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खनन माफिया हाजी इकबाल की संपत्ति पर चला बुलडोजर, 21 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क

यूपी के सहारनपुर में बाबा का बुलडोजर खनन माफिया पर दौड़ा. पुलिस ने थाना मिर्जापुर इलाके के विभिन्न गांवों से अवैध खनन कर अर्जित की गई करोड़ों की सम्पत्ति जब्त की है.

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खनन माफिया हाजी इकबाल
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Published : May 2, 2022, 6:28 AM IST

सहारनपुरः पुलिस ने मिर्जापुर इलाके के कई गांवों से अवैध खनन कर अर्जित की गई करोड़ों की संपत्ति जब्त की. जब्त की गई खेती की जमीन पूर्व बीएसपी एमएलसी और खनन माफिया हाजी इकबाल के नौकर नसीम के नाम से है. हाजी इकबाल ने अवैध खनन से कमाए गए पैसे से किसानों की जमीन खरीद कर नौकर नसीम के नाम कराया था.

हैरानी की बात ये है कि नौकर नसीम यूपी की तीन चीनी मिलों का भी मालिक है. जबकि वो मजदूरी करके ही अपने परिवार का पालन पोषण करता है. खनन माफिया के खिलाफ अबतक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है. 21 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को जब्त किया गया है. जिसके बाद खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि खनन माफिया अंडरग्राउंड हो गया है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.

ये दी जानकारी

आपको बता दें कि हाजी इकलाब उर्फ बाबा ने बीएसपी शासन काल में यमुना नदी का सीना चीर कर न सिर्फ एनजीटी के आदेशों का माखौल उड़ाया था. बल्कि अवैध खनन कर अकूत संपति अर्जित की थी. शासन प्रशासन को मिली भगत से कुछ सालों में फर्स से अर्स तक पहुंच गया. देखते ही देखते हजारों करोड़ की चल, अचल संपत्ति जुटा ली. खास बात ये है कि हाजी इकबाल ने आसपास के सैकड़ों गांव से हजारों बीघा जमीन डरा धमका कर ओने-पौने दामों में खरीद ली. अपने नौकरों, रिस्तेदारों, परिजनों के नाम करा दिये. जिसके चलते हाजी इकबाल समेत कई लोगों के खिलाफ गैंगस्टर समेत 24 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.

आज की तारीख में हाजी इकबाल के पास जहां विभिन्न नामों से कई हजार बीघा जमीन है. बल्कि 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये 111 कंपनियों में लगाया हुआ है. जिसकी जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. बावजूद इसके हाजी इकबाल का रसूख कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते गरीब किसानों की जमीन को जबरन औने-पौने दामों में खरीद कर चहेतों के नाम कराई जा रही है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक करीब 6 महीने पहले एसएसपी ने एसआईटी टीम गठित कर एसपी देहात के नेतृत्व में जांच कराई तो इकबाल बाला का खेला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने नौकर नसीम को गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

एसपी देहात सूरज राय ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि नसीम अहमद खनन माफिया इकबाल बाला गैंग का सक्रिय सदस्य था. जिसके खिलाफ गैंगस्टर समेत कई धाराओं में मुकदमे दर्ज किये गये थे. एसआईटी की जांच में पाया गया कि हाजी इकबाल की मदद से नसीम ने अपराध करके ये अकूत संपत्ति अर्जित की थी. 11 गांवों के किसानों की करीब 300 बीघा जमीन जबरन खरीदी गई थी. जिसकी कीमत सर्किल रेट के हिसाब से 22 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है. जिस संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई आज की गई है. उसके साथ ही मुनादी कर ग्रामीणों को बताया गया कि संपत्ति अब सरकारी संपत्ति में शामिल कर लिया गया है. जांच में पाया गया है कि नसीम अहमद की आय को कोई बड़ा साधन नहीं था. जिससे अकूत संपत्ति अर्जित की जा सके. लेकिन इसके नाम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन और तीन शुगर मिल पाई गई है. जिसके चलते पुलिस ने आज ये कार्रवाई की है.

पढ़ें- यूपी-एमपी के बाद अन्य राज्यों में भी फैल रही बीजेपी की बुलडोजर पॉलिटिक्स

सहारनपुरः पुलिस ने मिर्जापुर इलाके के कई गांवों से अवैध खनन कर अर्जित की गई करोड़ों की संपत्ति जब्त की. जब्त की गई खेती की जमीन पूर्व बीएसपी एमएलसी और खनन माफिया हाजी इकबाल के नौकर नसीम के नाम से है. हाजी इकबाल ने अवैध खनन से कमाए गए पैसे से किसानों की जमीन खरीद कर नौकर नसीम के नाम कराया था.

हैरानी की बात ये है कि नौकर नसीम यूपी की तीन चीनी मिलों का भी मालिक है. जबकि वो मजदूरी करके ही अपने परिवार का पालन पोषण करता है. खनन माफिया के खिलाफ अबतक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है. 21 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को जब्त किया गया है. जिसके बाद खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि खनन माफिया अंडरग्राउंड हो गया है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.

ये दी जानकारी

आपको बता दें कि हाजी इकलाब उर्फ बाबा ने बीएसपी शासन काल में यमुना नदी का सीना चीर कर न सिर्फ एनजीटी के आदेशों का माखौल उड़ाया था. बल्कि अवैध खनन कर अकूत संपति अर्जित की थी. शासन प्रशासन को मिली भगत से कुछ सालों में फर्स से अर्स तक पहुंच गया. देखते ही देखते हजारों करोड़ की चल, अचल संपत्ति जुटा ली. खास बात ये है कि हाजी इकबाल ने आसपास के सैकड़ों गांव से हजारों बीघा जमीन डरा धमका कर ओने-पौने दामों में खरीद ली. अपने नौकरों, रिस्तेदारों, परिजनों के नाम करा दिये. जिसके चलते हाजी इकबाल समेत कई लोगों के खिलाफ गैंगस्टर समेत 24 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.

आज की तारीख में हाजी इकबाल के पास जहां विभिन्न नामों से कई हजार बीघा जमीन है. बल्कि 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये 111 कंपनियों में लगाया हुआ है. जिसकी जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. बावजूद इसके हाजी इकबाल का रसूख कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते गरीब किसानों की जमीन को जबरन औने-पौने दामों में खरीद कर चहेतों के नाम कराई जा रही है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक करीब 6 महीने पहले एसएसपी ने एसआईटी टीम गठित कर एसपी देहात के नेतृत्व में जांच कराई तो इकबाल बाला का खेला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने नौकर नसीम को गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

एसपी देहात सूरज राय ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि नसीम अहमद खनन माफिया इकबाल बाला गैंग का सक्रिय सदस्य था. जिसके खिलाफ गैंगस्टर समेत कई धाराओं में मुकदमे दर्ज किये गये थे. एसआईटी की जांच में पाया गया कि हाजी इकबाल की मदद से नसीम ने अपराध करके ये अकूत संपत्ति अर्जित की थी. 11 गांवों के किसानों की करीब 300 बीघा जमीन जबरन खरीदी गई थी. जिसकी कीमत सर्किल रेट के हिसाब से 22 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है. जिस संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई आज की गई है. उसके साथ ही मुनादी कर ग्रामीणों को बताया गया कि संपत्ति अब सरकारी संपत्ति में शामिल कर लिया गया है. जांच में पाया गया है कि नसीम अहमद की आय को कोई बड़ा साधन नहीं था. जिससे अकूत संपत्ति अर्जित की जा सके. लेकिन इसके नाम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन और तीन शुगर मिल पाई गई है. जिसके चलते पुलिस ने आज ये कार्रवाई की है.

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