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मोदी के बयान पर सवाल उठाने वालों को किताब देखकर मायूस होना पड़ेगा : भाजपा

बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में शामिल होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद विपक्ष ने उन पर निशाना साधा था. अब भाजपा ने एक किताब का जिक्र कर विपक्ष पर पलटवार किया है.

1978 में प्रकाशित किताब
1978 में प्रकाशित किताब
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Published : Mar 27, 2021, 5:00 PM IST

नई दिल्ली : बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में शामिल होने के प्रधानमंत्री के बयान पर विपक्ष के बयानों पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा की ओर से एक किताब का जिक्र किया गया है. भाजपा के प्रवक्ता भरत पंडया ने एक ट्वीट कर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा कि 'पीएम मोदी ने बांग्लादेश के निर्माण के लिए सत्याग्रह में भाग लेने और इसके लिए जेल जाने का ढाका में ज़िक्र क्या किया, उनके आलोचकों के पेट में दर्द हो गया. संदेह का माहौल खड़ा किया जाने लगा! इन आलोचकों को 1978 में प्रकाशित इस किताब के बैक कवर को देखकर मायूस होना पड़ेगा!'

भरत पंडया का ट्वीट
भरत पंडया का ट्वीट

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ देश की स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

पढ़ें- बांग्लादेश की आजादी के लिए मैनें भी सत्याग्रह किया था : पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 'बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था. मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था. बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में तब मैंने गिरफ्तारी भी दी थी और जेल जाने का अवसर भी आया था. यानि बांग्लादेश की आजादी के लिए जितनी तड़प इधर थी, उतनी ही तड़प उधर भी थी.'

नई दिल्ली : बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में शामिल होने के प्रधानमंत्री के बयान पर विपक्ष के बयानों पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा की ओर से एक किताब का जिक्र किया गया है. भाजपा के प्रवक्ता भरत पंडया ने एक ट्वीट कर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा कि 'पीएम मोदी ने बांग्लादेश के निर्माण के लिए सत्याग्रह में भाग लेने और इसके लिए जेल जाने का ढाका में ज़िक्र क्या किया, उनके आलोचकों के पेट में दर्द हो गया. संदेह का माहौल खड़ा किया जाने लगा! इन आलोचकों को 1978 में प्रकाशित इस किताब के बैक कवर को देखकर मायूस होना पड़ेगा!'

भरत पंडया का ट्वीट
भरत पंडया का ट्वीट

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ देश की स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

पढ़ें- बांग्लादेश की आजादी के लिए मैनें भी सत्याग्रह किया था : पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 'बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था. मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था. बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में तब मैंने गिरफ्तारी भी दी थी और जेल जाने का अवसर भी आया था. यानि बांग्लादेश की आजादी के लिए जितनी तड़प इधर थी, उतनी ही तड़प उधर भी थी.'

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