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Relief to Abhishek Banerjee: कलकत्ता हाई कोर्ट से अभिषेक बनर्जी को राहत, ED को कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने ईडी को निर्देश दिया कि ईसीआईआर के आधार पर बनर्जी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकती. अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए गए सबूत बनर्जी की गिरफ्तारी के वारंट के लिए पर्याप्त नहीं हैं.

Calcutta HC gives relief to Abhishek Banerjee
कलकत्ता हाई कोर्ट से अभिषेक बनर्जी को राहत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2023, 2:17 PM IST

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को शुक्रवार को राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि वह पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में सांसद के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे. तृणमूल ने अदालत के इस फैसले की सराहना की है, जबकि विपक्षी कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अदालत के आदेश पर अपनी टिप्पणी सुरक्षित रखी. अदालत ने निदेशालय द्वारा बनर्जी के खिलाफ दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) खारिज नहीं की. ईसीआईआर प्राथमिकी के समान होती है.

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने ईडी को निर्देश दिया कि ईसीआईआर के आधार पर बनर्जी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकती. अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए गए सबूत बनर्जी की गिरफ्तारी के वारंट के लिए पर्याप्त नहीं हैं. उसने यह भी कहा कि सरकारी और सरकार प्रायोजित विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर बनर्जी के खिलाफ जांच जारी रहेगी. तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'इस फैसले से पता चलता है कि केंद्रीय एजेंसी बनर्जी के पीछे पड़ी हैं और उन्हें परेशान कर रही हैं, क्योंकि वह भाजपा की सांप्रदायिक और नफरत भरी राजनीति के खिलाफ लड़ने वाली प्रमुख ताकतों में से एक हैं.'

उन्होंने कहा, 'अदालत ने ईडी को अभिषेक को और परेशान करने से रोक दिया है. वह जांच में मदद कर रहे हैं और हम जानते हैं कि वह जांचकर्ताओं की मदद करना जारी रखेंगे. हम सभी जानते हैं कि सच्चाई सामने आ जाएगी.' कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि बनर्जी के खिलाफ मुकदमा जारी है और जब तक वह अदालत से बरी नहीं हो जाते, तब तक इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा,'अदालत ने ईडी की जांच के संबंध में कुछ टिप्पणियां की हैं। इस समय और टिप्पणी करना उचित नहीं है.'

पढ़ें: BJP Mahila Morcha thank PM Modi: भाजपा कार्यालय में हुआ पीएम का स्वागत, बोले- महिला आरक्षण बिल की राह में कई बाधाएं थीं

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उनके मन में सवाल उठता है कि अगर बनर्जी दोषी नहीं हैं तो उन्हें अदालत से 'इतने रक्षा कवचों' की आवश्यकता क्यों है.

पीटीआई-भाषा

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को शुक्रवार को राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि वह पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में सांसद के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे. तृणमूल ने अदालत के इस फैसले की सराहना की है, जबकि विपक्षी कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अदालत के आदेश पर अपनी टिप्पणी सुरक्षित रखी. अदालत ने निदेशालय द्वारा बनर्जी के खिलाफ दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) खारिज नहीं की. ईसीआईआर प्राथमिकी के समान होती है.

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने ईडी को निर्देश दिया कि ईसीआईआर के आधार पर बनर्जी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकती. अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए गए सबूत बनर्जी की गिरफ्तारी के वारंट के लिए पर्याप्त नहीं हैं. उसने यह भी कहा कि सरकारी और सरकार प्रायोजित विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर बनर्जी के खिलाफ जांच जारी रहेगी. तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'इस फैसले से पता चलता है कि केंद्रीय एजेंसी बनर्जी के पीछे पड़ी हैं और उन्हें परेशान कर रही हैं, क्योंकि वह भाजपा की सांप्रदायिक और नफरत भरी राजनीति के खिलाफ लड़ने वाली प्रमुख ताकतों में से एक हैं.'

उन्होंने कहा, 'अदालत ने ईडी को अभिषेक को और परेशान करने से रोक दिया है. वह जांच में मदद कर रहे हैं और हम जानते हैं कि वह जांचकर्ताओं की मदद करना जारी रखेंगे. हम सभी जानते हैं कि सच्चाई सामने आ जाएगी.' कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि बनर्जी के खिलाफ मुकदमा जारी है और जब तक वह अदालत से बरी नहीं हो जाते, तब तक इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा,'अदालत ने ईडी की जांच के संबंध में कुछ टिप्पणियां की हैं। इस समय और टिप्पणी करना उचित नहीं है.'

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माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उनके मन में सवाल उठता है कि अगर बनर्जी दोषी नहीं हैं तो उन्हें अदालत से 'इतने रक्षा कवचों' की आवश्यकता क्यों है.

पीटीआई-भाषा

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