तिरुवनंतपुरम : केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के एक निजी स्टाफ के खिलाफ रिश्वतखोरी का आरोप सामने आया है. इस आरोप के सामने आने के बाद विपक्षी कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की है. मलप्पुरम जिले के निवासी हरिदासन ने बुधवार को आरोप लगाया कि मंत्री के एक निजी स्टाफ सदस्य ने उनकी बहू की सरकारी चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्ति के लिए एक लाख रुपये रिश्वत ली.
उन्होंने आरोप लगाया कि एक बिचौलिए ने उनसे संपर्क किया और कहा कि ऐसी नियुक्तियां मंत्री के कार्यालय के माध्यम से की जा रही हैं. बिचौलिए ने उनसे किश्तों में रिश्वत के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करने के लिए कहा. आरोप के मुताबिक, पथानामथिट्टा में सीपीआई (एम) की ट्रेड यूनियन शाखा सीटू के एक पूर्व कार्यालय सचिव ने कथित तौर पर बिचौलिए के रूप में काम किया. उसी ने उक्त नियुक्ति के लिए रिश्वत ली. जिसके एवज में उसने दावा किया था कि शिकायत कर्ती की बहू को भी इसमें शामिल कर लिया। नौकरी नहीं मिली.
हरिदासन ने मीडिया के माध्यम से अपने और मंत्री के निजी स्टाफ सदस्य के बीच पैसे के लेनदेन के कुछ कथित सबूत भी जारी किए. बाद में दिन में, उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस की विशेष शाखा के अधिकारियों ने उनका बयान दर्ज किया है. हरिदासन ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मुझसे विवरण मांगा और मेरे बयान लिए. मैंने उन्हें सारी जानकारी दी और मेरे पास मौजूद सबूतों की एक फोटोकॉपी साझा की. वे आश्वस्त हैं.
आरोपों को खारिज करते हुए स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के लिए एक शिकायत डीजीपी को भेज दी गई है. मंत्री वीना जॉर्ज ने भी इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि प्राप्त शिकायत के आधार पर उन्होंने आरोपी निजी स्टाफ सदस्य से स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत मिलने पर उन्होंने कभी भी उसे छिपाने की कोशिश नहीं की.
जॉर्ज ने कन्नूर में संवाददाताओं से कहा जब मुझे एक मंत्री के रूप में ऐसी शिकायत मिली, तो मैंने सबसे पहले जो किया...अपने निजी स्टाफ सदस्य से स्पष्टीकरण मांगा, जिसके खिलाफ आरोप लगाया गया है. यह उस जांच का हिस्सा था जो मैंने अपने कार्यालय में इस संबंध में की थी. उन्होंने कहा कि मामले की व्यापक जांच के लिए मलप्पुरम के व्यक्ति की शिकायत पुलिस को भेज दी गई है. अपने निजी स्टाफ सदस्य को उसके खिलाफ आरोपों के मद्देनजर पुलिस में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि आरोपों के पीछे की सच्चाई सामने आनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री के निजी स्टाफ के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों को 'गंभीर' बताते हुए विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पनप रहा है. विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने कहा कि यह आरोप कि मंत्री के एक निजी स्टाफ सदस्य ने नियुक्ति के लिए रिश्वत ली चौंकाने वाला है.
उन्होंने कहा कि शिकायत मंत्री के निजी स्टाफ सदस्य अखिल मैथ्यू और पथानामथिट्टा में सीपीआई (एम) नेता अखिल सजीव के खिलाफ की गई है. हालांकि शिकायतकर्ता ने 4 सितंबर को ईमेल के जरिए और 13 सितंबर को पंजीकृत डाक के रूप में मंत्री के कार्यालय को शिकायत भेजी थी, लेकिन इसे 10 दिनों के बाद ही पुलिस को सौंप दिया गया है.
उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर चूक है. क्या मंत्री को अपने कार्यालय में होने वाली किसी भी चीज़ की जानकारी नहीं रहती है. एलओपी ने पूछा और मांग की कि इसकी भी जांच की जाए कि क्या स्वास्थ्य विभाग के तहत की गई अन्य नियुक्तियों में रिश्वतखोरी हुई है. इस बीच, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि आरोपों का सामना कर रहे स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव और कर्मचारियों ने खुद इस संबंध में अलग-अलग पुलिस शिकायतें दर्ज कराई हैं.
उन्होंने कहा कि अखिल मैथ्यू की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ आरोपों की विस्तृत जांच की मांग करते हुए कैंट पुलिस ने आईपीसी की धारा 419 और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर सच्चाई सामने नहीं ले आती है तब तक इंतजार करें.