झांसी : जनपद में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ नगर निगम की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. आमतौर पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भू-माफिया या अपराधी होते हैं. लेकिन, झांसी नगर निगम की जमीन पर कब्जा करने वाले मौजूदा समय में यूपी के कई जिलों में तैनात पुलिसकर्मी, रिटायर्ड पुलिसकर्मी और वकील हैं. शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रानीमहल के पास में नगर निगम की तकरीबन 40 करोड़ रुपए की जमीन पर पिछले 50 सालों से अवैध कब्जा किया हुआ था. जिसे शनिवार को नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया.
कमरों में रिश्तेदारों को ठहराया : उपनगर आयुक्त रोली गुप्ता के अनुसार ऐतिहासिक रानी महल के सामने की जमीन को 1938 में पुलिस विभाग को टेनिस कोर्ट के उपयोग के लिए दिया गया था. जिसमें बाद में एक पुलिस चौकी खोल दी गई. लेकिन, कालांतर में पुलिस चौकी अन्य जगह पर खुल जाने के बाद यहां बने कमरों पर पुलिसकर्मियों ने कब्जा कर लिया था. इन पुलिस कर्मियों ने अपने रिश्तेदारों तथा दूसरे लोगों को कमरों में ठहरा दिया था. नगर निगम की जानकारी में आने के बाद इन सभी पुलिस कर्मियों को नोटिस जगह खाली करने के नोटिस दिए गए. लेकिन, इसके बाद भी उन्होंने आवास खाली नहीं कराए.
नगर निगम ने दर्ज कराया था मुकदमा : नगर निगम ने कोतवाली थाने में इन रिटायर पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद शुक्रवार को इन सभी से आवास खाली करा लिए गए. शनिवार को इस जमीन पर अपना कब्जा लेने के लिए नगर निगम दस्ता पुलिस बल का सहयोग लेकर मौके पर पहुंचा. उप नगर आयुक्त के अलावा नगर मजिस्ट्रेट वरुण कुमार पांडे तथा नगर क्षेत्र अधिकारी एसके राय व कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने सारे आवासों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया.
40 साल से रह रहे थे : नगर निगम के नगर आयुक्त पुलकित गर्ग ने बताया कि पिछले 40 वर्षों से इन आवासों में कुछ पुलिस कर्मी अवैध रूप से रह रहे थे. पूर्व में जब रानी महल के सामने पुलिस चौकी और थाना हुआ करता था. तब इन पुलिसकर्मियों को यहां रहने के लिए आवास आवंटित किए गए थे. लेकिन पुलिस चौकी और थाना स्थानातंरित होने के बाद भी इस पुलिस कर्मियों ने यहां से कब्जा नहीं छोड़ा था. इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब पिछले दिनों रानी महल के आसपास के इलाके को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए मंडल आयुक्त ने इस क्षेत्र का भ्रमण किया.
नगर आयुक्त ने दिए थे जांच के आदेश : नगर आयुक्त ने आवासों की जांच के आदेश जारी कर दिए. जांच के बाद यह पाया गया कि यह आवास नगर निगम की नजूल की जमीन पर बने हुए हैं. लगभग 10 हजार वर्ग फीट में बने इन आवासों में रह रहे पुलिस कर्मियों को पहले नोटिस दिए गए और जब उन्होंने आवास खाली नहीं किया, तो उनके खिलाफ मुकदमा कायम किया गया. आज पुलिस बल लेकर इन आवासों को पुलिस कर्मियों से खाली कराने के बाद ध्वस्त कर दिया गया. अब इस खाली जमीन पर पर्यटन विकास की दृष्टिकोण से कार्य योजना बनाकर काम किया जाएगा. इसके अलावा शहर में पार्किंग की समस्या को देखते हुए वृहद पार्किंग स्थल भी विकसित किया जाएगा.
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