कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने त्रिपुरा हाउस में एक ऊंची इमारत के निर्माण में नियमों के कथित उल्लंघन की सीबीआई जांच के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी से हर मामले की जांच करने को नहीं कहा जा सकता. यहां स्थित त्रिपुरा हाउस देब बर्मन राजपरिवार का महल है.
न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति शुभेंदु सामंत की खंडपीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बहुत से मामलों में कहा है कि व्यापक सार्वजनिक और राष्ट्रीय हितों वाले मामलों में ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच का जिम्मा सौंपा जाना चाहिए.पीठ ने 20 मई के अपने आदेश में कहा, 'हर मामले में, सीबीआई को जांच एजेंसी के तौर पर काम करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए.'
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अदालत ने कहा कि सीबीआई जांच का निर्देश और शहर के महंगे इलाके में 22 मंजिला इमारत के मालिक और डेवलपर द्वारा पैसा जमा कराने कराए जाने के एकल पीठ के आदेश पर सुनवाई की अगली तारीख आठ जून तक रोक लगाई जाती है. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने 19 मई को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह धरोहर संपत्ति में निर्माण के लिए ली गई मंजूरी में संभावित गड़बड़ी की जांच करे. बालीगंज सर्कुलर रोड पर स्थित त्रिपुरा हाउस पूर्ववर्ती महाराजा के परिवार की संपत्ति है.