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बॉम्बे HC ने अनिल देशमुख की संपत्ति को कुर्क करने से प्रवर्तन निदेशालय को रोका

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Published : Dec 7, 2021, 11:08 AM IST

जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने अनिल देशमुख की पत्नी आरती की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा परिवार की 4.2 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने और साथ ही कुर्क की पुष्टि करने के लिए निर्णायक प्राधिकरण के समक्ष कार्यवाही को चुनौती दी गई थी.

Anil Deshmukh (file photo)
अनिल देशमुख (फाइल फोटो)

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) के तहत महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की संपत्ति को कुर्क करने से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) पर रोक लगा दी है. 14 दिसम्बर तक ED संपत्ति कुर्क नहीं कर सकता है.

जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने अनिल देशमुख की पत्नी आरती की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा परिवार की 4.2 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने और साथ ही कुर्क की पुष्टि करने के लिए निर्णायक प्राधिकरण के समक्ष कार्यवाही को चुनौती दी गई थी.

आरती अनिल देशमुख ने अपनी प्रार्थना में, प्रवर्तन निदेशालय को PMLA के अनुसार सख्ती से निर्णायक प्राधिकरण गठित करने का निर्देश देने की मांग की और एक सदस्य वाले मौजूदा प्राधिकरण को आगे की कार्यवाही करने से रोकने की मांग की थी.

पढ़ें : चांदीवाल आयोग ने सचिन वाजे और अनिल देशमुख को पेशी वारंट भेजा

अदालत ने कहा कि प्राधिकरण के समक्ष कार्यवाही जारी रह सकती है, लेकिन कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसका उद्देश्य प्रवेश स्तर पर आरती की याचिका का निपटान करना है.

इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को होगी.

बता दें कि देशमुख के खिलाफ ED का मामला सीबीआई की भ्रष्टाचार की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और दो अन्य अधिकारियों को उनके लिए हर महीने बार मालिकों से अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था.

ईडी की जांच के अनुसार, महाराष्ट्र के गृह मंत्री के रूप में देशमुख ने दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से बर्खास्त सचिन वाजे के माध्यम से कम से कम 4.7 करोड़ रुपये नकद में प्राप्त किए थे.

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) के तहत महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की संपत्ति को कुर्क करने से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) पर रोक लगा दी है. 14 दिसम्बर तक ED संपत्ति कुर्क नहीं कर सकता है.

जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने अनिल देशमुख की पत्नी आरती की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा परिवार की 4.2 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने और साथ ही कुर्क की पुष्टि करने के लिए निर्णायक प्राधिकरण के समक्ष कार्यवाही को चुनौती दी गई थी.

आरती अनिल देशमुख ने अपनी प्रार्थना में, प्रवर्तन निदेशालय को PMLA के अनुसार सख्ती से निर्णायक प्राधिकरण गठित करने का निर्देश देने की मांग की और एक सदस्य वाले मौजूदा प्राधिकरण को आगे की कार्यवाही करने से रोकने की मांग की थी.

पढ़ें : चांदीवाल आयोग ने सचिन वाजे और अनिल देशमुख को पेशी वारंट भेजा

अदालत ने कहा कि प्राधिकरण के समक्ष कार्यवाही जारी रह सकती है, लेकिन कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसका उद्देश्य प्रवेश स्तर पर आरती की याचिका का निपटान करना है.

इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को होगी.

बता दें कि देशमुख के खिलाफ ED का मामला सीबीआई की भ्रष्टाचार की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और दो अन्य अधिकारियों को उनके लिए हर महीने बार मालिकों से अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था.

ईडी की जांच के अनुसार, महाराष्ट्र के गृह मंत्री के रूप में देशमुख ने दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से बर्खास्त सचिन वाजे के माध्यम से कम से कम 4.7 करोड़ रुपये नकद में प्राप्त किए थे.

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