गया: बिहार के बोधगया में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संघ फोरम का आयोजन किया गया है. बोधगया के सांस्कृतिक केंद्र में इसका शुभारंभ 14वें बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के द्वारा किया गया. अंतरराष्ट्रीय संघ फोरम के तीन दिवसीय सम्मेलन में 35 देशों के करीब 2500 बौद्ध धर्म के विद्वान जुटे हैं. इस मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल हुए हैं.
भाषाओं के परंपराओं की आधुनिकता पर होगी चर्चा: जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन में तीन दिनों तक बौद्ध धर्म, पाली और संस्कृत भाषाओं के परंपराओं की आधुनिकता पर चर्चा की जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय स्थली बोधगया में इस तरह का पहला आयोजन है. इसमें 21वीं सदी में बौद्ध धर्म के विकसित होने का के संबंध में जानकारी और बौद्ध धर्म की शिक्षा पर चर्चा भी की जाएगी.
बौद्ध धर्म के विकसित होने पर भी चर्चा: अंतर्राष्ट्रीय संघ फोरम के तीन दिवसीय सम्मेलन में बौद्ध धर्म से संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा होगी. 21वीं सदी में बौद्ध धर्म के विकसित होने से संबंधित तथ्यों पर भी बौद्ध धर्म के विद्वान अपना मंतव्य देंगे. विभिन्न भाषाओं में एफएम पर इसका प्रसारण भी किया जाएगा.
पाली परंपरा की कलाकारी दिखेगी: इसमें दक्षिण एशियाई देशों के पाली परंपराओं के कलाकारों के अलावे तिब्बत के संस्कृत परंपरा के कलाकार एक मंच पर दिखेगें. इस दौरान नृत्य प्रस्तुति भी होगी. बौद्ध धर्म के विद्वान वक्ताओं के द्वारा तीनों दिन बौद्ध धर्म में पाली और संस्कृत भाषाओं के परंपराओं के अनुसार इसकी आधुनिकता पर चर्चा की जाएगी. जानकारी के अनुसार तीन दिवसीय सम्मेलन का लक्ष्य कुछ जटिल पहलूओं पर ध्यान आकर्षण करना और 21 वीं सदी में बौद्ध धर्म की विकसित भूमिका के संबंध में जानकारी हासिल करनी है.
2500 बौद्ध विद्वान शामिल हुए: इस सम्मेलन में 35 देशों के 25 सौ से ज्यादा संघ के सदस्य शामिल हुए हैं. इसमें भारत , थाईलैंड , म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, बांग्लादेश, लाओस, भूटान , नेपाल, वियतनाम, ताइवान, जापान, कोरिया, रूस व मंगोलिया सहित अन्य देशों के सदस्य शामिल हैं. तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद 23 दिसंबर को महाबोधि मंदिर में विश्व शांति के लिए एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें परम पावन बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा शामिल होंगे और संघ के सदस्यों को संबोधित करेंगे.
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