ETV Bharat / bharat

जानिए आखिर क्यों 42 दिन बाद बीएसपी कर्मी का हुआ अंतिम संस्कार - दुर्ग जिला प्रशासन

42 दिनों बाद आखिरकार भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मी कार्तिकराम ठाकुर का अंतिम संस्कार दुर्ग जिला प्रशासन ने मंगलवार को कर दिया. परिजनों के इनकार करने के बाद प्रबंधन ने ही मृत कर्मचारी का अंतिम संस्कार कर दिया.

बीएसपी कर्मी का हुआ अंतिम संस्कार
बीएसपी कर्मी का हुआ अंतिम संस्कार
author img

By

Published : Feb 16, 2021, 11:00 PM IST

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के भिलाई में 42 दिनों बाद बीएसपी कर्मी कार्तिकराम ठाकुर का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन ने मंगलवार को कर दिया. भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मचारी की सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जनवरी के पहले हफ्ते से कार्तिकराम ठाकुर का शव मरच्यूरी में ही रखा हुआ था. उनके परिजन भिलाई स्टील प्लांट में अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे और शव को लेने से इनकार कर दिया था.

भिलाई सेक्टर वन के मुर्गा चौक में मृतक कार्तिकराम ठाकुर के परिवार के सदस्यों के साथ आदिवासी समाज के लोगों के अलावा, कई संगठनों के लोग लगातार धरना-प्रदर्शन पर बैठे थे.

बीएसपी कर्मी का हुआ अंतिम संस्कार

इस मामले में प्रबंधन का नजरिया सही है या नहीं यह सवाल यहीं रह गया है, लेकिन अब मृतक बीएसपी कर्मी के अंतिम संस्कार के बाद भिलाईवासी यह सवाल उठाने लगे हैं कि प्रबंधन ने इस मामले में पहल कर इसका निपटारा क्यों नहीं किया.

जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप

लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठी मृतक कार्तिकराम ठाकुर की पत्नी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हम आदिवासी समाज से हैं इसलिए जिला प्रशासन हमारे साथ गलत तरीक से पेश आ रहा है. इतने दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन एक भी बार जिला प्रशासन के अधिकारी हमसे बात करने तक नहीं आए. छोटी जाति होने की वजह से बीएसपी प्रबंधक भी इस मामले पर कोई फैसला नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी जगह कोई और होता तो अब तक प्रबंधन फैसला ले चुका होता.

विधिक पक्ष सभी के सामने लाने में विफल

बीएसपी प्रबंधन और मृतक कर्मचारी के परिवार के बीच बातचीत का दौर चलता रहा, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. जिसके कारण मृत देह का अंतिम संस्कार भी नहीं किया जा सका था.

ये पहली घटना नहीं है. पहले भी संयंत्रकर्मियों के परिजनों ने ऐसे ही परिस्थिति में बीएसपी प्रबंधन के सामने अपनी समस्या रखी थी, लेकिन इसके बावजूद बीएसपी प्रबंधन ऐसे मामलों का विधिक पक्ष सभी के सामने लाने में विफल रहा है.

जिला प्रशासन ने किया अंतिम संस्कार

श्रम कानून के दृष्टिकोण से औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों के संरक्षण के लिए बहुत से कानूनी आधार हैं. जिनके आधार पर बीएसपी कर्मी की मौत के बाद उसके परिजन अपनी मांग रख रहे हैं और उनके मृतक के अंतिम संस्कार करने के लिए प्रबंधन की अपील को ठुकरा रहे हैं.

पढ़ें- देश को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम, बसंत पंचमी पर हिंदूवादी संगठनों के कार्यक्रम थे निशाने पर

दूसरी ओर जिला प्रशासन भी मृतक का अंतिम संस्कार किए जाने की अपील परिवारजनों से कर रहा था. 42 दिन बाद जिला प्रशासन ने परिजनों को सूचना देकर मृतक कर्मचारी के मृत शरीर का अंतिम संस्कार रामनगर मुक्तिधाम में कर दिया.

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के भिलाई में 42 दिनों बाद बीएसपी कर्मी कार्तिकराम ठाकुर का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन ने मंगलवार को कर दिया. भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मचारी की सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जनवरी के पहले हफ्ते से कार्तिकराम ठाकुर का शव मरच्यूरी में ही रखा हुआ था. उनके परिजन भिलाई स्टील प्लांट में अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे और शव को लेने से इनकार कर दिया था.

भिलाई सेक्टर वन के मुर्गा चौक में मृतक कार्तिकराम ठाकुर के परिवार के सदस्यों के साथ आदिवासी समाज के लोगों के अलावा, कई संगठनों के लोग लगातार धरना-प्रदर्शन पर बैठे थे.

बीएसपी कर्मी का हुआ अंतिम संस्कार

इस मामले में प्रबंधन का नजरिया सही है या नहीं यह सवाल यहीं रह गया है, लेकिन अब मृतक बीएसपी कर्मी के अंतिम संस्कार के बाद भिलाईवासी यह सवाल उठाने लगे हैं कि प्रबंधन ने इस मामले में पहल कर इसका निपटारा क्यों नहीं किया.

जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप

लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठी मृतक कार्तिकराम ठाकुर की पत्नी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हम आदिवासी समाज से हैं इसलिए जिला प्रशासन हमारे साथ गलत तरीक से पेश आ रहा है. इतने दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन एक भी बार जिला प्रशासन के अधिकारी हमसे बात करने तक नहीं आए. छोटी जाति होने की वजह से बीएसपी प्रबंधक भी इस मामले पर कोई फैसला नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी जगह कोई और होता तो अब तक प्रबंधन फैसला ले चुका होता.

विधिक पक्ष सभी के सामने लाने में विफल

बीएसपी प्रबंधन और मृतक कर्मचारी के परिवार के बीच बातचीत का दौर चलता रहा, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. जिसके कारण मृत देह का अंतिम संस्कार भी नहीं किया जा सका था.

ये पहली घटना नहीं है. पहले भी संयंत्रकर्मियों के परिजनों ने ऐसे ही परिस्थिति में बीएसपी प्रबंधन के सामने अपनी समस्या रखी थी, लेकिन इसके बावजूद बीएसपी प्रबंधन ऐसे मामलों का विधिक पक्ष सभी के सामने लाने में विफल रहा है.

जिला प्रशासन ने किया अंतिम संस्कार

श्रम कानून के दृष्टिकोण से औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों के संरक्षण के लिए बहुत से कानूनी आधार हैं. जिनके आधार पर बीएसपी कर्मी की मौत के बाद उसके परिजन अपनी मांग रख रहे हैं और उनके मृतक के अंतिम संस्कार करने के लिए प्रबंधन की अपील को ठुकरा रहे हैं.

पढ़ें- देश को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम, बसंत पंचमी पर हिंदूवादी संगठनों के कार्यक्रम थे निशाने पर

दूसरी ओर जिला प्रशासन भी मृतक का अंतिम संस्कार किए जाने की अपील परिवारजनों से कर रहा था. 42 दिन बाद जिला प्रशासन ने परिजनों को सूचना देकर मृतक कर्मचारी के मृत शरीर का अंतिम संस्कार रामनगर मुक्तिधाम में कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.