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भारत की यूनेस्को धरोहर स्थलों पर पुस्तक 'इनक्रेडिबल ट्रेशर' का अनावरण - नई दिल्ली

यूनेस्को की सूची में शामिल भारत के धरोहर स्थलों के समृद्ध सांस्कृतिक खजाने को समेटे हुए एक पुस्तक का विमोचन किया गया है. इस पुस्तक में अभिलेखीय चित्रों सहित शानदार तस्वीरों को संग्रहीत किया गया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

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Published : Aug 28, 2021, 5:45 PM IST

नई दिल्ली : यूनेस्को की सूची में शामिल भारत के धरोहर स्थलों के समृद्ध सांस्कृतिक खजाने को समेटे हुए एक पुस्तक का विमोचन किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इनक्रेडिबल ट्रेशर शीर्षक वाली इस पुस्तक का ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान विमोचन किया गया.

भारत में फिलहाल 40 सांस्कृतिक और प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल हैं, जो देश भर में फैले हुए हैं. इनमें तेलंगाना में स्थित 13वीं सदी का रामप्पा मंदिर और गुजरात में स्थित प्राचीन धोलावीरा स्थल शामिल है. दोनों को इस साल जुलाई में विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया. इस पुस्तक को यूनेस्को और मैपिन पब्लिशिंग हाउस ने तैयार किया है.

यह भी पढ़ें-मध्यप्रदेश ने भी लागू कर दी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, जानिए कैसे बदल जाएगा पढ़ाई का सिस्टम

यह परियोजना अगस्त 2019 में शुरू हुई थी और इसे पूरा होने में एक साल लगा. संरक्षण वास्तुकार शिखा जैन ने बताया कि रामप्पा मंदिर और धोलावीरा स्थल को यूनेस्को सूची में इस साल जुलाई में शामिल किए जाने के बाद इन दोनों स्थलों के बारे में जानकारियों को एक ब्राशर में समेटा गया है और पुस्तक के साथ यह भी उपलब्ध है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : यूनेस्को की सूची में शामिल भारत के धरोहर स्थलों के समृद्ध सांस्कृतिक खजाने को समेटे हुए एक पुस्तक का विमोचन किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इनक्रेडिबल ट्रेशर शीर्षक वाली इस पुस्तक का ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान विमोचन किया गया.

भारत में फिलहाल 40 सांस्कृतिक और प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल हैं, जो देश भर में फैले हुए हैं. इनमें तेलंगाना में स्थित 13वीं सदी का रामप्पा मंदिर और गुजरात में स्थित प्राचीन धोलावीरा स्थल शामिल है. दोनों को इस साल जुलाई में विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया. इस पुस्तक को यूनेस्को और मैपिन पब्लिशिंग हाउस ने तैयार किया है.

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यह परियोजना अगस्त 2019 में शुरू हुई थी और इसे पूरा होने में एक साल लगा. संरक्षण वास्तुकार शिखा जैन ने बताया कि रामप्पा मंदिर और धोलावीरा स्थल को यूनेस्को सूची में इस साल जुलाई में शामिल किए जाने के बाद इन दोनों स्थलों के बारे में जानकारियों को एक ब्राशर में समेटा गया है और पुस्तक के साथ यह भी उपलब्ध है.

(पीटीआई-भाषा)

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