नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narednra Modi) ने कभी कहा था- न खाऊंगा न खाने दूंगा. अब भारतीय जनता पार्टी में इसी की तर्ज पर एक और मुहावरा बन गया है कि न बैठूंगा और ना ही बैठने दूंगा. चार राज्यों में प्रचंड जीत के बाद गुरुवार को कुछ ऐसा ही नजारा दिखा जहां दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में एक वृहद स्वागत कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. वहीं अगले ही दिन शुक्रवार को वो अपने गृह राज्य, गुजरात के, अहमदाबाद में रोड शो (Gujarat Road Show) कर रहे थे. गुजरात में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील के पद संभालने के बाद यह प्रधानमंत्री का पहला गुजरात दौरा है. हमेशा की तरह यह रोड शो भी भव्य रहा. कहीं ना कहीं यह आगामी विधानसभा से पहले भाजपा का शक्ति प्रदर्शन भी है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव विधानसभा की 182 सीटों के लिए 150 सीटों का लक्ष्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने भी रख दिया.
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भारतीय जनता पार्टी की 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है. किसी भी राज्य में भाजपा की जीत का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही मिल रहा है. जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है उनमें भी कई राज्यों में पार्टी के अंदर टकराव, मुख्यमंत्री को लेकर असंतोष और सरकार के प्रति नाराजगी के बाद भी लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट दिया. भाजपा इस मोमेंटम को अगले 2 साल तक भुनाने की रणनीति बना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवारवाद के खिलाफ मोर्चा खोल कर एक राज्यों में विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे हैं. केंद्र और राज्य की योजनाओं की निचले तबके तक पहुंच ने जातिगत वोट बैंक की राजनीति को भी नए सिरे से गढ़ा है.
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अब भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा फोकस गुजरात विधानसभा चुनाव के ऊपर है. यह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों का गृह राज्य होने के नाते उनके लिए भाजपा के लिए नाक की लड़ाई भी है. इसी वजह से इस राज्य के चुनाव की तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी गई है. वहीं पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी के अंदर इस बात को लेकर भी मंथन चल रहा है कि आम आदमी पार्टी के बढ़ते जनाधार से कैसे निपटा जाएगा. पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत ने उसे एक बड़ी पार्टी के तौर पर उभार दिया है. अब राज्यसभा में भी उसके सदस्यों की संख्या काफी बढ़ेगी. हालांकि भाजपा के नेताओं का कहना है कि पंजाब में आप की जीत का मतलब यह नहीं है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के लिए खतरा बन सकती है. क्योंकि यदि आप को बीजेपी के मुख्य विपक्ष के तौर पर आना है तो कम से कम पूरे देश में 100 सीटें जीतनी होगी.
वहीं सूत्रों की माने तो कांग्रेस के कमजोर होने से बीजेपी को यह आशंका जरूर है कि बीजेपी विरोधी वोट आम आदमी के पक्ष में पड़े. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का कहना है कि बीजेपी की यही खासियत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वह कभी आराम नहीं करती. लगातार वह जनता के कार्यों में जुड़ी रहती है. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में रोड शो को चुनाव की तैयारी मानी जाए या प्रधानमंत्री के प्रति लोगों में आकर्षण लेकिन इतना तो तय है कि गुजरात में भी भारतीय जनता पार्टी की जीत लगभग तय है. 2024 में भी प्रधानमंत्री मोदी को ही जनता दोबारा प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती है. उन्होंने कहा कि 2022 के रिजल्ट ने अभी से 2024 के परिणाम को भी तय कर दिया है.