नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत आज (16 अगस्त) दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में अपनी केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक बुलाई है. ऐसी बैठकें आमतौर पर चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही बुलाई जाती हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि इस बार पार्टी ने सीईसी की बैठक चुनाव की तारीखों का खुलासा होने से काफी पहले बुलाई है. हालांकि, इस बारे में तर्क यह दिया जा रहा है कि अंतिम समय में उम्मीदवारों के नाम तय होने से तैयारी ठीक से नहीं हो पाती है.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सभी 15 सीईसी सदस्य शामिल होंगे. बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम चुनावों के लिए अपनी तैयारी तेज कर रही है.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में कमजोर सीटों पर पार्टी को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा. बैठक में उम्मीदवारों के चयन और प्रचार रणनीति पर भी चर्चा होने की संभावना है. पार्टी ने उन सीटों की एक सूची तैयार की है जिन पर उसे लगता है कि अधिक ध्यान देने की जरूरत है. सूत्रों ने कहा कि राज्य नेतृत्व भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों तक पहुंचने सहित जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों पर प्रतिक्रिया देगा. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख अरुण साव और चुनाव अभियान से जुड़े इन दोनों राज्यों के अन्य पार्टी नेता भी सीईसी बैठक में शामिल हो सकते हैं.
इस साल के अंत में जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें से मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है. सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी आलाकमान कुछ बड़े फैसले ले सकता है. सूत्रों ने बताया कि सीईसी की बैठक के दौरान उन सीटों पर मंथन होगा, जिन पर पार्टी इन दोनों राज्यों में कमजोर स्थिति में है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी इन कमजोर सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पहले ही तय कर लेना चाहती है.
हालांकि, उनके नाम तुरंत सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं किये जायेंगे. सूत्रों के अनुसार, इन चयनित उम्मीदवारों को पार्टी द्वारा उनके नामों को अंतिम रूप देने के बारे में सूचित किया जाएगा और उन्हें अपना चुनाव अभियान शुरू करने का निर्देश दिया जाएगा ताकि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने तक वे प्रतिद्वंद्वी दलों के उम्मीदवारों पर बढ़त बना लें.
इस साल के अंत में जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में बीजेपी की सरकार नहीं है. पार्टी यहां जीत के लिए काफी तैयारी कर रही है. मिजोरम में सत्ताधारी पार्टी एमएनएफ ने इस महीने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव में सहयोगी भाजपा के खिलाफ वोट किया था. पार्टी ने गठबंधन में मतभेदों की ओर इशारा करते हुए मणिपुर की स्थिति से निपटने के भाजपा के तरीके की आलोचना भी की थी. इसी तरह मध्य प्रदेश में भी पार्टी के लिए चुनौतियां बड़ी हैं.