मुंबई : भाजपा महासचिव पंकजा मुंडे ने ओबीसी मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra govt) पर निशाना साधा. पंकजा मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी कोटा (OBC quota) खत्म करने के लिए जिम्मेदार है. यह ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय है.
पंकजा ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर भाजपा 26 जून को पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
आशीष शेलार ने भी साधा निशाना
भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार महाराष्ट्र स्थानीय निकाय में पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस की सरकार द्वारा प्रदत्त अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को बचाने में नाकाम रही और आरोप लगाया कि प्रदेश के सत्ताधारी दल इस मामले में केंद्र पर झूठा आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को जारी नहीं रखे जाने के लिए महाराष्ट्र के मंत्री विजय वडेट्टीवार और छगन भुजबल तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को दोषी ठहराया.
भाजपा नेता ने कहा कि स्थानीय निकाय में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले दो लोग कांग्रेस के करीबी थे और इनमें से एक वाशिम से पूर्व विधायक का बेटा था. उन्होंने पटोले से इस जुड़ाव पर सफाई देने को कहा.
आंकड़ा न जुटाने का आरोप
शेलार ने यह दावा भी किया कि उद्धव ठाकरे सरकार ने अदालती मामले से पहले 15 महीने की अवधि तक स्थानीय निकायों में ओबीसी की संख्या को लेकर किसी तरह का अनुभवजन्य आंकड़ा एकत्र नहीं किया.
शेलार ने आरोप लगाया कि ओबीसी आरक्षण पर अदालत के आदेश के बाद राकांपा और कांग्रेस जैसे दल इसका दोष भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के मत्थे मढ़ रहे हैं.
पाटिल ने भी साधा था निशाना
इससे पहले बीते दिनों महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने राज्य सरकार पर शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण और स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण पर लापरवाह रवैया अपनाने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा था कि दोनों ही मामलों में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष मजबूती के साथ रखने में विफल रही.
ये है मामला
उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को निष्प्रभावी कर दिया था और इसे असंवैधानिक बताया था. वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर गौर करने के बाद आदेश दिया था कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों में आरक्षण कुल सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता.
पढ़ें- मराठा समुदाय के आत्मसम्मान के लिए बनाया था आरक्षण कानून : उद्धव
हालांकि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार नेआर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत दिये जाने वाले आरक्षण का लाभ मराठा समुदाय को देने की घोषणा की थी.
(एजेंसियां)