जबलपुर। Jabalpur के बंटी बबली डॉक्टर दंपति ने आयुष्मान योजना के तहत कर डाला बड़ा फर्जीवाड़ा. राइट टाउन स्थित सेंट्रल किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़ा की परतें प्याज के छिलके की तरह खुलती जा रही हैं. जिसके चलते फर्जीवाड़ा करने वाले डॉक्टर दंपत्ति की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल संचालक डॉ. दुहिता पाठक और उनके पति डॉ. अश्विनी पाठक को होटल में अस्पताल चलाने के अपराध में गिरफ्तार किया था. डॉ. अश्विनी पाठक द्वारा वेगा होटल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने के नाम पर साधारण सर्दी बुखार वाले मरीजों को भर्ती करते थे. इसके बाद उनकी फर्जी रिपोर्ट बनाकर आयुष्मान योजना की राशि हड़प रहे थे. इस खुलासे के दौरान पुलिस ने होटल को सील कर दिया था. वहां भर्ती मरीजों की फाइल्स जब्त करते हुए जांच शुरू कर दी गई. पुलिस के साथ साथ आयुष्मान विभाग भी जांच में जुटा हुआ है. पुलिस ने आरोपी डॉक्टर दंपति के साथ हॉस्पिटल के मैनेजर और कम्प्यूटर ऑपरेटर को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. (Jabalpur doctor couple fraud in Ayushman scheme)
जांच में जुटी एसआईटीः इस मामले की जाँच में जुटी एसआईटी द्वारा दस्तावेज खंगाले जाने पर चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं. किडनी अस्पताल का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद पूरी जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. जांच के दौरान एसआईटी द्वारा अस्पताल के कम्प्यूटर व मेडिकल स्टोर से डाटा जब्त किया गया था. उसकी भी बारीकी से जांच की जा रही है. जांच के दौरान अस्पताल में भर्ती करीब डेढ़ सौ मरीज ऐसे बताए जा रहे हैं जो कि एक ही परिवार के हैं. इस जानकारी के आधार पर जाँच टीम द्वारा सूचीबद्ध किए गए इन मरीजों को नोटिस जारी कर इलाज की फाइल लेकर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं. इन मरीजों की फाइलों व इनका क्या इलाज हुआ, इस संबंध में पूछताछ कर बयान दर्ज किए जाएंगे. वहीं एसआईटी द्वारा आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ धीरज दवंडे को तीन बार नोटिस जारी किया जा चुका है. उन्हें गुरुवार को जांच टीम के समक्ष उपस्थित होने कहा गया था लेकिन वे नहीं पहुँचे. इसके अलावा योजना से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराने के लिए एसआईटी द्वारा गुरुवार को सीएमएचओ को पत्र लिखा गया है. (Jabalpur grabbed lakhs of rupees fraud treatment)
अब तक हो चुका है एक हजार मरीजों का इलाजः डॉक्टर अश्विनी पाठक द्वारा वर्ष 2019 में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज शुरू किया था. अब तक करीब एक हजार मरीजों का इलाज किया गया है. माना जा रहा है कि अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाने वाले अधिकतर मरीज सामान्य बीमारियों से ग्रस्त थे. डॉक्टर दंपति ने दलालों के माध्यम से उन्हें भर्ती कर आयुष्मान योजना की राशि निकाली है. बहरहाल इस मामले में अभी कई दलाल और अस्पताल में सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स, पैथोलॉजी सेंटर एवं रोगों की जांच करने वाली संस्थाएं जांच के दायरे में हैं. पुलिस की मानें तो इसकी जांच पूरी होने में काफी वक्त लग सकता है. (Jabalpur treatment to 150 people of same family)