नई दिल्ली: बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने नई दिल्ली से पूरी प्रक्रिया का संचालन किया. इस परियोजना की आधारशिला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर 2020 को रखी थी. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग के उत्खनन कार्य के सफलतापूर्वक पूरा होने के उपलक्ष्य में अंतिम ब्रेकथ्रू ब्लास्ट किया.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नेचिफू सुरंग 5700 फीट की ऊंचाई पर है. यह पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी डी-आकार, सिंगल ट्यूब डबल लेन सुरंग है. सुरंग दो-तरफा यातायात को समायोजित करेगी और आधुनिक प्रकाश और सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित होगी. सुरंग की कल्पना नेचिफू दर्रे के आसपास व्याप्त अत्यधिक धुंधली परिस्थितियों को दरकिनार करने के लिए की गई है.
जिसने कई दशकों से सामान्य यातायात और सैन्य काफिले में बाधा उत्पन्न की है. सुरंग को अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम के साथ तैयार किया जाएगा जिसमें अग्निशामक उपकरण, ऑटो रोशनी प्रणाली और पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (स्काडा) नियंत्रित निगरानी प्रणाली शामिल है. यह पैदल चलने वालों की सुरक्षित आवाजाही के लिए दोनों तरफ उठे हुए फुटपाथों को भी समायोजित करेगा, जिसमें नागरिक सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पावर केबल, ऑप्टिकल फाइबर केबल और उपयोगिता लाइनों के लिए नलिकाएं होंगी.
नेचिफू सुरंग परियोजना के अलावा बीआरओ ने 22 जनवरी 2022 को उसी सड़क पर एक और रणनीतिक सुरंग, ट्विन ट्यूब (1555 मीटर और 980 मीटर) सेला टनल प्रोजेक्ट पर खुदाई का काम भी पूरा कर लिया है. इस प्रकार यह विस्फोट 4500 मीटर से अधिक की संचयी खुदाई का प्रतीक है, जिसे बीआरओ कर्मयोगियों ने दो साल से भी कम समय में हासिल किया है. एक बार सेवा में आने के बाद सेला सुरंग के साथ नेचिफू सुरंग इस पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में कार्बन फुट प्रिंट को कम करते हुए बीसीटी रोड पर सुरक्षित, सभी मौसमों में रणनीतिक संपर्क प्रदान करेगी. चल रहे सुरंग निर्माण को नाजुक और अत्यधिक खंडित रॉक स्ट्रेट को काटकर पूरा किया जा रहा है. नई ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) के अनुसार सख्त 3D मॉनिटरिंग और वांछित टनल सपोर्ट सिस्टम के सक्रिय अनुप्रयोग के माध्यम से तैयार किया जा रहा है.
बीआरओ पिछले दो वर्षों में देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक चमत्कारों के निष्पादन में लगातार सफलता प्राप्त कर रहा है. इसने ऊंचाई और पहाड़ी सुरंगों के सफल समापन के साथ बड़े पैमाने पर सुरंग बनाने का काम किया है. हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग, रोहतांग के अलावा उत्तराखंड में चंबा सुरंग भी हाल के दिनों में राष्ट्र को समर्पित की गई है. संगठन ने छोटी सुरंगों की एक श्रृंखला का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जिसका निर्माण वह संगठन के अभिन्न जनशक्ति संसाधनों के साथ करेगा.
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