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ममता को महंगा पड़ा जज पर आरोप लगाना, HC ने लगाया जुर्माना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक केस से न्यायाधीश को हटाने की मांग तब महंगी पड़ गई, जब कोलकाता उच्च न्यायालय ने पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया. उन्होंने नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के जज जस्टिस कौशिक चंदा (Justice Kaushik Chanda) को हटाने की मांग की थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
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Published : Jul 7, 2021, 12:22 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 12:49 PM IST

कोलकाता : कोलकाता उच्च न्यायालय (Culcatta High Court) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) पर एक केस से जज को हटाने की मांग करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. उन्होंने नंदीग्राम चुनाव केस की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के जज जस्टिस कौशिक चंदा (Justice Kaushik Chanda) को हटाने की मांग की थी.

वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार पाते हुए सीएम ममता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मुख्यमंत्री से वसूली जाने वाली जुर्माने की रकम से कोरोना काल में जान गंवाने वाले वकीलों के परिवारों की मदद की जाएगी. इसके साथ ही जस्टिस कौशिक चंद ने अपने व्यक्तिगत विवेक के आधार पर मामले की और सुनवाई नहीं करने का फैसला किया है. इसके अलावा मामले को अपनी पीठ से अलग कर दिया है.

पढ़ें : कलकत्ता HC का शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ जांच पर रोक से इनकार

बता दें कि ममता बनर्जी ने जज कौशिक चंदा पर आरोप लगाया था कि उनके भाजपा (Bharatiya Janata Party-BJP) के साथ रिश्ते हैं. तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress-TMC) प्रमुख के इस मामले की सुनवाई भी खुद जस्टिस कौशिक चंदा ने की. उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक दल के लिए उपस्थित होता है, तो यह असामान्य है लेकिन वह एक मामले की सुनवाई करते समय अपने पूर्वाग्रह को छोड़ देता है.

कोलकाता : कोलकाता उच्च न्यायालय (Culcatta High Court) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) पर एक केस से जज को हटाने की मांग करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. उन्होंने नंदीग्राम चुनाव केस की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के जज जस्टिस कौशिक चंदा (Justice Kaushik Chanda) को हटाने की मांग की थी.

वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार पाते हुए सीएम ममता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मुख्यमंत्री से वसूली जाने वाली जुर्माने की रकम से कोरोना काल में जान गंवाने वाले वकीलों के परिवारों की मदद की जाएगी. इसके साथ ही जस्टिस कौशिक चंद ने अपने व्यक्तिगत विवेक के आधार पर मामले की और सुनवाई नहीं करने का फैसला किया है. इसके अलावा मामले को अपनी पीठ से अलग कर दिया है.

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बता दें कि ममता बनर्जी ने जज कौशिक चंदा पर आरोप लगाया था कि उनके भाजपा (Bharatiya Janata Party-BJP) के साथ रिश्ते हैं. तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress-TMC) प्रमुख के इस मामले की सुनवाई भी खुद जस्टिस कौशिक चंदा ने की. उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक दल के लिए उपस्थित होता है, तो यह असामान्य है लेकिन वह एक मामले की सुनवाई करते समय अपने पूर्वाग्रह को छोड़ देता है.

Last Updated : Jul 7, 2021, 12:49 PM IST
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