नई दिल्ली : सैन्य नर्सिंग सेवा की उप महानिदेशक ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती (Deputy Director-General of Military Nursing Service Brig S.V. Saraswati) को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2020 (National Florence Nightingale award 2020) से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक वर्चुअल समारोह में नर्स प्रशासक के रूप में ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती के सैन्य नर्सिंग सेवा में अपार योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया. राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार ऐसा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है, जिसे किसी नर्स को उनकी निःस्वार्थ सेवा और असाधारण कार्यकुशलता के लिए प्रदान किया जाता है.
ब्रिगेडियर सरस्वती आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाली हैं और उन्होंने 28 दिसंबर, 1983 को सैन्य नर्सिंग सेवा में कार्य करना शुरू किया था. उन्होंने सैन्य नर्सिंग के क्षेत्र में साढ़े तीन दशक से अधिक समय तक सेवा की है और विशेष रूप से पेरीओपरेटिव (सर्जरी के बाद) नर्सिंग में उनका योगदान रहा है. एक प्रसिद्ध ऑपरेशन थिएटर नर्स के रूप में ब्रिगेडियर सरस्वती ने 3,000 से अधिक जीवनरक्षक तथा आपातकालीन सर्जरी में सहायता की है और अपने करियर में बहुत से रेजीड़ेंट, ऑपरेशन रूम नर्सिंग प्रशिक्षुओं एवं सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है. उन्होंने कार्डियक सर्जरी के लिए रोगी शिक्षण सामग्री और इम्प्रोवाइज्ड ड्रेप किट तथा घाव में टांके लगाने की पैकिंग तैयार की है.
ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सैन्य नर्सिंग सेवाओं का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने सैनिकों के लिए विभिन्न आउटरीच गतिविधियों का संचालन भी किया है और बेसिक लाइफ सपोर्ट में हजार से अधिक सैनिकों तथा परिवारों को प्रशिक्षित किया है. ब्रिगेडियर ने कांगो में विभिन्न अखिल भारतीय सैन्य अस्पतालों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक बलों में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. सैन्य नर्सिंग सेवा में उप महानिदेशक की वर्तमान नियुक्ति को संभालने से पहले उन्होंने नैदानिक व प्रशासनिक नियुक्तियों के विभिन्न स्तरों पर कार्य किया है.
पढ़ें : वीरप्पा मोइली, अरुंधति सुब्रमण्यन, अन्य को मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार
सैनिकों और उनके परिवारों के लिए नर्सिंग पेशे में उनकी सराहनीय और विशिष्ट सेवा के सम्मान में, उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ कमेंडेशन (2005), संयुक्त राष्ट्र मेडल (MONOC) (2007) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन (2015) से भी सम्मानित किया गया है.