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HNLU की टॉपर बनीं दृष्टिहीन छात्रा यवनिका, जानिए यवनिका के संघर्ष की कहानी ! - हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की टॉपर बनीं दृष्टिहीन छात्रा यवनिका

रायपुर की दृष्टिहीन छात्रा यवनिका हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की टॉपर बनीं हैं. यवनिका को गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की मौजूदगी में प्रदान किया (Yavanika became topper of Hidayatullah National Law University) गया.

blind student Yavanika
HNLU की टॉपर बनीं दृष्टिहीन छात्रा यवनिका
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Published : Jul 31, 2022, 5:11 PM IST

रायपुर: कहते हैं कि मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इसे चरितार्थ करके दिखाया है दिल्ली की रहने वाली एक दृष्टिहीन छात्रा यवनिका ने. यवनिका रायपुर के हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ) से बीएएलएलबी (ऑनर्स) 2021 बैच की टॉपर हैं. इन्होंने प्रोफेशनल एथिक्स में गोल्ड मेडल हासिल किया (Yavanika became topper of Hidayatullah National Law University) है. यवनिका को ये गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की मौजूदगी में प्रदान किया गया.

दृष्टिहीन छात्रा यवनिका बनीं HNLU टॉपर

मां ने बेटी की पढ़ाई के लिए छोड़ दी नौकरी: बता दें कि यवनिका दृष्टिहीन छात्रा हैं. लेकिन इसे कभी भी यवनिका ने अपनी कमजोरी नहीं समझी. दिल्ली की रहने वाली यवनिका के पिता भारतीय रेल सेवा में अधिकारी हैं और मां स्पेशल एजुकेटर के तौर पर काम कर रही थीं. यवनिका ने फैसला लिया कि वो लॉ की पढ़ाई करेंगी. यवनिका ने रायपुर के हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ) में एडमिशन लिया. यवनिका को कोई परेशानी ना हो इसके लिए उनकी मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यवनिका के साथ ही रायपुर में पांच वर्ष तक रही.

मंजिल पाने के लिए लगातार यवनिका ने की मेहनत: अपने मंजिल को पाने में यवनिका ने अपनी पूरी जान लगा दी और आखिरकार वो इसमें कामयाब भी हुई. इतना ही नहीं यवनिका ने खुद के लिए नई मंजिल तय की है और इसे पाने के लिए वो नेशनल लॉ कॉलेज बंगलौर में एलएलएम कोर्स में एडमिशन लेकर पढ़ाई भी कर रही हैं. यवनिका का कहना है कि रायपुर की पांच साल की जर्नी में कॉलेज, फैकल्टी और साथी स्टूडेंट्स ने उसका बहुत सपोर्ट किया, जिसके लिए वो हमेशा उनका आभारी रहेंगी.

यह भी पढ़ें: CJI at HNLU convocation 2022: "सामाजिक पारदर्शिता बहुत जरूरी "

"देश में लगातार निकल रही वैकेंसी": मीडिया से बातचीत के दौरान यवनिका ने कहा कि " मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं जो काम करूं पूरी ईमानदारी से करूं. सभी के अंदर कानून की अवेयरनेस फैलाने का काम करूं. न्यायालयों में केस पेंडेंसी को लेकर अवनिका ने कहा कि मैंने यह नोटिस किया है कि दिल्ली न्यायालय में लगातार वैकेंसी निकल रही है. कोरोना के समय में 2 साल का गैप पाया लेकिन दिल्ली ज्यूडिशरी में अन्य राज्यों की अपेक्षा अच्छी भर्तियां निकल रही थी. वहीं छत्तीसगढ़ में भी अच्छी खासी वैकेंसी निकलती है. मैं आशा करती हूं कि आगे ऐसे ही वैकेंसी निकलेगी तो केस की पेंडेंसी भी कम होगी. हमारे देश के जजेस बहुत काम कर रहे हैं. जैसे-जैसे सिस्टम सुधरता रहेगा आगे न्यायालयों में केस पेंडेंसी के मामले कम होंगे.

रायपुर: कहते हैं कि मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इसे चरितार्थ करके दिखाया है दिल्ली की रहने वाली एक दृष्टिहीन छात्रा यवनिका ने. यवनिका रायपुर के हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ) से बीएएलएलबी (ऑनर्स) 2021 बैच की टॉपर हैं. इन्होंने प्रोफेशनल एथिक्स में गोल्ड मेडल हासिल किया (Yavanika became topper of Hidayatullah National Law University) है. यवनिका को ये गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की मौजूदगी में प्रदान किया गया.

दृष्टिहीन छात्रा यवनिका बनीं HNLU टॉपर

मां ने बेटी की पढ़ाई के लिए छोड़ दी नौकरी: बता दें कि यवनिका दृष्टिहीन छात्रा हैं. लेकिन इसे कभी भी यवनिका ने अपनी कमजोरी नहीं समझी. दिल्ली की रहने वाली यवनिका के पिता भारतीय रेल सेवा में अधिकारी हैं और मां स्पेशल एजुकेटर के तौर पर काम कर रही थीं. यवनिका ने फैसला लिया कि वो लॉ की पढ़ाई करेंगी. यवनिका ने रायपुर के हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ) में एडमिशन लिया. यवनिका को कोई परेशानी ना हो इसके लिए उनकी मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यवनिका के साथ ही रायपुर में पांच वर्ष तक रही.

मंजिल पाने के लिए लगातार यवनिका ने की मेहनत: अपने मंजिल को पाने में यवनिका ने अपनी पूरी जान लगा दी और आखिरकार वो इसमें कामयाब भी हुई. इतना ही नहीं यवनिका ने खुद के लिए नई मंजिल तय की है और इसे पाने के लिए वो नेशनल लॉ कॉलेज बंगलौर में एलएलएम कोर्स में एडमिशन लेकर पढ़ाई भी कर रही हैं. यवनिका का कहना है कि रायपुर की पांच साल की जर्नी में कॉलेज, फैकल्टी और साथी स्टूडेंट्स ने उसका बहुत सपोर्ट किया, जिसके लिए वो हमेशा उनका आभारी रहेंगी.

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"देश में लगातार निकल रही वैकेंसी": मीडिया से बातचीत के दौरान यवनिका ने कहा कि " मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं जो काम करूं पूरी ईमानदारी से करूं. सभी के अंदर कानून की अवेयरनेस फैलाने का काम करूं. न्यायालयों में केस पेंडेंसी को लेकर अवनिका ने कहा कि मैंने यह नोटिस किया है कि दिल्ली न्यायालय में लगातार वैकेंसी निकल रही है. कोरोना के समय में 2 साल का गैप पाया लेकिन दिल्ली ज्यूडिशरी में अन्य राज्यों की अपेक्षा अच्छी भर्तियां निकल रही थी. वहीं छत्तीसगढ़ में भी अच्छी खासी वैकेंसी निकलती है. मैं आशा करती हूं कि आगे ऐसे ही वैकेंसी निकलेगी तो केस की पेंडेंसी भी कम होगी. हमारे देश के जजेस बहुत काम कर रहे हैं. जैसे-जैसे सिस्टम सुधरता रहेगा आगे न्यायालयों में केस पेंडेंसी के मामले कम होंगे.

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