नई दिल्ली : बजट सेशन को लेकर सरकार काफी पशोपेश में है, क्योंकि यह बजट सेशन अपने आप में ऐतिहासिक होगा. इस बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विपक्ष संसद के गलियारे में मौजूद नहीं होगा और कोरोना वायरस की वजह से पहली बार सेंट्रल हॉल के साथ सांसदों को राज्यसभा और लोकसभा की गैलरी बिठाए जाने की व्यवस्था होगी. इससे पहले हमेशा से राष्ट्रपति का अभिभाषण सेंट्रल हॉल में ही हुआ करता था,लेकिन सोशल डिस्टेसिंग की वजह से यह व्यवस्था की गई है.
उल्लेखनीय है कि बजट सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले ही सभी विपक्षी पार्टियों ने लामबंद होकर राष्ट्रपति के अभिभाषण को बॉयकाट करने की घोषणा कर दी है.हमेशा से यह संसदीय परंपरा रही है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सत्ता पक्ष और विपक्ष एकजुट होकर धैर्य से राष्ट्रपति का अभिभाषण सुनता है, मगर वह ऐतिहासिक क्षण इस बार के बजट सत्र में नहीं देखने को मिलेगा.
वैसे तमाम मतभेदों के बावजूद बजट को पारित करवाने में हमेशा से विपक्ष साथ देता रहा है, लेकिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर इस तरह के विपक्षियों का आक्रामक रुख और बॉयकॉट करने की घोषणा ने सरकार को चिन्ता में डाल दिया है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बजट सत्र कितना हंगामेदार होगा.
इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया कि इस बार का बजट गेम चेंजर होगा और उन क्षेत्रों पर केंद्रित होगा जिसे अभी तक पूरी सहायता नहीं मिली थी सरकार उन क्षेत्रों को इस बजट में चिन्हित करेगी जिन्हें आगे सहायता की जरूरत होगी और सरकार आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कदम बढ़ाने के लिए काम कर रही है उन्होंने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी की सरकार सशक्त बदलाव की दिशा और विकास के क्षेत्र में प्रगति के साथ आगे बढ़ रही है.
बता दें कि इस बात को लेकर सरकार लगातार वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मंथन कर रही है कि कैसे विपक्ष को बिल पास कराने में सहमत किया जा सके. विपक्षी पार्टियों के इस घोषणा के बाद कि वह संसद सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति के अभिभाषण को बॉयकॉट करेंगे. संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि उन्हें कोई ऐसी अधिकारिक सूचना नहीं है और ऑल पार्टी मीटिंग जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बुलाई गई है.
इस संबंध में उन्होंने पहले ही सभी पार्टी के नोताओं से बात की थी और उसमें सभी पार्टियों ने शरीक होने की हामी भरी थी. उन्होंने यह भी कहा कि वह विपक्ष से अपील करते हैं कि वह राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी शरीक हों.
जहां तक बात संसद में सीटिंग अरेंजमेंट की है इस मामले में भी इस बार पहली बार ऐसा होगा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसद सेंट्रल हॉल में नजर नहीं आएंगे. लगभग 145 सांसद ही सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान बैठ पाएंगे, जिसमें सभी केंद्रीय मंत्री, सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर और इसके अलावा जितनी जगह बचेंगी, उसमें पहले आओ पहले पाओ के हिसाब से सेंट्रल हॉल में सीट आवंटित की जाएगी. क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से इस बार सीटिंग अरेंजमेंट के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया है.
145 सांसदों के अलावा बचे हुए सांसद राज्यसभा और लोकसभा के गलियारे से राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुन पाएंगे. भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही व्हिप जारी कर पूरे संसद सत्र के लिए अपने सांसदों को उपस्थित रहने के लिए कहा है.
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इस बार बजट सत्र दो चरणों में आयोजित होगा पहला चरण 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू होगा और 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा, जो 15 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक का होगा.
इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल और लोकसभा चेंबर में जाकर तैयारियों का जायजा भी लिया. साथ ही लोकसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संसद सत्र से पहले राज्यसभा के लगभग 1200 अधिकारी और कर्मचारियों का कोरोना वायरस परीक्षण कराया गया था, जिसमें सभी कर्मचारियों के टेस्ट नेगेटिव आए हैं. इसके अलावा पहले ही सांसदों से भी अपील की जा चुकी है कि वह 48 घंटे पहले अपने और अपने परिवार और सहायकों की कोरोना से संबंधित जांच करा लें.
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. बजट पर भारतीय जनता पार्टी ने यह दावा किया है कि 2021 का बजट आने वाले दिनों के लिए गेम चेंजर साबित होगा. वहीं विपक्षी दलों ने तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान के आंदोलन एवं उससे जुड़ी सभी घटनाओं के साथ-साथ, चीन और लद्दाख से संबंधित घटनाएं ,महंगाई ,अर्थव्यवस्था, जैसे तमाम मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है.
कांग्रेस के अलावा लगभग 18 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को बायकाट करने की चेतावनी दी है वहीं बीजेपी की फ्रेंडली अपोजिशन पार्टी जिनमें टीआरएस, वाईएसआर, और बीएसपी राष्ट्रपति के अभिभाषण को वाक आउट नहीं करेंगी. कुल मिलाकर यह बजट सत्र काफी हंगामेदार रहने की संभावना है.
जहां एक ओर आम जनता को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी लामबंद होकर कर रही हैं.