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बंगाल चुनाव : चौथे चरण में राहुल-प्रियंका को घेरने के लिए बीजेपी ने बनाई ये रणनीति

ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अपने कार्यकर्ताओं द्वारा डर का माहौल व्याप्त करने की कोशिश कर रहीं हैं. वहीं इस दिलचस्प चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जनता के बीच से गायब हैं.

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Published : Apr 7, 2021, 9:59 PM IST

Updated : Apr 8, 2021, 12:32 AM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार का चौथा चरण शुरू हो चुका है. लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के साथ ही अभी तक कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव प्रचार को लेकर न तो पश्चिम बंगाल गए और न ही कोई रैली की. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि अब उनकी पार्टी चौथे चरण के प्रचार में राहुल-प्रियंका की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाएगी. साथ ही कांग्रेस व ममता में हुए अंदरखाने के समझौते को जनता के सामने लाएगी.

पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का चुनाव प्रचार चल रहा है और राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता अभी तक एक भी रैली करने वहां नहीं गया. जबकि असम, केरल और तमिलनाडु में कांग्रेस के नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राहुल गांधी कई बार केरल जा चुके हैं और पूरा दारोमदार राहुल गांधी ने केरल पर लगा दिया है. प्रियंका गांधी ने भी केरल में रैली को संबोधित किया है.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल का बयान

हालांकि, पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि राहुल और प्रियंका चौथे चरण के बाद चुनाव प्रचार करेंगे. तब तक केरल में चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. मगर सूत्रों की मानें, तो मुद्दा यह है कि कांग्रेस वाम दलों के खिलाफ केरल में चुनाव लड़ रही है और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया है. ऐसे में पार्टी के बड़े नेता अगर रैली में कुछ बोलते हैं, तो उस पर विपक्षी पार्टियां आलोचना करेंगी. यही वजह है कि पार्टी वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम पश्चिम बंगाल में लगाने से डर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचार करना चाहती है.

सूत्रों की मानें तो अंदरखाने राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस हमेशा से ममता को लेकर चल रही है. जहां राज्य की राजनीति में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व ममता बनर्जी की आलोचना करता है, वही केंद्रीय नेतृत्व के साथ ममता बनर्जी के अच्छे संबंध हैं. अभी तक ममता के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कोई भी बयानबाजी नहीं की है. राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों के साथ गठबंधन किया था, तो अंदरखाने यूपीए के साथ चलने वाले अन्य दलों ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की थी.

अब जबकि शिवसेना, आरजेडी, एनसीपी जैसी तमाम पार्टियां खुलकर ममता बनर्जी के पक्ष में बयान दे रही हैं और चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. कई मुद्दों पर केंद्र के खिलाफ खड़े होने में भी ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ कदमताल करती हुई हाल के दिनों में दिखी हैं. सूत्रों का तो यह भी कहना है कि पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के साथ गठबंधन राहुल गांधी का अकेले का निर्णय था. कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता फायरब्रांड टीएमसी की नेत्री ममता बनर्जी को यूपीए के साथ लेकर चलना चाहते हैं. यही नहीं जी-23 के एक नेता ने इस बात पर सवाल भी उठाया था.

इस स्थिति को भांपते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चौथे चरण में तमाम वरिष्ठ नेताओं को यह कहा है कि वे इस मुद्दे को प्रचार में बढ़-चढ़कर उठाएं कि कांग्रेस का गठबंधन पश्चिम बंगाल में वामपंथियों के साथ है. मगर अंदरखाने वे ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के साथ हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने से बच रहे हैं.

इस सवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि ममता बनर्जी विपक्षी एकता की बात करती हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर रखने की बात करती हैं, यह स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है कि विपक्षी दलों का समूह चाहे वह कांग्रेस हो या फिर लेफ्ट या टीएमसी सभी मिले हुए हैं. वे पश्चिम बंगाल में जनता का हित नहीं कर सकते.

यह भी पढ़ें-डरा रही है कोरोना संक्रमण की रफ्तार, इन राज्यों में लगा 'मिनी लॉकडाउन'

ममता बनर्जी लोगों को डरा धमका कर या धार्मिक उन्माद फैलाकर पुनः सत्ता में नहीं आ सकती हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने दावा किया कि इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार वहां पर अवश्य बनेगी.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार का चौथा चरण शुरू हो चुका है. लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के साथ ही अभी तक कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव प्रचार को लेकर न तो पश्चिम बंगाल गए और न ही कोई रैली की. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि अब उनकी पार्टी चौथे चरण के प्रचार में राहुल-प्रियंका की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाएगी. साथ ही कांग्रेस व ममता में हुए अंदरखाने के समझौते को जनता के सामने लाएगी.

पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का चुनाव प्रचार चल रहा है और राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता अभी तक एक भी रैली करने वहां नहीं गया. जबकि असम, केरल और तमिलनाडु में कांग्रेस के नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राहुल गांधी कई बार केरल जा चुके हैं और पूरा दारोमदार राहुल गांधी ने केरल पर लगा दिया है. प्रियंका गांधी ने भी केरल में रैली को संबोधित किया है.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल का बयान

हालांकि, पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि राहुल और प्रियंका चौथे चरण के बाद चुनाव प्रचार करेंगे. तब तक केरल में चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. मगर सूत्रों की मानें, तो मुद्दा यह है कि कांग्रेस वाम दलों के खिलाफ केरल में चुनाव लड़ रही है और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया है. ऐसे में पार्टी के बड़े नेता अगर रैली में कुछ बोलते हैं, तो उस पर विपक्षी पार्टियां आलोचना करेंगी. यही वजह है कि पार्टी वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम पश्चिम बंगाल में लगाने से डर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचार करना चाहती है.

सूत्रों की मानें तो अंदरखाने राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस हमेशा से ममता को लेकर चल रही है. जहां राज्य की राजनीति में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व ममता बनर्जी की आलोचना करता है, वही केंद्रीय नेतृत्व के साथ ममता बनर्जी के अच्छे संबंध हैं. अभी तक ममता के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कोई भी बयानबाजी नहीं की है. राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों के साथ गठबंधन किया था, तो अंदरखाने यूपीए के साथ चलने वाले अन्य दलों ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की थी.

अब जबकि शिवसेना, आरजेडी, एनसीपी जैसी तमाम पार्टियां खुलकर ममता बनर्जी के पक्ष में बयान दे रही हैं और चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. कई मुद्दों पर केंद्र के खिलाफ खड़े होने में भी ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ कदमताल करती हुई हाल के दिनों में दिखी हैं. सूत्रों का तो यह भी कहना है कि पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के साथ गठबंधन राहुल गांधी का अकेले का निर्णय था. कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता फायरब्रांड टीएमसी की नेत्री ममता बनर्जी को यूपीए के साथ लेकर चलना चाहते हैं. यही नहीं जी-23 के एक नेता ने इस बात पर सवाल भी उठाया था.

इस स्थिति को भांपते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चौथे चरण में तमाम वरिष्ठ नेताओं को यह कहा है कि वे इस मुद्दे को प्रचार में बढ़-चढ़कर उठाएं कि कांग्रेस का गठबंधन पश्चिम बंगाल में वामपंथियों के साथ है. मगर अंदरखाने वे ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के साथ हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने से बच रहे हैं.

इस सवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि ममता बनर्जी विपक्षी एकता की बात करती हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर रखने की बात करती हैं, यह स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है कि विपक्षी दलों का समूह चाहे वह कांग्रेस हो या फिर लेफ्ट या टीएमसी सभी मिले हुए हैं. वे पश्चिम बंगाल में जनता का हित नहीं कर सकते.

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ममता बनर्जी लोगों को डरा धमका कर या धार्मिक उन्माद फैलाकर पुनः सत्ता में नहीं आ सकती हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने दावा किया कि इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार वहां पर अवश्य बनेगी.

Last Updated : Apr 8, 2021, 12:32 AM IST
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