ऋषिकेश: भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से प्रेरित ब्राजील निवासी वेदांत आचार्य जोनास मसेटी उर्फ विश्वनाथ की अध्यात्म भारत यात्रा ऋषिकेश में संपन्न हो गई. इस दौरान उन्होंने देशभर के विभिन्न धार्मिक स्थलों और मठ-मंदिरों की यात्रा की. अनुभवों को साझा करते हुए आचार्य जोनास ने कहा कि ऋषिकेश भारतीय संस्कृति का हृदय स्थल है. इसमें गोता लगाने वालों के लिए हर ओर से ज्ञान की गंगा बहती है.
आचार्य जोनास मसेटी की अध्यात्म भारत यात्रा संपन्न: शीशमझाड़ी स्थित दयानंद आश्रम में आचार्य जोनास मसेटी ने प्रेसवार्ता की. उन्होंने बताया कि वह ब्राजील से पिछले दो दशक से भारत आ रहे हैं. इस बीच स्वामी दयानंद से भी उनकी मुलाकात हुई. उन्हें देखने के बाद भी उनका झुकाव सनातन की तरफ हुआ. वह भारतीय संस्कृति और आध्यात्म को समझने के साथ इसका ब्राजील में भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. आचार्य जोनास ने बताया कि 19 नवंबर को तमिलनाडु स्थित मीनाक्षी टेंपल से उनकी यात्रा की शुरूआत हुई. इसके बाद वह विभिन्न धार्मिक स्थलों और मठ-मंदिरों की यात्रा करते हुए यहां तक पहुंचे. आचार्य जोनास बोले, उनकी पत्नी का नाम मीनाक्षी है. बेटी का नाम उन्होंने सरस्वती और बेटे को मनु नाम दिया है.
आचार्य जोनास ब्राजील में चलाते हैं गुरुकुल: ब्राजील में चला रहे 3000 युवाओं का गुरुकुल: 42 वर्षीय आचार्य जोनास ने बताया कि ब्राजील स्थित रियो डी जेनेरो में उन्होंने विश्व विद्या संगठन की स्थापना भी की. इसमें तीन हजार युवाओं को वह भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का ज्ञान करा रहे हैं. उन्हें रामायण और महाभारत पढ़ायी जा रही है. ब्राजील में युवाओं को शांति और आध्यात्म की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं.
पश्चिमी देशों में बांट रहे वेदों और गीता का ज्ञान: आचार्य जोनास मसेटी सिर्फ ब्राजील ही नहीं, बल्कि कई पश्चिमी देशों में भारतीय वेदों और भगवत गीता का ज्ञान भी बांट रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2020 में मन की बात कार्यक्रम में उनका जिक्र कर चुके हैं.
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