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अदालतों की छुट्टी को लेकर बॉम्बे HC में याचिका, कोर्ट ने कहा- दीपावली बाद होगी सुनवाई

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Published : Oct 22, 2022, 3:18 PM IST

कोर्ट की छुट्टियों को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने कहा है कि वह दीपावली की छुट्टियां खत्म होने के बाद 9 नवंबर को इस पर सुनवाई करेगा.

Bombay High Court
बंबई उच्च न्यायालय

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने गुरुवार को कहा कि वह दीपावली की छुट्टियों के बाद अदालत की छुट्टियों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. एक जनहित याचिका में अदालतों की लंबी छुट्टियां को चुनौती दी गई है, जिससे कथित तौर पर मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है. उच्च न्यायालय में 22 अक्टूबर से दीपावली की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, जिसके बाद अदालत नौ नवंबर को दोबारा खुलेगी.

सबीना लकड़ावाला द्वारा दायर जनहित याचिका में उच्च न्यायालय की छुट्टियों को चुनौती देते हुए दावा किया गया कि यह वादियों के न्याय हासिल करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. लकड़ावाला के वकील मैथ्यूज नेदुमपुरा ने कहा कि याचिकाकर्ता न्यायाधीशों की छुट्टियां लेने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन न्यायपालिका के सदस्यों को एक ही समय में छुट्टी नहीं लेनी चाहिए. उन्हें इस तरह छुट्टी लेनी चाहिए कि अदालतें पूरे साल काम कर सकें.

नेदुमपुरा ने न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की खंडपीठ से गुरुवार को याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. पीठ ने वकील से पूछा कि अब जनहित याचिका क्यों दायर की गई जब 2022 के लिए उच्च न्यायालय का ‘कैलेंडर’ पिछले साल नवंबर में ही उपलब्ध करा दिया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि जनहित याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय में हर साल तीन बार छुट्टियां होती हैं. ग्रीष्मकालीन अवकाश (एक माह), दीपावली की छुट्टियां (दो सप्ताह) और क्रिसमस की छुट्टियां (एक सप्ताह)। हालांकि इस दौरान आवश्यक न्यायिक कार्यों के लिए विशेष अवकाश पीठ उपलब्ध रहती है.

ये भी पढ़ें - तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए समान कानूनों की मांग वाली याचिका का केंद्र ने किया विरोध

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने गुरुवार को कहा कि वह दीपावली की छुट्टियों के बाद अदालत की छुट्टियों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. एक जनहित याचिका में अदालतों की लंबी छुट्टियां को चुनौती दी गई है, जिससे कथित तौर पर मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है. उच्च न्यायालय में 22 अक्टूबर से दीपावली की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, जिसके बाद अदालत नौ नवंबर को दोबारा खुलेगी.

सबीना लकड़ावाला द्वारा दायर जनहित याचिका में उच्च न्यायालय की छुट्टियों को चुनौती देते हुए दावा किया गया कि यह वादियों के न्याय हासिल करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. लकड़ावाला के वकील मैथ्यूज नेदुमपुरा ने कहा कि याचिकाकर्ता न्यायाधीशों की छुट्टियां लेने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन न्यायपालिका के सदस्यों को एक ही समय में छुट्टी नहीं लेनी चाहिए. उन्हें इस तरह छुट्टी लेनी चाहिए कि अदालतें पूरे साल काम कर सकें.

नेदुमपुरा ने न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की खंडपीठ से गुरुवार को याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. पीठ ने वकील से पूछा कि अब जनहित याचिका क्यों दायर की गई जब 2022 के लिए उच्च न्यायालय का ‘कैलेंडर’ पिछले साल नवंबर में ही उपलब्ध करा दिया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि जनहित याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय में हर साल तीन बार छुट्टियां होती हैं. ग्रीष्मकालीन अवकाश (एक माह), दीपावली की छुट्टियां (दो सप्ताह) और क्रिसमस की छुट्टियां (एक सप्ताह)। हालांकि इस दौरान आवश्यक न्यायिक कार्यों के लिए विशेष अवकाश पीठ उपलब्ध रहती है.

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(पीटीआई-भाषा)

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