ETV Bharat / bharat

CBI-ED to Quiz Abhishek Banerjee : सीबीआई और ईडी को अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की इजाजत मिली

सीबीआई और ईडी को प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की इजाजत मिल गई है. मामला शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा है. हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.

Abhishek Banerjee, TMC Leader
अभिषेक बनर्जी , टीएमसी नेता
author img

By

Published : Apr 13, 2023, 6:49 PM IST

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सीबीआई और ईडी को तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता कुंतल घोष के आरोपों के सिलसिले में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की अनुमति दे दी. पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार घोष ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर घोटाले में अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रही हैं.

न्यायामूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने ईडी और सीबीआई को यह भी अनुमति दी कि यदि केंद्रीय एजेंसियों को जरूरी लगता है तो वे इस मामले में कुंतल घोष से भी पूछताछ कर सकती हैं. घोष शिक्षक भर्ती घोटाले में न्यायकि हिरासत में है. उसने बुधवार को स्थानीय पुलिस को भेजे एक पत्र में आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं के नाम घोटाले से जोड़ने का दबाव बना रही हैं.

इससे पहले उन्होंने कोलकाता की एक विशेष अदालत के जज को भी इसी तरह का एक पत्र भेजा था. ईडी ने बुधवार को न्यायामूर्ति गंगोपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष कहा था कि घोष के आरोप सीधे-सीधे भर्ती घोटाले को प्रभावित करने की कोशिश है. ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को एकल पीठ ने ईडी और सीबीआई को घोष और बनर्जी से पूछताछ की इजाजत दे दी. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अभिषेक बनर्जी के 29 मार्च के उस सार्वजनिक बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई मदन मित्रा जैसे पार्टी नेताओं पर उनका नाम लेने का आरोप लगा रही है.

संयोगवश, घोष ने इसके अगले ही दिन कोलकाता की एक विशेष अदालत के जज को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसी द्वारा दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया था. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि क्या दोनों घटनाओं में कोई संबंध है. इसी एकल बेंच ने बुधवार को निचली अदालत या पुलिस द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ घोष के आरोपों के सिलसिले में किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. उन्होंने इस मामले में कुछ तल्ख टिप्पणी भी की थी. उन्होंने कहा, यह एक खतरनाक ट्रेंड है. जांच अधिकारियों को धमकी दी जा रही है. यह जांच प्रक्रिया में बाधा खड़ी करने का सीधा-सीधा प्रयास है. न्याय की रक्षा के लिए इसे रोका जाना चाहिए. इस तरह के ओवर-स्मार्ट प्रयास बर्दाश्त नहीं किए जा सकते.

ये भी पढ़ें : यदि राहुल अयोग्य हैं तो महिलाओं की भावनाओं को आहत करने के लिए मोदी पर कार्रवाई क्यों नहीं: अभिषेक बनर्जी

(आईएएनएस)

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सीबीआई और ईडी को तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता कुंतल घोष के आरोपों के सिलसिले में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की अनुमति दे दी. पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार घोष ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर घोटाले में अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रही हैं.

न्यायामूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने ईडी और सीबीआई को यह भी अनुमति दी कि यदि केंद्रीय एजेंसियों को जरूरी लगता है तो वे इस मामले में कुंतल घोष से भी पूछताछ कर सकती हैं. घोष शिक्षक भर्ती घोटाले में न्यायकि हिरासत में है. उसने बुधवार को स्थानीय पुलिस को भेजे एक पत्र में आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं के नाम घोटाले से जोड़ने का दबाव बना रही हैं.

इससे पहले उन्होंने कोलकाता की एक विशेष अदालत के जज को भी इसी तरह का एक पत्र भेजा था. ईडी ने बुधवार को न्यायामूर्ति गंगोपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष कहा था कि घोष के आरोप सीधे-सीधे भर्ती घोटाले को प्रभावित करने की कोशिश है. ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को एकल पीठ ने ईडी और सीबीआई को घोष और बनर्जी से पूछताछ की इजाजत दे दी. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अभिषेक बनर्जी के 29 मार्च के उस सार्वजनिक बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई मदन मित्रा जैसे पार्टी नेताओं पर उनका नाम लेने का आरोप लगा रही है.

संयोगवश, घोष ने इसके अगले ही दिन कोलकाता की एक विशेष अदालत के जज को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसी द्वारा दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया था. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि क्या दोनों घटनाओं में कोई संबंध है. इसी एकल बेंच ने बुधवार को निचली अदालत या पुलिस द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ घोष के आरोपों के सिलसिले में किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. उन्होंने इस मामले में कुछ तल्ख टिप्पणी भी की थी. उन्होंने कहा, यह एक खतरनाक ट्रेंड है. जांच अधिकारियों को धमकी दी जा रही है. यह जांच प्रक्रिया में बाधा खड़ी करने का सीधा-सीधा प्रयास है. न्याय की रक्षा के लिए इसे रोका जाना चाहिए. इस तरह के ओवर-स्मार्ट प्रयास बर्दाश्त नहीं किए जा सकते.

ये भी पढ़ें : यदि राहुल अयोग्य हैं तो महिलाओं की भावनाओं को आहत करने के लिए मोदी पर कार्रवाई क्यों नहीं: अभिषेक बनर्जी

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.