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पटना कलेक्ट्रेट में मिला अंग्रेजों के जमाने का रोड रोलर, बिहार म्यूजियम में रखे जाने की तैयारी - अंग्रेजों के जमाने का रोड रोलर

ब्रिटेन की जेंट्स फाउलर एंड लीडसे कंपनी द्वारा बनाया गया एक रोड रोलर कई दशकों से पटना के 12 एकड़ कलेक्ट्रेट परिसर मट्टी के अंदर जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा था, लेकिन अब इसकी किस्मत बदल गई है. इसका रंग रोगन कर इसे बिहार म्यूजियम में रखा जाएगा.

British Period road roller in Bihar Museum
British Period road roller in Bihar Museum
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Published : Aug 29, 2022, 1:06 PM IST

पटना: राजधानी के कलेक्ट्रेट में मिट्टी में दबा करीब 122 साल पुराना (British Road Roller Found In Patna Collectorate) अंग्रेजों के जमाने का रोड रोलर मिला है. अब उसे म्यूजियम (British Period Road Roller In Bihar Museum) में रखने की तैयारी की जा रही है ताकि लोग इसका दीदार कर सके और अपनी विरासत के बारे में जान सके. दरअसल यह रोड रोलर इतना यूनिक है कि खोजने पर भी कहीं नहीं मिलेगा. यह रोलर ब्रिटेन की जेंट्स फाउलर एंड लीडसे कंपनी के द्वारा बनाया गया था. तब ब्रिटिश भारत में इसे लंदन से इंडिया लाया गया था, इस रोलर से ब्रिटिश काल में सड़क निर्माण का कार्य होता था.

ये भी पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय आयोजन का केंद्र बनेगा बिहार म्यूजियम, नये डायरेक्टर जनरल ने गिनाईं प्राथमिकताएं

बिहार म्यूजियम में रखा जाएगा रोलरः दरअसल राजधानी के पुराने कलेक्ट्रेट में नई बिल्डिंग निर्माण का काम चल रहा है. इसी दौरान कलेक्ट्रेट के मुख्य भवन के बेसमेंट को बनाने के लिए लगभग 70 फीट नीचे खुदाई की गई. इसी दौरान इस पुराने रोड रोलर को मिट्टी के अंदर से निकाला गया और फिर पुराने म्यूजियम में लाकर रखा गया है. म्यूजियम कर्मियों के अनुसार इसे बेहतर तरीके से रंग रोगन करके बिहार म्यूजियम के अंदर सुरक्षित तरिके से रखा जाएगा, ताकि जो लोग भी म्यूजियम में घूमने आएं वह इसे देख सकें.

भारत में दो ही जगह है ये रोलरः जानकार बताते हैं कि ब्रिटेन से इसे पानी के रास्ते लाया गया था. यह रोड रोलर स्टीम से चलता था. कई साल पहले पटना से नालंदा की बनने वाली सड़क में भी इसका प्रयोग किया गया था. अपने देश में इस कंपनी और इस मॉडल के संभवतः दो ही रोड रोलर मौजूद हैं. जिनमें से एक राजस्थान के डूंगरपुर में है जबकि दूसरा राजधानी पटना में है. डूंगरपुर में इस मॉडल के रोड रोलर को उदय विलास पैलेस में बेहतर तरीके से सजा करके रखा गया है. अब यही कोशिश बिहार में भी की गई है ताकि ये लोगों के देखने के लिए उपलब्ध हो सके.

"कलेक्ट्रेट में जहां जिला परिषद का कार्यालय था, वहीं पर यह रोलर पड़ा था. कलेक्ट्रेट के मुख्य भवन के बेसमेंट को बनाने के लिए लगभग 70 फीट नीचे खुदाई की गई है. जहां ये रोलर मिट्टी में दबा मिला, इसे सुरक्षित बाहर निकाला गया और इसकी सूचना डीएम को दी गई. जिलाधिकारी ने इसे पटना संग्रहालय में रखने का आदेश दिया है, ताकि म्यूजियम घूमने वाले लोग पुराने रोलर को देख सकें"- पदाधिकारी, निर्माण एजेंसी

ये भी पढ़ेंः World Heritage Day पर बिहार म्यूजियम में कार्यशाला, बच्चों ने अपने लोक कलाओं को जाना

पटना: राजधानी के कलेक्ट्रेट में मिट्टी में दबा करीब 122 साल पुराना (British Road Roller Found In Patna Collectorate) अंग्रेजों के जमाने का रोड रोलर मिला है. अब उसे म्यूजियम (British Period Road Roller In Bihar Museum) में रखने की तैयारी की जा रही है ताकि लोग इसका दीदार कर सके और अपनी विरासत के बारे में जान सके. दरअसल यह रोड रोलर इतना यूनिक है कि खोजने पर भी कहीं नहीं मिलेगा. यह रोलर ब्रिटेन की जेंट्स फाउलर एंड लीडसे कंपनी के द्वारा बनाया गया था. तब ब्रिटिश भारत में इसे लंदन से इंडिया लाया गया था, इस रोलर से ब्रिटिश काल में सड़क निर्माण का कार्य होता था.

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बिहार म्यूजियम में रखा जाएगा रोलरः दरअसल राजधानी के पुराने कलेक्ट्रेट में नई बिल्डिंग निर्माण का काम चल रहा है. इसी दौरान कलेक्ट्रेट के मुख्य भवन के बेसमेंट को बनाने के लिए लगभग 70 फीट नीचे खुदाई की गई. इसी दौरान इस पुराने रोड रोलर को मिट्टी के अंदर से निकाला गया और फिर पुराने म्यूजियम में लाकर रखा गया है. म्यूजियम कर्मियों के अनुसार इसे बेहतर तरीके से रंग रोगन करके बिहार म्यूजियम के अंदर सुरक्षित तरिके से रखा जाएगा, ताकि जो लोग भी म्यूजियम में घूमने आएं वह इसे देख सकें.

भारत में दो ही जगह है ये रोलरः जानकार बताते हैं कि ब्रिटेन से इसे पानी के रास्ते लाया गया था. यह रोड रोलर स्टीम से चलता था. कई साल पहले पटना से नालंदा की बनने वाली सड़क में भी इसका प्रयोग किया गया था. अपने देश में इस कंपनी और इस मॉडल के संभवतः दो ही रोड रोलर मौजूद हैं. जिनमें से एक राजस्थान के डूंगरपुर में है जबकि दूसरा राजधानी पटना में है. डूंगरपुर में इस मॉडल के रोड रोलर को उदय विलास पैलेस में बेहतर तरीके से सजा करके रखा गया है. अब यही कोशिश बिहार में भी की गई है ताकि ये लोगों के देखने के लिए उपलब्ध हो सके.

"कलेक्ट्रेट में जहां जिला परिषद का कार्यालय था, वहीं पर यह रोलर पड़ा था. कलेक्ट्रेट के मुख्य भवन के बेसमेंट को बनाने के लिए लगभग 70 फीट नीचे खुदाई की गई है. जहां ये रोलर मिट्टी में दबा मिला, इसे सुरक्षित बाहर निकाला गया और इसकी सूचना डीएम को दी गई. जिलाधिकारी ने इसे पटना संग्रहालय में रखने का आदेश दिया है, ताकि म्यूजियम घूमने वाले लोग पुराने रोलर को देख सकें"- पदाधिकारी, निर्माण एजेंसी

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