लखनऊ: साल 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बहुजन समाज पार्टी ने सभी को चौंका दिया था. ऐसा पहली बार हुआ था जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में किसी पार्टी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए बहुमत हासिल कर सत्ता पर कब्जा जमाया हो. देश भर में उत्तर प्रदेश में बसपा की जीत की चर्चा होने लगी, लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा होते ही समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के अरमानों को बिखेरकर रख दिया और उससे भी ज्यादा सीटें लाकर बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हो गई.
इसके बाद ये यह सिलसिला लगातार जारी है. दो बार से भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है, लेकिन लगभग डेढ़ दशक से यूपी समेत देश भर में बहुजन समाज पार्टी का ग्राफ गिरता ही जा रहा है. बसपा के राष्ट्रीय पार्टी होने पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. मायावती की माया का असर अब जनता पर हो नहीं रहा है. पार्टी लगातार पाताल में समाने की ओर अग्रसर है. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ा दांव खेलते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को रविवार को पार्टी मुख्यालय पर आयोजित बैठक में उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. अब पाताल में समा रही पार्टी को आकाश की तरफ अग्रसर करने का दायित्व आकाश के कंधों पर होगा.
आकाश होंगे बसपा के सर्वे-सर्वाः भतीजे आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद बहुजन समाज पार्टी के सर्वे-सर्वा होंगे. बुआ ने भतीजे को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. लंदन से पढ़कर आए आकाश आनंद ने जब राजनीति में कदम रखा तो मायावती ने सबसे पहले उन्हें बड़ा दायित्व सौंपते हुए बहुजन समाज पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था. उन्हें मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी.
मायावती ने आकाश पर खेला बड़ा दांवः आकाश ने अच्छा रिजल्ट दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि हुआ मायावती ने भतीजे आकाश आनंद पर दांव लगाते हुए उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना दिया. रविवार को ऑल इंडिया बहुजन समाज पार्टी की बैठक में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों से मायावती ने पिछले चुनावों में हर की समीक्षा की और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई. इसी दौरान इस मीटिंग में मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बड़ा पुरस्कार मायावती ने दिया.
बुआ ने भतीजे आकाश की पीठ थपथपाईः बुआ ने भतीजे का कंधा ठोका और पीठ थपथपाई. इसके साथ ही उन्होंने घोषणा कर दी कि अब बहुजन समाज पार्टी के उत्तराधिकारी आकाश आनंद होंगे. 2019 में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन हुआ. पहली बार मायावती मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की मौजूदगी में आकाश आनंद भी मुजफ्फरनगर में मंच पर दिखे थे. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी की सक्रिय राजनीति में आकाश आनंद का दखल शुरू हो गया. अब वह नेशनल कोऑर्डिनेटर तो हैं ही बसपा के सर्वेसर्वा भी होंगे.
बड़ी जिम्मेदारी के साथ बड़ा लक्ष्यः आकाश आनंद को बुआ मायावती ने बड़ी जिम्मेदारी तो सौंपी है, लेकिन लक्ष्य उससे भी बड़ा दिया है. दरअसल, वर्तमान में मायावती के आठ सांसद हैं और उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक ही विधायक है. लोकसभा चुनाव 2024 अब करीब हैं और पार्टी का कुनबा लगातार बिखरता ही जा रहा है. बसपा ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला भी लिया है. ऐसे में आकाश के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं होगा कि पिछली बार के लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड अकेले दम पर दोहराया जा सके.
मायावती ने सांसद दानिश अली को पार्टी से किया था बाहरः मायावती ने अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली को शनिवार को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. ऐसे में लोकसभा सांसद भी आठ ही बचे हैं. एक ही राज्यसभा सदस्य वर्तमान में है. अब पार्टी के साथ युवाओं को जोड़ने की पूरी जिम्मेदारी आकाश के ही कंधे पर मायावती ने सौंपी है और जब उत्तराधिकारी घोषित किया है तो अब आकाश आनंद को पूरे दमखम के साथ काम करना होगा, तभी पाताल में समाने की ओर अग्रसर बहुजन समाज पार्टी को जमीन से लेकर आकाश की बुलंदियों तक पहुंचाने में आकाश सफल हो सकते हैं.