हैदराबाद: भारत राष्ट्र समिति की विधान परिषद सदस्य के. कविता को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तलब किए जाने के बाद उसी दिन गुरुवार को हैदराबाद में कुछ जगहों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी. एल. संतोष को 'वांछित' और 'लापता' बताने वाले पोस्टर दिखाई दिए. भाजपा की तेलंगाना इकाई ने आरोप लगाया है कि इन पोस्टरों के पीछे, राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का हाथ है. पोस्टरों में 'विधायकों की खरीद-फरोख्त में दक्ष' और 'चुनाव के समय नरेन्द्र मोदी के वादे 15 लाख रुपये की अदायगी ' जैसी टैग लाइनें दी गई थीं.
पोस्टर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी. एल. संतोष के खिलाफ लगाए गए आरोप, पिछले साल बीआरएस के कुछ विधायकों की कथित रूप से खरीद फरोख्त करने के मामले में पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने की मांग के संदर्भ में हैं.
तेलंगाना पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने संतोष को नोटिस भेजकर मामले के संबंध में उसके सामने पेश होने को कहा है. एसआईटी ने उन्हें मामले में बतौर आरोपी नामजद करने की भी मांग की थी लेकिन उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका खारिज कर दी. तेलंगाना उच्च न्यायालय ने पहले मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी थी और यह मामला वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीआरएस नेता के. कविता को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में 20 मार्च को पेश होने के लिए नया समन भेजा है. उन्हें गुरुवार को पेश होने का नोटिस भेजा गया था लेकिन वह उच्चतम न्यायालय में अपनी लंबित अपील का हवाला देते हुए ईडी के समक्ष आज पेश नहीं हुईं. उच्चतम न्यायालय में कविता ने मामले में अपनी गिरफ्तारी से राहत तथा समन रद्द किए जाने का अनुरोध किया है.
(पीटीआई- भाषा)
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