बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस आरोप को मंगलवार को खारिज किया कि भाजपा और जदएस के कुछ नेता कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने के लिए विदेश में साजिश रच रहे हैं और दावा किया कि उनके आरोपों का मकसद सत्तारूढ़ दल में बढ़ते असंतोष से लोगों का ध्यान हटाना है.
शिवकुमार ने सोमवार को दावा किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए सिंगापुर में साजिश रची जा रही है. इससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई. पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने स्पष्ट किया कि भाजपा का कोई भी नेता सरकार गिराने के लिए ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इस सरकार की विफलताओं के कारण स्वाभाविक रूप से विधायकों में असंतोष और अंदरूनी कलह पैदा हो गई है.
बोम्मई ने कहा, 'शिवकुमार के बयानों से इस सरकार में अस्थिरता आ रही है. उन्हें सिंगापुर के बारे में बोलने की कोई ज़रूरत नहीं थी, लेकिन इसका उद्देश्य बी.के. हरिप्रसाद की टिप्पणियों के नतीजों से जनता का ध्यान भटकाना है और विपक्षी दलों पर निशाना साधने के लिए उन्होंने बेवजह ये बयान दिया है.' विधान पार्षद हरिप्रसाद ने 21 जुलाई को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि वह जानते हैं कि 'मुख्यमंत्री को कैसे बनाना या हटाना है.'
यहां पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा, 'इसका (शिवकुमार का बयान) उद्देश्य उनकी (शिवकुमार की) भविष्य की रणनीति के लिए आधार तैयार करना और कुल मिलाकर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करना था.' उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'कर्नाटक के इतिहास में कभी भी उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी नहीं दी गई है.' अगर असामाजिक तत्वों और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की इतनी हिम्मत हो गई है, तो यह दर्शाता है कि यह सरकार कितनी कमजोर है.' उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि राज्य अराजकता की राह पर है.
(पीटीआई-भाषा)