नई दिल्ली : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पिछले तीन वर्षों में कुल 2373.02 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है. यह जानकारी सरकार की ओर से राज्यसभा में दी गई है. सबसे ज्यादा सड़क निर्माण लद्दाख में किया गया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान बीआरओ ने सबसे ज्यादा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सड़कों का निर्माण किया है. लद्दाख में 464.577 किलोमीटर सड़क बनाई गई है. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 417.613 किलोमीटर, जम्मू और कश्मीर में 368.550 किमी, राजस्थान में 351.793 किमी और उत्तराखंड में सरहद पर 332.223 किमी सड़क निर्माण किया गया है.
यह जानकारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नरेश बंसल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर के माध्यम से साझा की. राजनाथ सिंह ने कहा कि 'सीमावर्ती क्षेत्रों में बलों को स्थानांतरित करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा पहले से ही उपलब्ध है और सीमा अवसंरचना को और विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक महत्व की सड़कों के निर्माण / सुधार का कार्य करता है' राजनाथ सिंह ने कहा कि 'भारतीय सेना की आवश्यकताओं के आधार पर सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण/सुधार के लिए पांच वर्षीय दीर्घकालिक कार्य योजना (LTRoWP) तैयार की जाती है. इसके तहत 2018-23 की अवधि के लिए 256 सड़कों और पुलों की कुल लंबाई 13501.48 किलोमीटर है.
पिछले पांच वर्षों में पूर्ण या निर्माणाधीन सीमा सड़कों की लंबाई संबंधी प्रश्न के जवाब में रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को सूचित किया कि बीआरओ द्वारा अधिकांश सड़कों के साथ कुल 3595 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है. आंकड़ों के अनुसार 2020-2021 में 940.64 किमी और 2021-2022 में 741.70 किमी सड़कों का निर्माण हुआ है.
उन्होंने कहा कि 6195 किलोमीटर की सीमा सड़कें निर्माणाधीन हैं. गौरतलब है कि 2020 में गलवान घाटी की घटना के बाद से सरकार ने एलएसी के पास सीमा निर्माण पर काम तेज कर दिया है. दिलचस्प बात यह है कि अजय भट्ट ने 25 जुलाई को संसद को सूचित किया था कि सरकार ने 15,477.06 करोड़ रुपये खर्च करके चीन से लगी सीमा पर 2,088.57 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है.
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