नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आतंकवाद को लेकर सख्ती दिखा रही है, अब बंदूक वाले नक्सलवाद और कलम वाले नक्सलवाद की काट निकालना जरूरी है. प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्री और गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए बताया कि आतंकवाद, हवाला और भ्रष्टाचार पर सरकार द्वारा सख्ती दिखाई जा रही है. वहीं आतंकवाद के ग्राउंड नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सभी राज्य इसकी गंभीरता को समझ रहे हैं. बस इसके लिए एकसाथ मिलकर लड़ाई लड़नी होगी. सभी राज्यों और केंद्र की एजेंसियों में समन्वय जरूरी है.
प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद पर भी प्रहार करते हुए कहा कि नक्सलवाद के हर फॉर्म को पराजित करना होगा. बंदूक वाले नक्सलवाद को भी और कलम वाले नक्सलवाद को भी. इसकी काट निकालना बेहद जरूरी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जैसे हमने नक्सल प्रभावित जिलों पर फोकस किया है, वैसे ही वो अब अपना इंटलेक्च ुअल दायरा उन जगह पर बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, जहां से वो आने वाली पीढ़ियों में विकृत मानसिकता पैदा कर सकते है. वो समाज में एक खाई पैदा कर सकते हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि नक्सलवाद से समझदारी से निपटना होगा. फोर्स को एक्सपर्ट होना होगा.उन्होंने कहा कि इन्हें विदेशों से भी मदद मिलती है. इनका चेहरा मोहरा अलग दिखता है और काम ये अलग करते हैं. सुरक्षा एजेंसियां को इसे समझना जरूरी है.
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और नार्थ ईस्ट में विकास के चलते उग्रवादी मुख्य धारा में लौट रहे हैं. इसी तरह सीमा सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है. उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारियों को एक दिन बॉर्डर क्षेत्रों में गुजारना चाहिए ताकि वहां की असलियत पता चल सके. अंत में उन्होंने उम्मीद जताई कि शिविर की चर्चा में एक केलक्टिव रोडमैप बनेगा जिसमें सभी लोग मिलकर काम कर सकेंगे.
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