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Bombay HC Judgement: बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला, सौतेली मां को परेशान करने पर बेटों को पिता की संपत्ति से किया बेदखल - Sons not get share in fathers property

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिता की संपत्ति विवाद में एक अहम फैसला सुनाया है. सौतेली मां को परेशान करने पर हाई कोर्ट ने बेटों को पिता की संपत्ति से बेदखल कर दिया है.

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Etv Bharatबॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला, सौतेली मां को परेशान करने पर बेटों को पिता की संपत्ति से किया बेदखल
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Published : Mar 1, 2023, 8:00 AM IST

Updated : Mar 1, 2023, 8:11 AM IST

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सौतेली मां को परेशान करने के एक मामले में एक बड़ा ही अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सौतेली मां को परेशान करने के कारण बच्चों को उसके पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा. दरअसल पिता के गुजरने के बाद दो बेटों ने सौतेली मां के साथ दुर्व्यवहार कर घर खाली करने का दबाव बनाया. लेकिन कोर्ट के फैसले ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो बच्चों को संपत्ति के अधिकार से बेदखल करने के फैसले को इस आधार पर बरकरार रखा कि दोनों बेटों ने सौतेली मां को परेशान किया और उनके साथ गलत व्यवहार किया. आरोप लगाया गया कि बेटों ने पिता के घर से सौतेली माँ को गाली दी और भला बुरा कहा.

दोनों बेटों ने सौतेली मां को घर से बाहर करने के लिए अदालतों का सहारा लिया. बाद में बेटो ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सौतेली मां को घर से बाहर निकालने का प्रयास किया. लेकिन इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिलचस्प फैसला सुनाया.

न्यायमूर्ति आरजी अवचट ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 7 के तहत गठित ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा. जिसने याचिकाकर्ताओं को घर खाली करने के पहले के निर्देश को बरकरार रखा. चूंकि दोनों बच्चों की सौतेली मां बुजुर्ग हैं, इसलिए आराम और शांति जरूरी है.

ये भी पढ़ें- nirav modi brother in law Petition: SC ने नीरव मोदी के बहनोई की विदेश यात्रा से जुड़ी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट वापस भेजी

याचिकाकर्ता और उनके रिश्ते तनावपूर्ण थे. चूंकि याचिकाकर्ताओं की मां सौतेली मां हैं, इसलिए यह संभावना नहीं है कि वे विवादित परिसर में शांतिपूर्वक एक साथ रह सकते हैं. कोर्ट ने सवाल उठाया कि अगर वे लड़ते रहेंगे तो बुजुर्ग मां चैन से कैसे रह सकती हैं. दोनों लड़के अपनी सौतेली मां से लड़ने लगे और लगातार कहासुनी के कारण साथ नहीं रह पाए. ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई. उनके पिता की मौत 2014 में हो गयी थी. उसके बाद लगातार कहासुनी होने लगी.

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सौतेली मां को परेशान करने के एक मामले में एक बड़ा ही अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सौतेली मां को परेशान करने के कारण बच्चों को उसके पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा. दरअसल पिता के गुजरने के बाद दो बेटों ने सौतेली मां के साथ दुर्व्यवहार कर घर खाली करने का दबाव बनाया. लेकिन कोर्ट के फैसले ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो बच्चों को संपत्ति के अधिकार से बेदखल करने के फैसले को इस आधार पर बरकरार रखा कि दोनों बेटों ने सौतेली मां को परेशान किया और उनके साथ गलत व्यवहार किया. आरोप लगाया गया कि बेटों ने पिता के घर से सौतेली माँ को गाली दी और भला बुरा कहा.

दोनों बेटों ने सौतेली मां को घर से बाहर करने के लिए अदालतों का सहारा लिया. बाद में बेटो ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सौतेली मां को घर से बाहर निकालने का प्रयास किया. लेकिन इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिलचस्प फैसला सुनाया.

न्यायमूर्ति आरजी अवचट ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 7 के तहत गठित ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा. जिसने याचिकाकर्ताओं को घर खाली करने के पहले के निर्देश को बरकरार रखा. चूंकि दोनों बच्चों की सौतेली मां बुजुर्ग हैं, इसलिए आराम और शांति जरूरी है.

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याचिकाकर्ता और उनके रिश्ते तनावपूर्ण थे. चूंकि याचिकाकर्ताओं की मां सौतेली मां हैं, इसलिए यह संभावना नहीं है कि वे विवादित परिसर में शांतिपूर्वक एक साथ रह सकते हैं. कोर्ट ने सवाल उठाया कि अगर वे लड़ते रहेंगे तो बुजुर्ग मां चैन से कैसे रह सकती हैं. दोनों लड़के अपनी सौतेली मां से लड़ने लगे और लगातार कहासुनी के कारण साथ नहीं रह पाए. ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई. उनके पिता की मौत 2014 में हो गयी थी. उसके बाद लगातार कहासुनी होने लगी.

Last Updated : Mar 1, 2023, 8:11 AM IST
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