बेंगलुरु: राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में विजय संकल्प यात्रा निकालने जा रही है. विजय संकल्प यात्रा पहली मार्च से निकाली जाएगी, जो 20 दिनों तक चलेगी, जिसमें बीजेपी के तमाम कद्दावर नेता भाग लेंगे. इस यात्रा के दौरान पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी के तमाम केंद्रीय मंत्री, गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) शामिल होंगे.
पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी यात्रा के समापन यानी 20वें दिन ये योजना बना रही है कि इस यात्रा को बेंगलुरु या किसी महत्वपूर्ण क्षेत्र में एक मेगा रैली के रूप में तब्दील कर समापन किया जाए. इस रैली को प्रधानमंत्री की मेगा रैली के रूप में तब्दील करने की योजना है.
20 दिन की यात्रा में रोड शो, जन संपर्क अभियान और छोटी बड़ी रैलियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमे लक्ष्य रखा गया है कि कर्नाटक की सभी विधानसभाओं में ये जन संपर्क यात्रा निकाली जाए. कर्नाटक की विधानसभा 24 मई, 2023 में समाप्त हो रही है. उसके बाद राज्य में चुनाव होने हैं. राज्य में बीजेपी की सरकार है लेकिन संगठन में कई धड़े जो मौजूद हैं. उनमें बहुत ज्यादा एकता नजर नहीं आ रही है.
लिंगायत समुदाय के जनाधार वाले नेता येदियुरप्पा को पार्टी ने सीएम पद से हटाने के बाद उन्हें बीजेपी के संगठन की सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड में भी जगह दी गई है, बावजूद राज्य से हटने पर जो येदुरप्पा की जगह खाली हुई है, उसे फिलहाल कोई भी नेता काबिज नहीं हो पाया है. साथ ही पार्टी को डर है की कहीं लिंगायत समाज का गुस्से का खामियाजा ना भुगतना पड़े, येदियुरप्पा इस समुदाय के जनाधार वाले नेता रहे हैं.
वहीं, दूसरी ओर हाल ही में आए c voter के सर्वे में साल 2024 में यूपीए 60 फीसदी सीटें मिलने की संभावना दिखाई गई थी, जिसे लेकर बीजेपी काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. हालांकि, ये सर्वे विधानसभा चुनाव के लिए नहीं हैं लेकिन इसमें कर्नाटक में जिस तरह से यूपीए की लोकप्रियता बढ़ती दिखाई गई है, वह बीजेपी की चिंता बढ़ा रही है.
राज्य में लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं, जिनमें पिछली बार बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं. यही वजह है की बीजेपी राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के नेताओं के साथ-साथ पार्टी के केंद्रीय नेताओं की टीम की भी ताकत झोंक रही है.
इस मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी अरुण सिंह का कहना है कि बीजेपी सभी चुनाव को गंभीरता से लेती है. चाहे वो राज्य का या फिर लोकसभा का चुनाव हो. उन्होंने कहा की बीजेपी से पहले की सरकार ने राज्य में कोई डेवलपमेंट नहीं किया था, लेकिन पिछले पांच सालों में बीजेपी की सरकार ने जितना विकास कार्य किया है, वो आज तक किसी ने नहीं किया, इसलिए वहां दोबारा बीजेपी ही चुनकर आएगी.