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हाईकोर्ट ने धन शोधन मामले में नवाब मलिक को अंतरिम राहत देने से किया इनकार

नवाब मलिक की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल, बंबई उच्च न्यायालय ने राकांपा नेता को धन शोधन के एक मामले में अंतरिम राहत देने और न्यायिक हिरासत में उनकी रिहाई पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.

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Published : Mar 15, 2022, 2:00 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ( maharashtra minister Nawab Malik) को धन शोधन के एक मामले में अंतरिम राहत देने और न्यायिक हिरासत में उनकी रिहाई पर आदेश पारित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया (bombay hc refuses to give interim relief to nawab malik ). प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहायकों से कथित तौर पर जुड़े एक संपत्ति सौदे को लेकर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत इस साल 23 फरवरी को मलिक को गिरफ्तार किया था. वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और अंतरिम राहत के तौर पर हिरासत से तत्काल रिहा किए जाने का अनुरोध किया था. बहरहाल, न्यायमूर्ति पी.बी. वराले और न्यायमूर्ति एस.एम. मोदक की पीठ ने मंगलवार को मलिक को ऐसी कोई राहत देने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा कि मंत्री की याचिका से कुछ विचारणीय मुद्दे उठे हैं और अदालत को कोई अंतिम आदेश देने से पहले दोनों पक्षों की दलीलों पर विस्तार से सुनवाई करने की आवश्यकता है. उच्च न्यायालय ने कहा, चूंकि कुछ विचारणीय मुद्दे उठाए गए हैं तो उन पर विस्तार से सुनवाई करने की आवश्यकता है. हम अंतरिम याचिका में किए गए अनुरोध को मंजूर नहीं करते.

पढ़ें : गवाहों के बयान मनी लॉन्ड्रिंग में नवाब मलिक की भूमिका के संकेत देते हैं : अदालत

अपनी गिरफ्तारी के बाद मलिक ने वरिष्ठ वकील अमित देसाई के जरिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दावा किया था कि ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया जाना और उसके बाद हिरासत में भेजा जाना गैरकानूनी है. उन्होंने अनुरोध किया था कि मामले में उनकी गिरफ्तारी रद्द की जाए और अंतरिम राहत देते हुए उन्हें फौरन हिरासत से रिहा किया जाए.ईडी ने मलिक पर मुंबई के कुर्ला इलाके में एक संपत्ति हड़पने के लिए कथित आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा होने का आरोप लगाया है. इस संपत्ति की बाजार में कीमत 300 करोड़ रुपये है.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ( maharashtra minister Nawab Malik) को धन शोधन के एक मामले में अंतरिम राहत देने और न्यायिक हिरासत में उनकी रिहाई पर आदेश पारित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया (bombay hc refuses to give interim relief to nawab malik ). प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहायकों से कथित तौर पर जुड़े एक संपत्ति सौदे को लेकर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत इस साल 23 फरवरी को मलिक को गिरफ्तार किया था. वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और अंतरिम राहत के तौर पर हिरासत से तत्काल रिहा किए जाने का अनुरोध किया था. बहरहाल, न्यायमूर्ति पी.बी. वराले और न्यायमूर्ति एस.एम. मोदक की पीठ ने मंगलवार को मलिक को ऐसी कोई राहत देने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा कि मंत्री की याचिका से कुछ विचारणीय मुद्दे उठे हैं और अदालत को कोई अंतिम आदेश देने से पहले दोनों पक्षों की दलीलों पर विस्तार से सुनवाई करने की आवश्यकता है. उच्च न्यायालय ने कहा, चूंकि कुछ विचारणीय मुद्दे उठाए गए हैं तो उन पर विस्तार से सुनवाई करने की आवश्यकता है. हम अंतरिम याचिका में किए गए अनुरोध को मंजूर नहीं करते.

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अपनी गिरफ्तारी के बाद मलिक ने वरिष्ठ वकील अमित देसाई के जरिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दावा किया था कि ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया जाना और उसके बाद हिरासत में भेजा जाना गैरकानूनी है. उन्होंने अनुरोध किया था कि मामले में उनकी गिरफ्तारी रद्द की जाए और अंतरिम राहत देते हुए उन्हें फौरन हिरासत से रिहा किया जाए.ईडी ने मलिक पर मुंबई के कुर्ला इलाके में एक संपत्ति हड़पने के लिए कथित आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा होने का आरोप लगाया है. इस संपत्ति की बाजार में कीमत 300 करोड़ रुपये है.

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