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आत्मनिर्भर भारत : दूसरे देशों की शक्ति बढ़ाएंगी भारत की आकाश मिसाइलें - आकाश मिसाइल के निर्यात को मंजूरी

भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है.

आकाश मिसाइल के निर्यात को मंजूरी
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Published : Dec 30, 2020, 4:51 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 5:01 PM IST

नई दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा प्लेटफार्मों और मिसाइलों की व्यापक विविधता के निर्माण की अपनी क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है. ऐसे में कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है.

इस बात की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट किया कि आकाश का निर्यात संस्करण वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के साथ तैनात सिस्टम से अलग होगा.

निर्यात के लिए तेजी से अनुमोदन प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाली एक समिति बनाई गई है. यह समिति विभिन्न देशों को प्रमुख स्वदेशी प्लेटफार्मों के बाद के निर्यात को अधिकृत करेगी.

आकाश 96 प्रतिशत से अधिक स्वदेशीकरण के साथ महत्वपूर्ण मिसाइल है. आकाश सर्फेस टू एयर मिसाइल है, जिसकी रेंज 25 किलोमीटर है. इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था.

पढ़ें- कैबिनेट का बड़ा फैसला, इन देशों में स्थापित होगा भारतीय मिशन

आकाश के अलावा अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों जैसे तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफार्मों में आने में रुचि है. आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है.

भारत सरकार 5 बिलियन अमेरिकी डालर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए उच्च मूल्य वाले रक्षा प्लेटफार्मों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

नई दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा प्लेटफार्मों और मिसाइलों की व्यापक विविधता के निर्माण की अपनी क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है. ऐसे में कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है.

इस बात की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट किया कि आकाश का निर्यात संस्करण वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के साथ तैनात सिस्टम से अलग होगा.

निर्यात के लिए तेजी से अनुमोदन प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाली एक समिति बनाई गई है. यह समिति विभिन्न देशों को प्रमुख स्वदेशी प्लेटफार्मों के बाद के निर्यात को अधिकृत करेगी.

आकाश 96 प्रतिशत से अधिक स्वदेशीकरण के साथ महत्वपूर्ण मिसाइल है. आकाश सर्फेस टू एयर मिसाइल है, जिसकी रेंज 25 किलोमीटर है. इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था.

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आकाश के अलावा अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों जैसे तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफार्मों में आने में रुचि है. आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है.

भारत सरकार 5 बिलियन अमेरिकी डालर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए उच्च मूल्य वाले रक्षा प्लेटफार्मों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

Last Updated : Dec 30, 2020, 5:01 PM IST
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