हैदराबाद: तेलंगाना में चुनाव प्रचार का दौर ख़त्म हो गया है. कई दिनों से शोर मचा रहे स्पीकर्स बंद कर दिए गए हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव की घोषणा जहां नौ अक्टूबर को जारी हुई थी, वहीं अधिसूचना इसी महीने की तीन तारीख को जारी हुई. मतदान से पहले ही राज्य में चुनावी माहौल गरमा गया है. नामांकन का दौर खत्म होने के बाद प्रचार अभियान और तेज हो गया.
सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के साथ-साथ विपक्षी दलों, कांग्रेस और भाजपा ने विधानसभा चुनावों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया. एमआईएम, बीएसपी, वामपंथी दल और निर्दलीय समेत अन्य पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई. शीर्ष नेताओं ने संबंधित दलों की ओर से राज्य भर में प्रचार बैठकों, रैलियों और रोड शो में भाग लिया. उन्होंने अपनी पार्टी की नीतियों को समझाकर और विपक्ष के रुख की आलोचना करके अभियान को गर्म कर दिया.
राज्य में चुनाव प्रचार आलोचना-प्रतिआलोचना से भरा रहा. संबंधित पार्टियों की ओर से घोषित चुनावी घोषणापत्रों को जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. पिछले कुछ समय से चल रहा चुनाव प्रचार मंगलवार शाम 5 बजे थम गया. मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव अभियान पर विराम लग गया. सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में से 13 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 30 तारीख को शाम चार बजे तक किया जाएगा.
मंगलवार शाम चार बजे 13 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार समाप्त हो गया. इस लिस्ट में सिरपुर, चेन्नूर, बेल्लमपल्ली, मंचिरयाला, आसिफाबाद, मंथनी, भूपालपल्ली, मुलुगु, पिनापाका, इलंडु, कोठागुडेम, अश्वरावपेट और भद्राचलम निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं. बाकी 106 सीटों पर चुनाव प्रचार शाम पांच बजे तक समाप्त हुआ. मौन अवधि शुरू होने के साथ ही प्रतिबंध लागू हो गए. इसके चलते कोई भी सभा, बैठक, रैली या रोड शो अब नहीं किया जा सकता.
पूरे राज्य में धारा 144 लागू हो गई. पुलिस ने मुख्य रूप से प्रलोभनों की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित किया है. सभी जगह सघन निरीक्षण के साथ ही सतर्कता बढ़ा दी गई है. राज्य की सीमाओं पर स्थापित चेक पोस्टों पर चेकिंग अभियान सख्त कर दिया गया है. इसके तहत शाम पांच बजे से शराब की दुकानें, बार और पत्थर की दुकानें बंद कर दी गईं.