नई दिल्ली : राज्य सभा में बजट सत्र के नवें दिन (rajya sabha day nine) आम बजट 2022 पर अंतिम चरण की चर्चा की गई. चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार तीखे सवाल पूछे. उत्तर प्रदेश से निर्वाचित भाजपा सांसद जफर इस्लान ने दावा किया कि बजट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिनसे भविष्य में नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. भाजपा ने दावा किया कि सभी घरों में बिजली और नल से पानी पहुंचाने सहित उन तमाम दावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरा किया है जो संप्रग सरकार पूरा नहीं कर पायी तथा बेरोजगारी को लेकर विपक्ष देश को गुमराह कर रहा है जबकि संगठित एवं असंगठित, दोनों क्षेत्रों में रोजगार सृजित हो रहे हैं.
उच्च सदन में आम बजट 2022-23 पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि पूर्व की संप्रग सरकार ने सभी घरों में बिजली आपूर्ति, नल से पेयजल, आतंकवाद को समाप्त करने जैसे जो तमाम वादे किये थे, उनमें से वह कोई भी पूरा नहीं कर पायी तथा वर्तमान सरकार ने इसे पूरा किया. उन्होंने कहा कि इसीलिए उसे अंडर परफार्मिंग एलायंस (कम कामकाज करने वाला गठबंधन) यानी यूपीए कहा जाता था. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने बेरोजगारी के बारे में गुमराह करने वाले आंकड़े दिये हैं. उन्होंने कहा कि सबसे विश्वसनीय आंकड़े ईपीएफओ के होते हैं. सरकार हर महीने 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित कर रही है और वह भी संगठित क्षेत्र में. उन्होंने कहा कि एक सामान्य नियम होता है कि जब संगठित क्षेत्र में एक रोजगार अवसर सृजित होता है तो असंगठित क्षेत्र में पांच अवसर पैदा होते हैं.
जफर इस्लाम ने कहा कि अमृत काल का मतलब है कि देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए नौकरियां और सभी सुविधाएं हों. उन्होंने कहा कि सरकार की सभी नौकरियां जमीनी स्तर पर जरूरतों को ध्यान में रखकर बनायी गयी हैं तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसीलिए पसंदीदा नेता हैं क्योंकि वे जमीन पर जाकर लोगों से रुबरू होते हैं और उनकी जरूरतों को समझते हैं.
भाजपा सदस्य ने बजट में सब्सिडी घटाने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार दयावान सरकार है. उन्होंने, 'हम जब भी देखते हैं कि यदि समाज के किसी वर्ग को जरूरत है तो हमारा बजट और हमारा खजाना (उस वर्ग की सहायता के लिए) खुल जाता है... हमने आत्मनिर्भर पैकेज के जरिये समाज के हाशिये पर चले गये लोगों को आगे बढ़ाया.' उन्होंने कहा कि आगे भी यदि किसी को जरूरत हुई तो सरकार अपना खजाना खोल देगी ताकि किसी को असुविधा नहीं हो. उन्होंने कहा कि बजट में जितना भी आवंटन किया गया है, उसमें से प्रत्येक एक रूपये में से आठ पैसा पिछले बजट में भी सब्सिडी को दिया गया था और इस साल भी आठ पैसा सब्सिडी को दिया गया है.
किसानों की आय नहीं कृषि लागत हुई दुगनी : कांग्रेस
छत्तीसगढ़ से निर्वाचित महिला कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं से सीख सकती है. कांग्रेस ने आम बजट 2022-23 में गरीबों के हित के लिए कोई घोषणा नहीं होने का दावा करते हुए सरकार से प्रश्न किया, 'बजट में गरीबन का का बा?' पार्टी ने यह भी कहा कि भले ही किसानों की आय दुगनी नहीं हो पायी हो किंतु कृषि की लागत अवश्य दुगनी हो गयी है. उच्च सदन में आम बजट 2022-23 पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस की छाया वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि कांग्रेस ने मुंबई में ट्रेनों और बसों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा, इसके कारण देश में कोरोना बढ़ा. कांग्रेस सदस्य ने सवाल किया कि लॉकडाउन के दौरान कौन सी ट्रेन और और कौन सी बस चल रही थी? उन्होंने कहा, 'इस तरह का असत्य वक्तव्य प्रधानमंत्री के मुंह से शोभा नहीं देता.'
नमस्ते ट्रंप के बाद फैला कोरोना
वर्मा ने कहा कि बजट भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के एक सदस्य ने यहां तक कह दिया कि देश को सही आजादी 2014 में मिली. उन्होंने कहा कि यह बात कहना देश के स्वाधीनता सेनानियों का अपमान है. वर्मा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी उस समय तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार को गिराने और 'नमस्ते ट्रंप' में लगी हुई थी जिसके कारण देश में कोरोना फैला. उन्होंने कहा, 'कोरोना कांग्रेस पार्टी के कारण नहीं आया है.'
वाजपेयी से कुछ सीखने की नसीहत
छाया वर्मा ने प्रधानमंत्री द्वारा उच्च सदन में कांग्रेस पर किए गए तीखे प्रहार का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी ने तमाम बातों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया किंतु क्या वह 2002 (गुजरात दंगों) को भूल गये? उन्होंने कहा कि उस समय गुजरात में भाजपा की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे. वर्मा के अनुसार उस समय वाजपेयी ने कहा था, 'मैं जब विदेश जाऊंगा तो मुझे शर्म आएगी कि मेरे राज्य, मेरे देश में ऐसा हुआ है.' उन्होंने सत्ता पक्ष को नसीहत दी कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी से कुछ सीखना चाहिए.
गरीबन का का बा ?
बजट की चर्चा करते हुए कांग्रेस सदस्य ने प्रश्न किया, बजट में 'गरीबन का का बा? हीरे की कीमत कम किए बा और आर्टिफिशियल ज्वैलरी की कीमत बढ़ाए बा.' उन्होंने कहा कि हीरा अमीर आदमी पहनता है तथा इस बात को भी समझना चाहिए कि हीरे का व्यापार सबसे अधिक कहां होता है और गुजरात एवं सूरत से कौन आता है?' उन्होंने कहा कि हर अखबार में जब महिलाओं से बलात्कार की खबरें छायी रहती हैं तो ऐसे में फिर 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' नारे का क्या महत्व रह जाता है? उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस दिशा में कुछ सार्थक करना ही चाहती है तो उसे राज्यों की विधानसभा एवं लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण दिलवाने वाले विधेयक को अपने बहुमत के जरिये पारित करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पहले ही कह चुकी हैं कि उनकी पार्टी इस विधेयक का समर्थन करेगी.
किसानों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास
कांग्रेस सदस्य ने ध्यान दिलाया कि उनकी नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत महिलाओं को पार्टी प्रत्याशी बनाया. उन्होंने बजट में ड्रोन खेती की पहल पर कहा कि इससे खेती में रोजगार के अवसर घटेंगे. उन्होंने कहा कि कृषि ऐसा क्षेत्र है जहां लोगों को सबसे अधिक रोजगार मिलता है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय तो दुगनी नहीं हुई किंतु उनकी लागत दुगनी हो गयी. उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न प्रयासों की चर्चा भी की.
यह भी पढ़ें- parliament day nine : राज्य सभा में कोयले का अवैध उत्खनन का मुद्दा उठा, SIT की मांग
अमर जवान ज्योति भावनात्मक मुद्दा
वर्मा ने कहा कि कोरोना के दौरान मनरेगा के कारण लोगों को काम मिला किंतु सरकार ने बजट में इसके लिए आवंटन घटा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को मनरेगा के लिए 100 दिन के काम के बजाय 365 दिन करके इसके लिए आवंटन बढ़ा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा स्थापित अमर जवान ज्योति को बुझाकर दूसरी जगह स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अमर जवान ज्योति बनवाना शुरू किया जिसमें राज्य के सभी शहीदों का नाम अंकित होगा तथा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इसके लिए भूमि पूजन करके आए हैं.
सेंट्रल विस्टा परियोजना के औचित्य पर सवाल
कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया, 'ये गांधी को नहीं, गोडसे को मानने वाले लोग हैं.' उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ में हुई धर्म संसद में गांधीजी को अपशब्द कहे और गोडसे की तारीफ की, उसका इन लोगों (भाजपा के कुछ नेताओं) ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने उस कालीचरण को जेल में डाल दिया है जिससे पता चलता है कि कौन गांधी के साथ हैं, कौन उनके विरोध में हैं. उन्होंने कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा परियोजना के औचित्य पर सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि देश में दो ही अमीर हुए है, एक तो सबसे धनी भारतीय जनता पार्टी और दूसरा उनके वो मित्र जिनके पास विश्व में सबसे अधिक संपत्ति है.
बिहार से निर्वाचित राजद सांसद मनोज झा ने पूछा कि सरकार का विकास नौकरी विहीन क्यों दिखता है ? उन्होंने कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि गरीब की थाली लगातार छोटी होती जा रही है. बकौल मनोज झा, सरकार बार-बार 'मुफ्त राशन' मुहैया कराने की बात कहती है, लेकिन भारत एक वेलफेयर स्टेट है, ऐसे में मुफ्त राशन देने की बात कहना गरीबों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाना है.
ओडिशा के साथ भेदभाव के आरोप
महाराष्ट्र से निर्वाचित एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण ने इंफ्रास्ट्रकचर के मुद्दे पर सरकार की योजनाओं के संबंध में सवाल किया. ओडिशा से निर्वाचित बीजू जनता दल (बीजद) सांसद सुजीत कुमार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित ओडिशा की ओर सरकार का ध्यान खींचा. रेलवे परियोजनाओं में ओडिशा की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में विशेष ध्यान देना चाहिए.
संसद में बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-
- राज्य सभा में पीएम मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, टीआरएस सांसदों ने दिया नोटिस
- बजट पर राजद सांसद के तीखे सवाल- छोटी हो रही गरीब की थाली, क्या सरकार ने तय कर लिया है सब लोग रोजगार विहीन रहेंगे ?
किसानों की आत्महत्या और बीमा कंपनियों से जुड़े मुद्दों का जिक्र
असम से निर्वाचित निर्दलीय राज्य सभा सांसद अजीत कुमार भुयान ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के लिए बनाई गई योजनाओं को केंद्र सरकार ने क्यों बंद कर दिया, यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. इसके बाद महाराष्ट्र से निर्वाचित शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने बीमा कंपनियों से जुड़े कर्मचारियों को आर्थिक लाभ देने की अपील की. केरल से निर्वाचित सांसद जोस के मणि ने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बैंक निर्दयी की तरह व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन किसानों की मौत कोरोना के कारण हुई है, ऐसे लोगों की ऋण माफी पर सरकार को विचार करना चाहिए.
(इनपुट-पीटीआई-भाषा)