कोलकाता : पश्चिम बंगाल में नकली COVID टीकाकरण अभियान मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध. इस दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीच रास्ते में ही रोक दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले पुलिस (Kolkata Police) ने कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति के मद्देनजर कार्यक्रम को वापस लेने की अपील की थी, लेकिन भाजपा ने इससे इनकार कर दिया और प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने कड़ी तैयारी की और कोलकाता नगर निगम इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी की तैनात किए.
बताया जा रहा है कि मूल रूप से घोषित मार्च के मार्ग से अचानक विचलित होकर भाजपा नेतृत्व ने शुरू में पुलिस को चकमा देने की कोशिश की. शुरुआत में यह घोषणा की गई थी कि जुलूस वेलिंगटन स्क्वायर से केएमसी भवन तक जाएगा, लेकिन अचानक बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार के नेतृत्व में टीम रास्ते से हट गई और गणेश चंद्र एवेन्यू से होकर आगे बढ़ने लगी. पुलिसकर्मी, हालांकि शुरू में हैरान थे, चांदनी चौक मेट्रो रेलवे स्टेशन के सामने उस जुलूस को रोकने में सफल रहे.
इस बीच भाजपा समर्थकों और पुलिस कर्मियों के बीच हाथापाई शुरू हो गई. पुलिस ने उनमें से कई को गिरफ्तार किया, जिनमें सायंतन बसु और अग्निमित्र पॉल जैसे भाजपा नेता और विधायक शामिल हैं.
कानून व्यवस्था बर्बाद
इस अवसर पर भाजपा नेता दिलीप घोष कहा कि टीएमसी फर्जी वैक्सीनेशन के कथित मास्टरमाइंड देबांजन देब और टीएमसी नेताओं और कोलकाता नगर निगम अधिकारियों के बीच संबंधों को छुपाने की कोशिश कर रहा है. प्रदर्शन राज्य पार्टी प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, नकली टीके लगाए जा रहे हैं. कानून-व्यवस्था की स्थिति बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि हम इस गठजोड़ का पर्दाफाश करने के लिए विरोध प्रदर्शन करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है.
इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने 26 जून को कोलकाता में कस्बा पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. यह विरोध राज्य में टीकाकरण घोटाले और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर किया गया था. विरोध के लिए भारी भीड़ जमा हुई थी.
मिमी चक्रवर्ती हुई थीं फर्जीवाड़े का शिकार
बता दें कि हाल ही में नकली COVID-19 टीकाकरण रैकेट चलाने वाले एक शख्स ने अभिनेत्री से सांसद बनीं मिमी चक्रवर्ती के साथ धोखाधड़ी की, जिसके बाद फर्जी टीकाकरण मामले का खुलासा हुआ. तृणमूल सांसद मिमी चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) के साथ धोखाधड़ी करने वाला यह शख्स फर्जी आईएएस अधिकारी पाया गया है. इसके अलावा इसने खुद को कोलकाता नगर निगम का आयुक्त भी बताया.
सांसद मिमी चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) ने कोलकाता के दक्षिणी किनारे के कस्बा (Kasba) में कोरोना टीकाकरण शिविर में वैक्सीन लगवाई. टीका लगने के एक दिन बाद भी मिमी को टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं मिला.
संदेह होने पर मिमी चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) ने राज्य मंत्री जावेद अहमद खान को सूचित किया. इसके अलावा स्थानीय पुलिस को भी मामले की सूचना दी गई. पुलिस ने कोलकाता नगर निगम (KMC) के अधिकारियों से पूछताछ की. केएमसी ने पुष्टि की कि उन्होंने कस्बा (Kasba) में कोरोना टीकाकरण शिविर को कोई अनुमति नहीं दी है.इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और देबांजन देब (Debanjan Deb) को गिरफ्तार किया. देबांजन ने ही खुद को केएमसी का डिप्टी कमिश्नर बताया था और कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन किया था.
पढ़ें- तृणमूल नेताओं की देबंजन देब के साथ सामने आई तस्वीरें, संबंधों को छिपाने की कोशिश
पुलिस ने आरोपी देबांजन के आवास पर छापेमारी की (जहां से नकली वैक्सीन शिविर आयोजित किए). टीम ने मौके से विभिन्न विभागों के कुछ स्टाम्प, जाली दस्तावेज बरामद किए. साथ ही तीन डेबिट कार्ड और बैंक पासबुक भी बरामद किए थे.
इसके बाद देबांजन देब के साथ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के साथ तस्वीरें सामने आई, जिसके बाद से ही विपक्ष टीएमसी पर हमलवार हो गया.