कोलकाता: क्रिकेटर मोहम्मद शमी कलकत्ता उच्च न्यायालय में मुश्किल में पड़ गए हैं क्योंकि उनकी पत्नी हसीन जहां का 'भरण-पोषण' का मामला 5 साल से अदालत में लटका हुआ है. न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मामले का शीघ्र निस्तारण करने का आदेश दिया. मशहूर क्रिकेटर शमी की पत्नी हसीन जहां फिलहाल वैवाहिक कलह के चलते अलग रह रही हैं. लेकिन शमी को गुजारा भत्ता के तौर पर हर महीने मोटी रकम देने की मांग की है. हालांकि शमी को कितनी रकम देनी चाहिए, इस बात को लेकर वे लंबे समय से विवाद चल रहा है.
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मामले के निपटारे से पहले अलीपुर कोर्ट को हसीन को 'अंतरिम रखरखाव' के रूप में मिलने वाली राशि पर फैसला करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट को जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया है. कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी ने अलीपुर कोर्ट को गुजारा भत्ता के मुद्दे पर 27 फरवरी को फैसला करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि हसीन जहां ने शमी के परिवार पर प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. इसके अलावा, शमी ने यह आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि वह दूसरे रिश्ते में हैं. वह मामला अभी तक सुलझा नहीं है.
अलीपुर अदालत को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक चौधरी द्वारा मामले को शीघ्रता से निपटाने का आदेश दिया गया था. हसीन जहां ने जादवपुर थाने में शिकायत की थी कि शमी का एक पाकिस्तानी महिला से विवाहेतर संबंध है. यहां तक कि उसने हसीन को पत्नी के रूप में उसकी जायज संपत्ति से भी वंचित कर दिया. हसीन ने यह भी कहा कि शमी ने उसे प्रताड़ित किया, पीटा, बलात्कार के साथ हत्या का प्रयास किया. इतना ही नहीं, हसीन जहां ने यह भी दावा किया कि शमी के बड़े भाई ने भी उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए.