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बोइंग ने भारतीय नौसेना को 12वां P-8I समुद्री गश्ती विमान सौंपा

नवंबर 2019 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए बोइंग द्वारा निर्मित लंबी दूरी की समुद्री निगरानी विमान की खरीद को मंजूरी दी थी.

12th P-8I maritime patrol aircraft
12वां P-8I समुद्री गश्ती विमान
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Published : Feb 24, 2022, 3:21 PM IST

नई दिल्ली : बोइंग (Boeing) ने भारतीय नौसेना (Indian Navy) को 12वां पी-8आई समुद्री गश्ती विमान (12th P-8I Maritime Patrol Aircraft) सौंप दिया. बोइंग (Boeing) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि 2016 में रक्षा मंत्रालय द्वारा हस्ताक्षरित विकल्प अनुबंध के तहत दिए गए चार अतिरिक्त विमानों में से यह चौथा है.

P-8I विमान P-8A Poseidon विमान का एक प्रकार है जिसे बोइंग ने अमेरिकी नौसेना के पुराने P-3 बेड़े के प्रतिस्थापन के रूप में विकसित किया है. मई 2021 में, अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department)ने छह P-8I गश्ती विमानों और संबंधित उपकरणों की प्रस्तावित बिक्री को मंजूरी दी, इस सौदे की लागत 2.42 बिलियन डॉलर (लगभग 18 हजार करोड़ रुपए, डॉलर के वर्तमान मूल्य के हिसाब से) थी. पढ़ें : Exercise Milan-2022: 45 देशों के साथ समुद्र में उतरेगी भारतीय नौसेना

नवंबर 2019 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने बोइंग द्वारा निर्मित लंबी दूरी की समुद्री निगरानी विमान की खरीद को मंजूरी दी.

एक जनवरी 2009 को कुल आठ विमानों के लिए लगभग 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 15 हजार करोड़ रुपए, डॉलर के वर्तमान मूल्य के हिसाब से) के अनुबंध के साथ भारतीय नौसेना पी-8 विमान के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन गई. भारत में पहला विमान 15 मई 2013 को आया था.

पढ़ें :अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आये सेना के सात जवान, रेस्क्यू जारी

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि P-8I विमान लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह-विरोधी युद्ध, खुफिया, निगरानी और व्यापक क्षेत्र, समुद्री और तटवर्ती अभियानों के दौरान नजर रखने के लिए इस्तेमाल होगा. इसके संचार और सेंसर सूट में रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और निजी निर्माताओं द्वारा विकसित स्वदेशी उपकरण शामिल हैं. लगभग 10 घंटे की अपनी उच्च गति और उच्च सहनशक्ति के साथ, विमान एक दंडात्मक प्रतिक्रिया देने और भारत के तत्काल और विस्तारित क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम है.

नई दिल्ली : बोइंग (Boeing) ने भारतीय नौसेना (Indian Navy) को 12वां पी-8आई समुद्री गश्ती विमान (12th P-8I Maritime Patrol Aircraft) सौंप दिया. बोइंग (Boeing) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि 2016 में रक्षा मंत्रालय द्वारा हस्ताक्षरित विकल्प अनुबंध के तहत दिए गए चार अतिरिक्त विमानों में से यह चौथा है.

P-8I विमान P-8A Poseidon विमान का एक प्रकार है जिसे बोइंग ने अमेरिकी नौसेना के पुराने P-3 बेड़े के प्रतिस्थापन के रूप में विकसित किया है. मई 2021 में, अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department)ने छह P-8I गश्ती विमानों और संबंधित उपकरणों की प्रस्तावित बिक्री को मंजूरी दी, इस सौदे की लागत 2.42 बिलियन डॉलर (लगभग 18 हजार करोड़ रुपए, डॉलर के वर्तमान मूल्य के हिसाब से) थी. पढ़ें : Exercise Milan-2022: 45 देशों के साथ समुद्र में उतरेगी भारतीय नौसेना

नवंबर 2019 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने बोइंग द्वारा निर्मित लंबी दूरी की समुद्री निगरानी विमान की खरीद को मंजूरी दी.

एक जनवरी 2009 को कुल आठ विमानों के लिए लगभग 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 15 हजार करोड़ रुपए, डॉलर के वर्तमान मूल्य के हिसाब से) के अनुबंध के साथ भारतीय नौसेना पी-8 विमान के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन गई. भारत में पहला विमान 15 मई 2013 को आया था.

पढ़ें :अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आये सेना के सात जवान, रेस्क्यू जारी

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि P-8I विमान लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह-विरोधी युद्ध, खुफिया, निगरानी और व्यापक क्षेत्र, समुद्री और तटवर्ती अभियानों के दौरान नजर रखने के लिए इस्तेमाल होगा. इसके संचार और सेंसर सूट में रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और निजी निर्माताओं द्वारा विकसित स्वदेशी उपकरण शामिल हैं. लगभग 10 घंटे की अपनी उच्च गति और उच्च सहनशक्ति के साथ, विमान एक दंडात्मक प्रतिक्रिया देने और भारत के तत्काल और विस्तारित क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम है.

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