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OBC को लुभाने की तैयारी, बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित करेगी भाजपा - intellectual submits

ऐसे वक्त जब विपक्ष जातिगत जनगणना कराने की ज़िद पर अड़ा हुआ है भाजपा ने तय किया है कि वह ओबीसी-अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए सरकार की तरफ से कराए गए कामों का लेखा-जोखा लेकर चुनावी राज्यों में जाएगी. जानिए भाजपा के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने 'ईटीवी भारत' की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से खास बातचीत में क्या कहा.

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण
भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण
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Published : Oct 21, 2021, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : चुनावी राज्यों में भाजपा ओबीसी-अनुसूचित जाति-जनजाति को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही. यही वजह है कि सात साल के कामकाज के दौरान मोदी सरकार ने इस वर्ग के लोगों के लिए क्या-क्या काम किए हैं, इसी को लेकर पार्टी का ओबीसी मोर्चा बुद्धिजीवी सम्मेलन कराएगा, जिसकी शुरुआत दिल्ली से होगी.

देश भर में आयोजित बुद्धिजीवी सम्मेलनों के ज़रिये पार्टी ओबीसी वर्ग के लोगों को दरअसल ये बताना चाहती है कि मोदी सरकार ही उनकी असली हितैषी है. ये भी बताया जाएगा कि पिछड़ी जातियों के विकास के लिए सरकार ने संसद से ओबीसी कानून को पारित कराने के अलावा क्या-क्या योजनाएं तैयार की हैं.

ओबीसी के लिए सबसे ज्यादा काम मोदी सरकार ने किया : के. लक्ष्मण

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण से खास बातचीत

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने बताया कि पिछले 50 सालों में विपक्ष ने जितना काम पिछड़ी जातियों और अन्य अनुसूचित जाति जनजाति के लिए नहीं किया, उससे ज्यादा काम पिछले 7 साल में केंद्र की यूपीए सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी मंत्रियों को जगह दी गई. इसके अलावा 12 अनुसूचित जाति और 8 अनुसूचित जनजाति के मंत्रियों और 11 महिला मंत्रियों को भी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. यही नहीं 5 अल्पसंख्यक वर्ग के मंत्रियों को भी मोदी सरकार में जगह दी गई. लक्ष्मण ने दावा किया कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में सभी जाति और वर्गों को जगह दी गई है. उन्होंने कहा कि सवर्णों को भी मोदी सरकार ने आर्थिक आधार पर 10% का आरक्षण दिलवाया है जो आज तक किसी भी सरकार ने सोचा भी नहीं था.

'चुनाव देखकर रणनीति नहीं बनाते'
इस सवाल पर कि क्या ये सम्मेलन यूपी चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है, ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि 'भाजपा चुनाव को देखते हुए कोई भी रणनीति नहीं बनाती. अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए ये काम पिछले 7 सालों से देश में अनवरत चल रहे हैं. यह जरूर है कि विपक्षी पार्टियों के एजेंडे को भी जनता तक पहुंचाना जरूरी है. और यही वजह है कि ओबीसी और एसटी-एससी मोर्चा के तमाम अध्यक्षों और सदस्यों को उत्तर प्रदेश में हर जिले और ब्लॉक में लगाया गया है.'

उन्होंने कहा कि इन जगहों पर वहां जाकर वे सम्मेलन करेंगे और उनकी जाति और वर्ग के लिए सरकार ने क्या-क्या योजनाएं तैयार की हैं, उन्हें बताएंगे ताकि वे विकास की सीढ़ी से अछूते न रह जाएं.

पढ़ें- UP विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा OBC मोर्चा ने अभी से तैयार की रणनीति

नई दिल्ली : चुनावी राज्यों में भाजपा ओबीसी-अनुसूचित जाति-जनजाति को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही. यही वजह है कि सात साल के कामकाज के दौरान मोदी सरकार ने इस वर्ग के लोगों के लिए क्या-क्या काम किए हैं, इसी को लेकर पार्टी का ओबीसी मोर्चा बुद्धिजीवी सम्मेलन कराएगा, जिसकी शुरुआत दिल्ली से होगी.

देश भर में आयोजित बुद्धिजीवी सम्मेलनों के ज़रिये पार्टी ओबीसी वर्ग के लोगों को दरअसल ये बताना चाहती है कि मोदी सरकार ही उनकी असली हितैषी है. ये भी बताया जाएगा कि पिछड़ी जातियों के विकास के लिए सरकार ने संसद से ओबीसी कानून को पारित कराने के अलावा क्या-क्या योजनाएं तैयार की हैं.

ओबीसी के लिए सबसे ज्यादा काम मोदी सरकार ने किया : के. लक्ष्मण

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण से खास बातचीत

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने बताया कि पिछले 50 सालों में विपक्ष ने जितना काम पिछड़ी जातियों और अन्य अनुसूचित जाति जनजाति के लिए नहीं किया, उससे ज्यादा काम पिछले 7 साल में केंद्र की यूपीए सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी मंत्रियों को जगह दी गई. इसके अलावा 12 अनुसूचित जाति और 8 अनुसूचित जनजाति के मंत्रियों और 11 महिला मंत्रियों को भी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. यही नहीं 5 अल्पसंख्यक वर्ग के मंत्रियों को भी मोदी सरकार में जगह दी गई. लक्ष्मण ने दावा किया कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में सभी जाति और वर्गों को जगह दी गई है. उन्होंने कहा कि सवर्णों को भी मोदी सरकार ने आर्थिक आधार पर 10% का आरक्षण दिलवाया है जो आज तक किसी भी सरकार ने सोचा भी नहीं था.

'चुनाव देखकर रणनीति नहीं बनाते'
इस सवाल पर कि क्या ये सम्मेलन यूपी चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है, ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि 'भाजपा चुनाव को देखते हुए कोई भी रणनीति नहीं बनाती. अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए ये काम पिछले 7 सालों से देश में अनवरत चल रहे हैं. यह जरूर है कि विपक्षी पार्टियों के एजेंडे को भी जनता तक पहुंचाना जरूरी है. और यही वजह है कि ओबीसी और एसटी-एससी मोर्चा के तमाम अध्यक्षों और सदस्यों को उत्तर प्रदेश में हर जिले और ब्लॉक में लगाया गया है.'

उन्होंने कहा कि इन जगहों पर वहां जाकर वे सम्मेलन करेंगे और उनकी जाति और वर्ग के लिए सरकार ने क्या-क्या योजनाएं तैयार की हैं, उन्हें बताएंगे ताकि वे विकास की सीढ़ी से अछूते न रह जाएं.

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