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भाजपा, सपा की मिलीभगत से रामपुर सीट पर हुई हार, मायावती ने ट्वीट के जरिए किया हमला - मायावती का बीजेपी पर हमला

बसपा प्रमुख मायावती ने रामपुर सीट हारने पर सपा और भाजपा दोनों पर ट्वीट के जरिए हमला किया है. उन्होंने सपा का रामपुर सीट हारना समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की चाल बताया. उन्होंने दोनों के अंदरूनी मिलीभगत की बात कही.

बसपा प्रमुख मायावती
बसपा प्रमुख मायावती
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Published : Dec 11, 2022, 1:17 PM IST

लखनऊ: हाल ही में एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों पर संपन्न हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी और राष्ट्रीय लोक दल के साझा प्रत्याशी ने खतौली की सीट अपने नाम कर ली. लेकिन, समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट रामपुर भाजपा ने छीन ली. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रामपुर सीट की जीत को समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की चाल बताया. उन्होंने दोनों पार्टियों की रामपुर विधानसभा सीट पर अंदरूनी मिलीभगत की बात कही है. मायावती ने इसे लेकर ट्वीट किया है.

  • 1. यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में श्री आज़म ख़ान की ख़ास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अन्दरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?

    — Mayawati (@Mayawati) December 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • 2. इस बारे में ख़ासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी ज़रूरत है ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके। खतौली विधानसभा की सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहाँ काफी सन्देह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है।

    — Mayawati (@Mayawati) December 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत पर रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खान की खास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवाकर सपा की पहली बार हार हुई. इस हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं? इस बारे में खासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी ज़रूरत है, जिससे आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके. खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहां काफी संदेह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है.

यह भी पढ़ें: यूपी निकाय चुनाव में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी AAP, जानिए किन मुद्दों पर लड़ेगी चुनाव

राजनीतिक जानकारो का मानना है कि मायावती ने मुस्लिम वर्ग को अपने खेमे में करने के लिए उन्हें समाजवादी पार्टी और भाजपा की चाल के बारे में समझाने का प्रयास किया है. बहुजन समाज पार्टी दलित, मुस्लिम कार्ड खेलकर समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर आगामी निकाय चुनाव में नुकसान पहुंचाना चाहती है.




लखनऊ: हाल ही में एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों पर संपन्न हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी और राष्ट्रीय लोक दल के साझा प्रत्याशी ने खतौली की सीट अपने नाम कर ली. लेकिन, समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट रामपुर भाजपा ने छीन ली. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रामपुर सीट की जीत को समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की चाल बताया. उन्होंने दोनों पार्टियों की रामपुर विधानसभा सीट पर अंदरूनी मिलीभगत की बात कही है. मायावती ने इसे लेकर ट्वीट किया है.

  • 1. यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में श्री आज़म ख़ान की ख़ास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अन्दरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?

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  • 2. इस बारे में ख़ासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी ज़रूरत है ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके। खतौली विधानसभा की सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहाँ काफी सन्देह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है।

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बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत पर रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खान की खास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवाकर सपा की पहली बार हार हुई. इस हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं? इस बारे में खासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी ज़रूरत है, जिससे आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके. खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहां काफी संदेह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है.

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राजनीतिक जानकारो का मानना है कि मायावती ने मुस्लिम वर्ग को अपने खेमे में करने के लिए उन्हें समाजवादी पार्टी और भाजपा की चाल के बारे में समझाने का प्रयास किया है. बहुजन समाज पार्टी दलित, मुस्लिम कार्ड खेलकर समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर आगामी निकाय चुनाव में नुकसान पहुंचाना चाहती है.




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