नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इथोपियाई एयरलाइंस 737 मैक्स विमान के 10 मार्च को आदिस अबाबा के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 13 मार्च 2019 को सभी बोइंग 737 मैक्स विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी. इस हादसे में 157 लोगों की मौत हो गई थी.
विमान बनाने वाली बोइंग, मार्च 2019 से 737- मैक्स विमान में बदलाव कर रही है ताकि डीजीसीए समेत विभिन्न देशों के नियामक यात्री उड़ान सेवा की फिर से अनुमति दे. डीजीसीए ने 26 अगस्त 2021 को अपने आदेश में कहा कि बोइंग 737 मैक्स एयरलाइन के परिचालन की अनुमति दी जाती है. यह अनुमति सेवा शुरू होने की जरूरतों को पूरा करने पर निर्भर है.
26 अगस्त को DGCA ने बोइंग 737-8 और 9 मॉडल को बंद करने के अपने आदेश को रद्द कर दिया. आदेश रद्द होने का आधार बताते हुए डीजीसीए ने कहा कि मैसर्स बोइंग फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा डिजाइन में बदलाव के आधार पर 18 नवंबर 2020 को एक एयरवर्थनेस डायरेक्टिव (एडी) जारी किया गया.
इसके बाद यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA) ने 17 फरवरी 2021 को अपना स्वयं का AD भी जारी किया, जिसे DGCA द्वारा भारतीय पर अनुपालन के लिए अनिवार्य किया गया है. नागर विमानन महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 737 मैक्स विमानों के वाणिज्यिक उड़ानों पर लगी पाबंदी हटाये जाने की पुष्टि की है. फिलहाल केवल स्पाइसजेट एयरलाइन के बेड़े में बोइंग- 737 विमान है.
भारत में किसी अन्य विमानन कंपनी के पास मैक्स विमान नहीं है. डीजीसीए के आदेश के बाद स्पाइसजेट को 12 मैक्स विमानों के वाणिज्यिक परिचालन पर रोक लगानी पड़ी थी. जेट एयरवेज के बेड़े में भी पांच मैक्स विमान थे. हालांकि विमान पट्टे पर देने वालों का बकाया नहीं चुकाने के कारण इन विमानों का परिचालन 13 मार्च 2019 के पहले से बंद था. एक महीने बाद कोष के अभाव में जेट एयरवेज ने परिचालन बंद कर दिया था.
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दुनिया भर में 17 नियामकों ने बोइंग 737 मैक्स हवाई जहाज के संचालन की अनुमति दी है. वर्तमान में बड़ी संख्या में एयरलाइंस (34) और B737 MAX हवाई जहाज (345) चल रही हैं. वहीं भारतीय अरबपति राकेश झुनझुनवाला, जो अल्ट्रा-लो-कॉस्ट अकासा एयरलाइन लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं.