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जबरन वसूली मामला : पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ नहीं होगी दंडात्मक कार्रवाई - जबरन वसूली मामला

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह से जुड़े जबरन वसूली के मामले में डीसीपी अकबर पठान की याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पांच अगस्त तक स्थगित कर दिया है.

जबरन वसूली मामला
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Published : Jul 30, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Jul 30, 2021, 7:04 PM IST

मुंबई : जबरन वसूली के मामले में मुंबई पुलिस पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में मुंबई पुलिस को निर्देश दिए हैं.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस याचिका पर निर्देश दिया जिसमें जबरन वसूली के मामले में डीसीपी पठान को सह-आरोपी बनाया गया है.

पुलिस ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि वह पुलिस उपायुक्त अकबर पठान को पांच अगस्त तक गिरफ्तार नहीं करेगी. पठान और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह समेत आठ लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज है.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ पठान के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने इस मामले में और समय देने का अनुरोध किया जिसके बाद पीठ ने याचिका पर सुनवाई पांच अगस्त के लिए स्थगित कर दी.

पई ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता (पठान) को पांच अगस्त तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव पुलिस थाने में पठान, सिंह और चार अन्य पुलिस अधिकारियों तथा दो अन्य के विरुद्ध एक मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें :- परमबीर का विवादों से पुराना नाता, दो दिनों में दो मामले दर्ज

अग्रवाल के मुताबिक, सिंह पठान और अन्य आरोपी पुलिस अधिकारियों ने अग्रवाल के विरुद्ध महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज नहीं करने के एवज में 50 लाख रुपये और ठाणे जिले के भायंदर में दो कमरों का फ्लैट देने की मांग की थी.

पठान ने अपनी याचिका में कहा कि उनके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है और इससे अग्रवाल के विरुद्ध जांच में बाधा उत्पन्न हुई जो अंडरवर्ल्ड गिरोह से जुड़े मामले में आरोपी है.

पठान के वकील नितिन प्रधान ने कहा कि उनके मुवक्किल अभी भी डीसीपी हैं और उनके विरुद्ध सीधे तौर पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती तथा उन पर लगे आरोप की प्रारम्भिक जांच की जानी चाहिए.

मुंबई : जबरन वसूली के मामले में मुंबई पुलिस पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में मुंबई पुलिस को निर्देश दिए हैं.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस याचिका पर निर्देश दिया जिसमें जबरन वसूली के मामले में डीसीपी पठान को सह-आरोपी बनाया गया है.

पुलिस ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि वह पुलिस उपायुक्त अकबर पठान को पांच अगस्त तक गिरफ्तार नहीं करेगी. पठान और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह समेत आठ लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज है.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ पठान के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने इस मामले में और समय देने का अनुरोध किया जिसके बाद पीठ ने याचिका पर सुनवाई पांच अगस्त के लिए स्थगित कर दी.

पई ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता (पठान) को पांच अगस्त तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव पुलिस थाने में पठान, सिंह और चार अन्य पुलिस अधिकारियों तथा दो अन्य के विरुद्ध एक मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें :- परमबीर का विवादों से पुराना नाता, दो दिनों में दो मामले दर्ज

अग्रवाल के मुताबिक, सिंह पठान और अन्य आरोपी पुलिस अधिकारियों ने अग्रवाल के विरुद्ध महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज नहीं करने के एवज में 50 लाख रुपये और ठाणे जिले के भायंदर में दो कमरों का फ्लैट देने की मांग की थी.

पठान ने अपनी याचिका में कहा कि उनके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है और इससे अग्रवाल के विरुद्ध जांच में बाधा उत्पन्न हुई जो अंडरवर्ल्ड गिरोह से जुड़े मामले में आरोपी है.

पठान के वकील नितिन प्रधान ने कहा कि उनके मुवक्किल अभी भी डीसीपी हैं और उनके विरुद्ध सीधे तौर पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती तथा उन पर लगे आरोप की प्रारम्भिक जांच की जानी चाहिए.

Last Updated : Jul 30, 2021, 7:04 PM IST
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