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गृह मंत्रालय की संसदीय समिति ने कहा- लद्दाख सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दे सरकार

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Published : Dec 17, 2021, 9:02 PM IST

गृह मामलों की एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार को लद्दाख में सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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गृह मंत्रालय (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : चीन के साथ जारी सीमा संघर्ष को संज्ञान में रखते हुए गृह मामलों की एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार को लद्दाख में सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है. राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा (Rajya Sabha MP Anand Sharma) की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने अपनी 235वीं रिपोर्ट में सरकार से इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है. रिपोर्ट में लद्दाख के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों और गांवों को नवीनतम सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) योजना के तहत कवर नहीं किया गया है.

समिति ने सिफारिश की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) लद्दाख के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों को शामिल करने के लिए मामला उठा सकता है, जिसमें संशोधित बार्डर एरिया डेवलपमेंट योजना (बीएडीपी) दिशानिर्देशों के अनुसार छोटी आबादी वाली बंजर भूमि शामिल हैं. समिति ने कहा है कि संशोधित बीएडीपी दिशानिर्देश वर्ष 2020 में तैयार किए गए हैं जो 50 किमी क्षेत्र को कवर करते हैं.

इसके अलावा समिति का मानना है कि कुल 236 आवासों में से 172 गांवों में दूरसंचार का बुनियादी ढांचा है, वहीं सिर्फ 24 और 78 गांवों में ही 3जी और 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी है. इसके अलावा समिति ने कहा है कि इंटरनेट सहित संचार सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है क्यों कि कोविड 19 महामारी के बाद से ही स्कूलों के बंद होने के कारण छात्र ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. साथ ही समिति ने लद्दाख विशेष के सभी गांवों के साथ चुमार और डेमचुक गांवों से लोगों के बाहर जाने से रोकने के लिए वहां पर विद्युतीकरण करने की भी सिफारिश की है.

ये भी पढ़ें - Rezang La Memorial : सन 1962 के युद्ध के जांबाज को रक्षा मंत्री ने कुछ इस अंदाज में दिया सम्मान

वहीं दूरवर्ती इलाकों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. हालांकि, अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा है कि मार्च 2020 में जारी नवीनतम बीएडीपी दिशानिर्देशों के अनुसार, यह योजना अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर तक स्थित सभी बस्तियों को कवर करती है.

गृह मंत्रालय ने कनेक्टिविटी और दूरसंचार सुविधाएं मुहैया कराने के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा है कि दूरसंचार ढांचा मुहैया कराने के लिए सीमावर्ती गांवों की सूची दूरसंचार विभाग के साथ साझा की गई है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि सूची में 14,708 सीमावर्ती गांवों को उनकी स्थानीय सरकारी निर्देशिका (LGD) कोड के साथ शामिल किया गया है. जबकि शेष 1860 सीमावर्ती गांवों के लिए एलजीडी कोड प्रदान करने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.

नई दिल्ली : चीन के साथ जारी सीमा संघर्ष को संज्ञान में रखते हुए गृह मामलों की एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार को लद्दाख में सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है. राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा (Rajya Sabha MP Anand Sharma) की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने अपनी 235वीं रिपोर्ट में सरकार से इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है. रिपोर्ट में लद्दाख के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों और गांवों को नवीनतम सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) योजना के तहत कवर नहीं किया गया है.

समिति ने सिफारिश की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) लद्दाख के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों को शामिल करने के लिए मामला उठा सकता है, जिसमें संशोधित बार्डर एरिया डेवलपमेंट योजना (बीएडीपी) दिशानिर्देशों के अनुसार छोटी आबादी वाली बंजर भूमि शामिल हैं. समिति ने कहा है कि संशोधित बीएडीपी दिशानिर्देश वर्ष 2020 में तैयार किए गए हैं जो 50 किमी क्षेत्र को कवर करते हैं.

इसके अलावा समिति का मानना है कि कुल 236 आवासों में से 172 गांवों में दूरसंचार का बुनियादी ढांचा है, वहीं सिर्फ 24 और 78 गांवों में ही 3जी और 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी है. इसके अलावा समिति ने कहा है कि इंटरनेट सहित संचार सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है क्यों कि कोविड 19 महामारी के बाद से ही स्कूलों के बंद होने के कारण छात्र ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. साथ ही समिति ने लद्दाख विशेष के सभी गांवों के साथ चुमार और डेमचुक गांवों से लोगों के बाहर जाने से रोकने के लिए वहां पर विद्युतीकरण करने की भी सिफारिश की है.

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वहीं दूरवर्ती इलाकों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. हालांकि, अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा है कि मार्च 2020 में जारी नवीनतम बीएडीपी दिशानिर्देशों के अनुसार, यह योजना अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर तक स्थित सभी बस्तियों को कवर करती है.

गृह मंत्रालय ने कनेक्टिविटी और दूरसंचार सुविधाएं मुहैया कराने के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा है कि दूरसंचार ढांचा मुहैया कराने के लिए सीमावर्ती गांवों की सूची दूरसंचार विभाग के साथ साझा की गई है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि सूची में 14,708 सीमावर्ती गांवों को उनकी स्थानीय सरकारी निर्देशिका (LGD) कोड के साथ शामिल किया गया है. जबकि शेष 1860 सीमावर्ती गांवों के लिए एलजीडी कोड प्रदान करने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.

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