औरंगाबाद: औरंगाबाद के एक विधान पार्षद (MLC of Aurangabad Satish Chavan) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे स्कूल और कॉलेज बंद रखने के फैसले पर एक बार फिर विचार करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि इससे लड़के खेतों में काम करने को मजबूर हो गए हैं, जबकि माता-पिता कम उम्र में लड़कियों की शादी करा रहे हैं. विधान पार्षद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र (Legislative Councilor wrote a letter to the Chief Minister ) में उनसे 50 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल और कॉलेज दोबारा खोलने का आग्रह किया.
महराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद राज्य में 15 फरवरी तक स्कूल बंद करने की घोषणा की है और इस दौरान कक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं. मराठवाड़ा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता सतीश चव्हाण ने दावा किया कि स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार है, जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं.
चव्हाण ने दावा किया कि शैक्षणिक सत्र में रुकावट की वजह से लड़के खेतों में काम करने को मजबूर हो गए हैं, जबकि माता-पिता कम उम्र में लड़कियों की शादी करा रहे हैं. उनके मुताबिक स्कूल और कॉलेज बंद होने के कारण छात्रों के लेखन, पढ़ने के कौशल और उनके ज्ञान अर्जित करने के कौशल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. विधान पार्षद ने कहा कि महाराष्ट्र में मॉल, होटल और सिनेमा घर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कैसे खुले हैं, इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक दिन पहले कहा था कि स्कूलों को फिर से खोलने की मांग पर 10-15 दिन में विचार किया जाएगा, क्योंकि बच्चों को संक्रमित होने के मामले कम हैं और छात्रों की शिक्षा का नुकसान भी हो रहा है. उन्होंने कहा था कि अंतिम फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे.
(पीटीआई-भाषा)