करना और सामयिक उपयोगकर्ताओं को इसके उपयोग को हमेशा के लिए बंद करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है.

ड्राइव का सभी लोगों द्वारा प्रोत्साहित किया गया और सभी उपस्थित लोगों और समाज के विभिन्न स्तरों द्वारा इसकी सराहना की गई. साथ ही असम राइफल्स को भविष्य में भी इस तरह के समाज कल्याण उन्मुख गतिविधियों के साथ जारी रखने की उम्मीद जताई.

आइजोल : मिजोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने 46 असम राइफल्स और मिजोरम राज्य में अन्य बटालियनों द्वारा आयोजित नशीली दवाओं के खिलाफ जारी अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया. इस दौरान समारोह में बोलते हुए लालचमलिया ने कहा कि वह असम राइफल्स के लिए आभारी हैं कि उन्होंने इस तरह के महत्वपूर्ण अभियान का आयोजन किया, जो समय की जरूरत है.

इस अभियान को दूर दराज के सीमावर्ती गांवों सहित राज्य भर में चार चरणों में चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि असम राइफल्स ने राज्य में नशीली दवाओं के प्रभाव को रोकने में राज्य सरकार की सहायता करने और युवाओं को ड्रग्स के बुरे चंगुल से मुक्त करके समाज के समग्र उत्थान में मदद करने के लिए यह व्यापक पहल की है.

ड्रग्स के खिलाफ अभियान

1984 से मिजोरम में अबतक131 महिलाओं सहित 1630 लोगों को नशीली दवाओं के सेवन के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इसके अलावा 2020 में भी नशे के कारण 50 लोगों की मौत हो गई.

बता दें कि भारत में लगभग 0.7 प्रतिशत लोग नशीली दवाओं से प्रभावित है और मिजोरम देश में उच्चतम स्थान पर है.

समाज कल्याण विभाग द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण में आइजोल (राज्य में कुल ड्रग उपयोगकर्ताओं का 27.8 फीसदी लोग हैं) और लॉंग्तेलाई में ऐसे लोगों की सबसे कम संख्या दर्ज की गई है, जो 5.9 प्रतिशत है, पिछले साल असम राइफल्स ने अकेले ही 2.95 लाख की हेरोइन जब्त की थी. साथ ही उसने 29.29 करोड़ रुपए मूल्य की मेथम्फेटामाइन की गोलियां जब्त कीं.

46 बीएन असम राइफल्स के कमांडेंट कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने कहा कि हम राज्य में ड्रग सप्लाई को रोकने के उद्देश्य से इस अभियान को शुरू करना चाहते हैं. जैसा कि इंटेलिजेंस संगठन हैं, म्यांमार से मादक पदार्थों के प्रवाह को जब्त करने में अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं.

इस विशाल एंटी-ड्रग ड्राइव के दूसरे चरण की शुरूआत एस्तेर हंम और असम राइफल्स के डीआईजी द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई.

रोड शो की योजना अगले 5-6 दिनों की अवधि में सीमावर्ती क्षेत्र के विभिन्न दूरदराज के गांवों में जाने की है, जिसमें ह्नालन, न्यू वैखाल्टलांग, कवलबेम, मिम्बुग और नगोपा शामिल हैं.

फाउंडेशन फॉर ड्रग फ़्री मिजोरम और मिजो रिफॉर्म मूवमेंट सहित विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा समर्थन दिया गया और समाज के सभी वर्गों के 162 से अधिक व्यक्तियों ने इसमें भाग लिया, जिसमें आइजोल के 78 छात्र / युवा शामिल थे.

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इसके अलावा रोड शो में भी आइजोल की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई और समूह में मिजो हिमालयन ट्राइब के बाइकर्स ने भाग लिया.

अभियान का तीसरा चरण एक सतत और व्यापक मीडिया ड्राइव होगा, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के दूरदराज के गांवों सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में नशा विरोधी संदेश फैलाना है.

यह अभियान मिजोरम के सभी छात्रों और युवाओं को फरवरी तक सभी शैक्षणिक संस्थानों के विभिन्न जिलों / महाविद्यालयों में व्याख्यान और संवादात्मक सत्र आयोजित करने के संदेश के साथ समाप्त होगा.

अभियान उन लक्ष्यों की एक श्रृंखला को प्राप्त करने के लिए निर्धारित है, जिनमें नशीली दवाओं से संबंधित अपराध और हिंसा में कमी, ड्रग से संबंधित स्वास्थ्य में कमी, शिक्षित करना और मिजो युवाओं को किसी भी रूप में ड्रग्स को अस्वीकार करना और सामयिक उपयोगकर्ताओं को इसके उपयोग को हमेशा के लिए बंद करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है.

ड्राइव का सभी लोगों द्वारा प्रोत्साहित किया गया और सभी उपस्थित लोगों और समाज के विभिन्न स्तरों द्वारा इसकी सराहना की गई. साथ ही असम राइफल्स को भविष्य में भी इस तरह के समाज कल्याण उन्मुख गतिविधियों के साथ जारी रखने की उम्मीद जताई.

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