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जम्मू कश्मीर: इस युवक की सफलता में आड़े नहीं आई उसकी नेत्रहीनता - नेत्रहीन दिव्यांग

जम्मू कश्मीर के मोहम्मद अशरफ सूफी ने आईएमएफ नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया. यह खिलाड़ी नेत्रहीन दिव्यांग है. लेकिन नेत्रहीनता उसकी सफलता में कभी आड़े नही आई. पढ़ें पूरी खबर...

जम्मू कश्मीर
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Published : Nov 16, 2021, 11:08 AM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर का ऐसा खिलाड़ी जो आंखों से देख नहीं सकता, लेकिन जज्बा और जोश बुलंद है. इसी जज्बे और जोश की बदोलत नेत्रहीन खिलाड़ी मोहम्मद अशरफ सूपी ने आईएमएफ नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग प्रतियोगिता में कमाल कर दिखाया है.

हाल ही में, जम्मू में प्रथम नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें मोहम्मद अशरफ सूफी दूसरे स्थान पर रहे. अशरफ नेत्रहीन दिव्यांग हैं. वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिला निवासी हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अशरफ ने कहा कि उनके आंखों की रोशनी जाने के बाद उन्हें कई मुश्किलों की सामना करना पड़ा है. अंधेपन के कारण आठवीं कक्षा के बाद वह आगे की पढ़ाई नहीं कर सके. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्हें खेलों में बहुत दिलचस्पी है. लेकिन नेत्रहीन होने के कारण वह किसी भी खेल गतिविधि का हिस्सा नहीं बन सके.

पढ़ें : पद्मश्री जावेद अहमद टाक दिव्यांगों के लिए एक आदर्श

उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही दीवारों पर चढ़ने और ऊंचे पेड़ों पर चढ़ने का शौक है. इसलिए एक कोच की मदद से मैंने दीवार पर चढ़ने का अभ्यास शुरू किया.

अशरफ ने आईएमएफ नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया. इस सफलता के लिए अशरफ ने खुशी जाहिर की है.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर का ऐसा खिलाड़ी जो आंखों से देख नहीं सकता, लेकिन जज्बा और जोश बुलंद है. इसी जज्बे और जोश की बदोलत नेत्रहीन खिलाड़ी मोहम्मद अशरफ सूपी ने आईएमएफ नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग प्रतियोगिता में कमाल कर दिखाया है.

हाल ही में, जम्मू में प्रथम नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें मोहम्मद अशरफ सूफी दूसरे स्थान पर रहे. अशरफ नेत्रहीन दिव्यांग हैं. वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिला निवासी हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अशरफ ने कहा कि उनके आंखों की रोशनी जाने के बाद उन्हें कई मुश्किलों की सामना करना पड़ा है. अंधेपन के कारण आठवीं कक्षा के बाद वह आगे की पढ़ाई नहीं कर सके. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्हें खेलों में बहुत दिलचस्पी है. लेकिन नेत्रहीन होने के कारण वह किसी भी खेल गतिविधि का हिस्सा नहीं बन सके.

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उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही दीवारों पर चढ़ने और ऊंचे पेड़ों पर चढ़ने का शौक है. इसलिए एक कोच की मदद से मैंने दीवार पर चढ़ने का अभ्यास शुरू किया.

अशरफ ने आईएमएफ नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया. इस सफलता के लिए अशरफ ने खुशी जाहिर की है.

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