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कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामले एक हजार तक पहुंचे: राज्य में दवा की कमी! - लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन

कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या एक हजार की ओर बढ़ रहे हैं. राज्य में अब तक कुल 927 लोगों में यह फंगस कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में पाया गया है. इस बीच राज्य में लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की संख्या भी काफी कम है.

ब्लैक फंगस
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Published : May 29, 2021, 12:29 AM IST

Updated : May 29, 2021, 12:10 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या एक हजार की ओर बढ़ रहे हैं. राज्य में अब तक कुल 927 लोगों में यह फंगस कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में पाया गया है. 897 ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 17 ठीक हो गए हैं और 13 की मौत हो गई है.

ब्लैक फंगस के मरीजों की दिक्कतें

ब्लैक फंगस के लिए वैकल्पिक दवा की कमी है. लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की संख्या भी काफी कम है. यह बाजार में उपलब्ध नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार राज्यों को एम्फोटेरिसिन बी बांट रही है. कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से 20 हजार शीशियों की अपील की है, लेकिन अब जब इसे चरणबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है, तो राज्य को 10 हजार शीशियां मिल गई हैं. अतिरिक्त 10 हजार शीशियों की आपूर्ति अभी भी की जानी है.

कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामले
कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामले

एम्फोटेरिसिन बी एकमात्र ऐसी दवा है, जो ब्लैक फंगस के इलाज में कारगर है, लेकिन कमी के चलते केंद्र सरकार राज्य सरकार को इसकी कम शीशियां दे रही है.

वहीं इसका एक वैकल्पिक चिकित्सा इसाकुकोनाजोल - पॉसकोनाजोल है. डॉक्टरों ने विकल्प के तौर पर यह दवा दी, लेकिन अब ये दोनों दवाएं कर्नाटक में भी उपलब्ध नहीं हैं. यह बाजार में भी उपलब्ध नहीं है. यह वितरकों और चिकित्सा दुकानों में उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में ब्लैक फंगस की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की

मरीजों को केपीएमए पोर्टल पर एम्फोटेरिसिन बी के साथ इन दो दवाओं के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करके अनुरोध करना चाहिए, लेकिन राज्य में आपूर्ति ठीक नहीं चल रही है. इससे ब्लैक फंगस संक्रमण वाले मरीजों के इलाज के लिए इन दो वैकल्पिक दवाओं की कमी हो गई है.

बेंगलुरु : कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या एक हजार की ओर बढ़ रहे हैं. राज्य में अब तक कुल 927 लोगों में यह फंगस कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में पाया गया है. 897 ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 17 ठीक हो गए हैं और 13 की मौत हो गई है.

ब्लैक फंगस के मरीजों की दिक्कतें

ब्लैक फंगस के लिए वैकल्पिक दवा की कमी है. लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की संख्या भी काफी कम है. यह बाजार में उपलब्ध नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार राज्यों को एम्फोटेरिसिन बी बांट रही है. कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से 20 हजार शीशियों की अपील की है, लेकिन अब जब इसे चरणबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है, तो राज्य को 10 हजार शीशियां मिल गई हैं. अतिरिक्त 10 हजार शीशियों की आपूर्ति अभी भी की जानी है.

कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामले
कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामले

एम्फोटेरिसिन बी एकमात्र ऐसी दवा है, जो ब्लैक फंगस के इलाज में कारगर है, लेकिन कमी के चलते केंद्र सरकार राज्य सरकार को इसकी कम शीशियां दे रही है.

वहीं इसका एक वैकल्पिक चिकित्सा इसाकुकोनाजोल - पॉसकोनाजोल है. डॉक्टरों ने विकल्प के तौर पर यह दवा दी, लेकिन अब ये दोनों दवाएं कर्नाटक में भी उपलब्ध नहीं हैं. यह बाजार में भी उपलब्ध नहीं है. यह वितरकों और चिकित्सा दुकानों में उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में ब्लैक फंगस की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की

मरीजों को केपीएमए पोर्टल पर एम्फोटेरिसिन बी के साथ इन दो दवाओं के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करके अनुरोध करना चाहिए, लेकिन राज्य में आपूर्ति ठीक नहीं चल रही है. इससे ब्लैक फंगस संक्रमण वाले मरीजों के इलाज के लिए इन दो वैकल्पिक दवाओं की कमी हो गई है.

Last Updated : May 29, 2021, 12:10 PM IST
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